केंद्र सरकार को भेजी गई डीपीआर, मंजूरी के बाद शुरू होगा निर्माण, 17 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट पर होंगे 11 स्टेशन 

Greater Noida West Metro : केंद्र सरकार को भेजी गई डीपीआर, मंजूरी के बाद शुरू होगा निर्माण, 17 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट पर होंगे 11 स्टेशन 

केंद्र सरकार को भेजी गई डीपीआर, मंजूरी के बाद शुरू होगा निर्माण, 17 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट पर होंगे 11 स्टेशन 

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida West News : काफी सालों से मेट्रो का इंतजार कर रहे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों का इंतजार अब जल्द ही सामाप्त हो सकता है। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेज दी है। इस परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों को इसका लाभ होगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने पहले ही इस डीपीआर को मंजूरी दे दी थी। 

जाम की समस्या में भी आएगी कमी
यह रूट एक्वा लाइन का एक्सटेंशन होगा, जो सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक मेट्रो चला रहा है। एनएमआरसी के अधिकारियों का मानना है कि इस रूट से 130 मीटर रोड पर लगने वाले जाम में कमी आएगी। अधिकारियों के मुताबिक, इस डीपीआर को अब केंद्र सरकार से मंजूरी के लिए भेजा गया है। जैसे ही मंजूरी मिलती है, इसके निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अगर मंजूरी जल्दी मिलती है, तो अगले साल के अंत तक निर्माण शुरू हो सकता है।

पिछले 10 साल से हो रही है मेट्रो की मांग 
एनएमआरसी अधिकारियों का कहना है कि इस रूट पर मेट्रो की शुरुआत में सवा लाख राइडरशिप रहने की संभावना है। यह रूट उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा जो पिछले 10 साल से मेट्रो की मांग कर रहे थे। नेफोवा पदाधिकारियों ने भी मेट्रो चलने की उम्मीद जताई है, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग जाम से राहत महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से लोगों का सफर बहुत आसान होगा।

इस रूट पर होंगे कुल 11 स्टेशन 
ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट पर सेक्टर-61 में इंटरचेंज स्टेशन बनाया जाएगा जहां एक्वा लाइन के सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक के रूट को जोड़ने के लिए ब्लू लाइन भी जुड़ेगी। इस इंटरचेंज स्टेशन के कारण यात्रियों को मेट्रो बदलने के लिए नीचे नहीं उतरना पड़ेगा। जिससे यात्रियों का अनुभव और अधिक सुविधाजनक होगा। इस रूट पर कुल 11 स्टेशन होंगे, और यह लगभग 17 किलोमीटर लंबा होगा। परियोजना की लागत लगभग 3,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं इस मामले में एनएमआरसी के एमडी लोकेश एम का कहना है कि इस रूट की डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है और मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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