पूरे पैसे लेकर भी रुका है इस सोसाइटी का निर्माण, भटक रहे बायर

समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : पूरे पैसे लेकर भी रुका है इस सोसाइटी का निर्माण, भटक रहे बायर

पूरे पैसे लेकर भी रुका है इस सोसाइटी का निर्माण, भटक रहे बायर

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन-4 में अधूरी बनी सोसाइटी न्यूटेक ला पैलेसिया के निवासी बहुत परेशान हैं।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन-4 में अधूरी बनी सोसाइटी न्यूटेक ला पैलेसिया के निवासी बहुत परेशान हैं। उनकी सोसाइटी का निर्माण लंबे समय से रुका हुआ है। निवासियों का कहना है, हमने जीवन भर की गाढ़ी कमाई इस प्रोजेक्ट में डाल दी है, और हम लुट गए हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद बिल्डर के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण भी हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।

कीर्ति राज इस सोसाइटी के निवासी हैं। वह कहते हैं, "इस पूरी सोसाइटी में हम बस 5-6 बायर्स ही रहते हैं। बाकी सब बायर्स फ्लैट मिलने की उम्मीद में आस-पास किराये के मकान में रहते हैं। ये सोसाइटी तीन टॉवर की बनने वाली थी, लेकिन आज तक सिर्फ एक ही टॉवर खड़ा हुआ है। 2013 में टॉवर नम्बर डी बना था, जो 80 % बना हुआ है। उसके बाद से आज तक कोई कंस्ट्रक्शन नहीं हुआ है। इस एक टॉवर का भी बस 80% कंस्ट्रक्शन बहुआ है और उसी में हम रह रहे हैं।" दूसरे निवासी राजीव कुमार का कहना है कि ये प्रोजेक्ट 2013 में लांच हुआ था और इसका कार्य लम्बे समय तक अटक-अटक कर चला और फिर एक दम से बंद हो गया।  हमे जीवनभर का घाटा हुआ है।"

एनसीएलटी में 2019 में बिल्डर हारा
राजीव कुमार बताते हैं, "केस हारने के बावजूद बिल्डर ने दलीलें दी कि केस वापस ले लो, मैं काम पूरा करवा दूंगा। इस प्रलोभन में हम आ गए और हमने केस वापस ले लिया। क्यूंकि आईआरपी को देने के लिए बजट नहीं था, जो लगभग 8 लाख बैठ रहा था। केस वापस लेते ही काम शुरू हुआ, लेकिन कोरोना के चलते फिर बंद हो गया। रेरा से जो समय मिला वो भी हो खत्म हो गया है।" एक अन्य बायर कीर्ति राज बताते हैं, "कोरोना के बाद हमने बिल्डर को समझाया कि आप काम शुरू करो बाकी बायर्स से पैसा दिलवाना हमारी जिम्मेदारी है। रेरा से अप्रूवल लेने के लिए सेक्शन-8 के तहत हम वहां गए। हम सभी निवासियों ने लाख-लाख रुपये जोड़कर पैसे मिलाये और रेरा में अर्जी डाली। एसोसिएशन बनाकर वहां पेपर जमा किए। उसके बाद पीएनबी हाउसिंग से लोन शुरू किया। जैसे ही लोन शुरू हुआ बिल्डर ने फिर काम रोक दिया।"

तीन महीने का समय मांगा और कर दिया काम ठप्प 
कीर्ति राज आगे कहते हैं, "24 बायर्स ने फाइनल पेमेंट का एनओसी लिया और केवल 7 बायर्स को फ्लैट दिया। बाकि बायर्स का 100% पेमेंट लेने के बाद कहा कि तीन महीने का टाइम ले रहा हूं और काम तब से ठप है। सेक्शन-8 में आने के बाद बिल्डर रेरा से मिल गया या रेरा बिल्डर से मिल गया। आखिर क्यों रेरा एक्शन नहीं ले रहा है? डेडलाइन दिसंबर 2022 की थी, जो क्रॉस हो गई है। अब हम क्या करें? किसके पास जाएं?" 

'तीन महीने से सील था ये ऑफिस'
कीर्ति राज कहते हैं, "हमने सब देख लिया। कुछ निवासी एनसीएलटी के लिए कोशिश कर रहे हैं। हम लोग धरना दे रहे हैं। धरने से पहले हमने बिल्डर को भी बुलाया था। वह बात करने नहीं आये। एसडीएम ने भी आज इनके ऑफिस पर ताला जड़ दिया है। तीन महीने से यह ऑफिस सील था। आज ही ओपन हुआ और आज ही वापस ताला जड़ गया है। हम एक खतरे वाली जगह रह रहे हैं। जहां न मेन्टेन्स स्टाफ है और न सुविधाएं हैं। बिल्डर ने बस 5 सिक्योरिटी गार्ड् रख रखे हैं और कोई सिक्योरिटी सिस्टम नहीं है। सफाई करने के लिए बस एक आदमी है।"

डायरेक्टर ने इस बारे में बात करने से किया 
कीर्ति राज बताते हैं कि जब इस मामले में हमने बात करनी चाही तो डायरेक्टर ने ये कह कर कॉल काट दिया कि इस बारे में कुछ नहीं कह सकता है।" कीर्ति राज बताते हैं कि सेक्शन-8 में पूरी तरह रेरा की जिम्मेदारी बनती है। अथॉरिटी के साथ मिलकर इस काम को करवाने का आदेश रेरा को देना चाहिए। जब हम लोगों ने देखा कि केस रेरा में जा चुका है तो उम्मीद जगी। मेरे कहने पर लोगों ने पैसा जमा करवाना शुरू कर दिया था। मैं खड़े रहकर हर फ्लैट में रोजाना काम करवा रहा था। फिट आउट का लेटर भी जारी हो गया था। चार महीने पहले बिल्डर ने कहा कि ये कॉन्ट्रेटर अच्छा काम नहीं कर रहा है और उसको हटा  दिया। उसके बाद एक-एक करके मजदूर गायब होते गए।"

40 निवासियों ने दिया धरना 
मंगलवार को 40 लोगों ने बिल्डर के खिलाफ धरना दिया है। इन लोगों ने कहा कि आगे इसे आंदोलन बनाएंगे। बिल्डर का बहुत असंतोषजनक रवैया है। हमारी मांगे नहीं सुनी जाएंगी तो हम रेरा के ऑफिस जाकर अनशन पर बैठेंगे। रेरा के चेयरमैन से बात करके गुजारिश करेंगे कि हमारा काम करवाओ।
 

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