ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लैंडयूज घोटाले में बड़ा एक्शन, प्राधिकरण के 15 अफसरों पर गिरी गाज

BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लैंडयूज घोटाले में बड़ा एक्शन, प्राधिकरण के 15 अफसरों पर गिरी गाज

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लैंडयूज घोटाले में बड़ा एक्शन, प्राधिकरण के 15 अफसरों पर गिरी गाज

Tricity Today | Greater Noida West

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भू-उपयोग बदलने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 15 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन सारे अफसरों और कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रवृष्टि दी गई है। अब इन अफसरों व कर्मचारियों को प्रोन्नति व वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। यह कार्रवाई शासन की ओर से हुई है। आरोप है कि इन लोगों ने नियमों के विरुद्ध भू उपयोग बदल दिया। पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जमीन का उपयोग औद्योगिक था और बाद में इसको आवासीय कर दिया गया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेनो वेस्ट के 12 गांवों में 2008-09 में अर्जेंसी क्लॉज लगाकर जमीन अधिग्रहण किया था। इनमें पतवाड़ी, हैवतपुर, इटैड़ा, शाहबेरी, बिसरख, रोजा जलालपुर, मिलक लच्छी, एमनाबाद, तुस्याना, सैनी, रोजा याकूबपुर आदि गांव शामिल हैं। यह जमीन औद्योगिक विकास के लिए ली गई थी, लेकिन 2010 में खरीदी गई जमीन का भू उपयोग बदलकर आवासीय कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक करीब 89 लाख वर्ग मीटर जमीन का भू उपयोग बदला गया। भू उपयोग बदलने में नियमों की अनदेखी की गई।

अदालत के आदेश पर शुरू हुई थी जांच : बताया जाता है कि किसानों को 800 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया गया। बिल्डरों को करीब 10 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन आवंटित की गई। इसके खिलाफ किसान हाईकोर्ट चले गए। इस मामले में अदालत ने भू उपयोग बदलने वाले अधिकारियों की जांच के आदेश दिए। मामले की जांच के बाद जनवरी 2012 में रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई। आरोपी अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार आ गई। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने विधानसभा में इस मामले को उठाया और बताया कि अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।

पिछले साल भेजी गई थी जांच रिपोर्ट : इसके बाद सरकार ने प्राधिकरण की तत्कालीन एसीईओ विभा चहल को जांच सौंपी। जांच पूरी होने से पहले उनका तबादला हो गया। जून 2019 में एसीईओ केके गुप्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने अगस्त में जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी। इस मामले में 21 अधिकारी दोषी पाए गए। इसमें कुछ सेवानिवृत्त हो गए तो कुछ आवास विकास परिषद के थे।

पदोन्नति नहीं मिल पाएगी : शासन ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 15 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रवृष्टि जारी की है। अब इन अधिकारियों और कर्मचारियों के पदोन्नति व वेतन वृद्धि में रुकावट आएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि भू-उपयोग बदलने के मामले में शासन ने 15 अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

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