कड़ाके की ठंड के बीच फ्लैट खरीदार फिर सड़क पर उतरे, प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा वेस्ट : कड़ाके की ठंड के बीच फ्लैट खरीदार फिर सड़क पर उतरे, प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

कड़ाके की ठंड के बीच फ्लैट खरीदार फिर सड़क पर उतरे, प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

Tricity Today | प्रदर्शन

Greater Noida West : कड़ाके की ठंड के बीच ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों का प्रदर्शन इस रविवार भी जारी रहा। सुबह बड़ी संख्या में निवासी एक मूर्ति गोल चक्कर के पास एकत्र हुए। हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन पिछले कई सप्ताह से हर रविवार हो रहा है। इनका बस एक ही सवाल है, हमारे घरों पर कब्जा कब मिलेगा? विकास प्राधिकरण इनके घरों की रजिस्ट्री कब करवाएगा? एक तरफ ईएमआई और दूसरी तरफ किराया
इन लोगों ने कहा, "हम दोहरी मार झेलने के लिए मजबूर हैं। एक तरफ बैंकों की ईएमआई चुकानी पड़ रही हैं तो दूसरी तरफ आज भी किराए के मकान में रह रहे हैं। हर महीने किराया भी देना पड़ता है। इस दोतरफा मार के चलते परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने वर्ष 2009 में फ्लैट बुक करवाए थे। आज 14 साल बाद भी उन्हें उनका आशियाना नहीं मिला है। परिवार में जो बच्चे उस वक्त साल या दो साल के थे, वह आज 12वीं या ग्रेजुएशन में आ चुके हैं। उनके पढ़ाई-लिखाई के खर्चे अलग से हैं। कुल मिलाकर फ्लैट खरीदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हुआ है। जिसके चलते हजारों परिवारों की स्थिति दयनीय बन चुकी है।"

घर के इंतजार में मर गए बहुत सारे लोग
फ्लैट खरीदारों ने कहा, "हम लोग तो बुरे दिनों से गुजर रहे हैं लेकिन सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिनकी दशा हमसे भी खराब है। फ्लैट बुक करने वाले और पैसा चुकाने वाले परिवार के सदस्य मर गए हैं। कुछ लोग बीमारी के चलते चले गए हैं। बड़ी संख्या में कोविड-19 महामारी ने छीन लिए हैं। ऐसे परिवारों की हालत का अंदाजा लगा कर देखिए। इस सब के बावजूद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। बिल्डरों पर सख्ती के नाम पर उन्हें छूट दी जा रही है। बिल्डरों के कानूनी अधिकार हैं, लेकिन फ्लैट खरीदारों का कोई कानूनी हक नहीं है।

कई हफ्तों से हर रविवार होता है प्रदर्शन
फ्लैट खरीदारों का यह प्रदर्शन पिछले कई हफ्तों से लगातार चल रहा है। रविवार को इन लोगों के दफ्तरों की छुट्टी होती है। लिहाजा, बड़ी संख्या में कभी एक मूर्ति गोल चक्कर तो कभी चार मूर्ति गोल चक्कर पर एकत्र होते हैं। वहां कड़ाके की ठंड के बीच नारेबाजी करते हैं। धरना-प्रदर्शन करके विरोध जाहिर करते हैं। सारे फ्लैट खरीदार अपने घरों से बैनर और पोस्टर लेकर निकलते हैं। इन लोगों का कहना है कि इस सबके बावजूद उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। उत्तर प्रदेश में साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो बड़ी उम्मीदें थीं। अब उन्हें बतौर मुख्यमंत्री काम करते 6 वर्ष बीत चुके हैं। दूसरा कार्यकाल चल रहा है लेकिन फ्लैट खरीदारों के हालात जस के तस हैं।

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