जिले के दो बड़ी परियोजना रैपिड मेट्रो और जेवर एयरपोर्ट के लिए दिए सुझाव

गौतमबुद्ध नगर विकास समिति पहुंची यमुना प्राधिकरण : जिले के दो बड़ी परियोजना रैपिड मेट्रो और जेवर एयरपोर्ट के लिए दिए सुझाव

जिले के दो बड़ी परियोजना रैपिड मेट्रो और जेवर एयरपोर्ट के लिए दिए सुझाव

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर विकास समिति पहुंची यमुना प्राधिकरण

Greater Noida West : गौतमबुद्ध नगर विकास (Gautam Budh Nagar Vikas) ने जेवर हवाई अड्डे रैपिड मेट्रो के लिए यातायात बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए से यमुना प्राधिकरण और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) अरुण वीर सिंह के सामने प्रस्तावित योजना पेश की समिति की। 

इन बातों को लेकर दिया सुझाव 
अध्यक्ष रश्मि पांडेय ने मीटिंग में संबोधित करते हुए कहा कि जेवर हवाई अड्डे के आने से यहां भविष्य में जनसंख्या विस्तार होगा। जिससे स्थानीय जगह पर भविष्य में रोड पर भीषण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गौतमबुद्ध नगर विकास समिति आपको सुझाव प्रस्तुत करती है कि यदि रैपिड मेट्रो के पिलर के साथ ही एक डबल डेकर फ्लाय ओवर निर्मित की जाए। जो नागपुर के फ्लायओवर के सफल मॉडल से प्रेरित हो। इससे हम कम लागत में एलिवेटेड रोड और स्थानीय यातायात के लिए एक ऑप्शन बना सकते है जो की रैपिड मेट्रो पिलर पर ही स्थापित होगा जो भविष्य में लोकल, हाईवे जैसे यातायात की कई स्तरीय कनेक्टिविटी का लाभ उठाया जा सकता है।

प्रस्तावित फ्लायओवर और एलिवेटेड सड़क परियोजना की मुख्य विशेषताएं और लाभ निम्नलिखित हैं :
1) रैपिड मेट्रो के साथ डेकर फ्लायओवर : 
डेकर फ्लाय ओवर को रैपिड मेट्रो प्रणाली को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाये जिससे हवाई अड्डे के यात्रियों के लिए सुगम यातायात विकल्प मिल सके, यह समय और आने जाने की सुविधा को बढ़ावा देगा। 

2) एलिवेटेड रोड की कनेक्टिविटी : 
इस मॉडल से  मेट्रो के स्तंभों के साथ ही एक एलिवेटेड सड़क बनायी जा सकती है, जो आगरा-मेरठ और लखनऊ एक्सप्रेस जैसे प्रमुख हाई वे को जोड़ती हो, साथ ही यह एलिवेटेड सड़क नेटवर्क सिटी स्तरीय रास्तों पर यातायात भीड़ को काफी कम करेगा।

3) बहु-स्तरीय यातायात प्रबंधन : 
डेकर फ्लायओवर में तीसरी स्तरीय सड़क शामिल की जा सकती है, जो चिल्ला बॉर्डर, नोएडा  से शुरू हो और स्थानीय यातायात के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की जाये। तथा यह डिज़ाइन यह सुनिश्चित करे है कि विभिन्न प्रकार के यातायात - मेट्रो यात्री, लंबी दूरी के यात्री, और स्थानीय निवासी - को प्रभावी रूप से अलग अलग रूप से विभाजित करेगा जो  भविष्य में यातायात को अनुकूलित करेगा।

4) बहु-प्राधिकरण सहयोग :
प्रस्तावित परियोजना नोएडा, जीएनआईडीए (Greater Noida Industrial Development Authority) और यमुना प्राधिकरण को लाभ पहुंचाएगी और परस्पर सहियोग और संसाधनों के उपयोग एवं क्षेत्रीय विकास के प्रति संपूर्ण दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही समिति द्वारा इस प्रस्ताव को सभी प्राधिकरणों को भी दिया जाएगा। एलिवेटेड सड़क को मैंटेन रखने और विकसित करने के लिए टोल टैक्स ले सकते हैं, जिससे निर्माण लागत निकालने के बाद इसे आम जनता के लिए इसे मुफ्त किया जा सकता है।

यह लोग रहे मौजूद 
यमुना प्राधिकरण और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अरुण वीर सिंह  ने कहाँ कि समिति का प्रस्ताव वह एनसीआर प्लानिंग बोर्ड (NCRPB) को भेजेंगे ताकि अगर यह मॉडल संभव होगा तो आगे चर्चा को बढ़ाया जाएगा। आज मीटिंग के दौरान अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय, महासचिव आदित्य अवस्थी , सचिव( ग्रेटर नोएडा) आर पी पाण्डेय, उपाध्यक्ष हिमांशु राजपूत एवं नमित रंजन उपस्थित रहे।

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