बड़े स्कूल ने फीस बकाए का बहाना बनाकर मासूम बच्चों का रिजल्ट रोका, अभिभावकों में रोष

Greater Noida West: बड़े स्कूल ने फीस बकाए का बहाना बनाकर मासूम बच्चों का रिजल्ट रोका, अभिभावकों में रोष

बड़े स्कूल ने फीस बकाए का बहाना बनाकर मासूम बच्चों का रिजल्ट रोका, अभिभावकों में रोष

Google Image | Sarvottam International School

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित सर्वोत्तम इंटरनेशनल स्कूल पर मासूम बच्चों के साथ ज्यादती करने का आरोप लगा है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल मैनेजमेंट उन बच्चों की वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं कर रहा है, जिन्होंने स्कूल द्वारा मांगी गई फीस नहीं जमा की है। इस सिलसिले में गत शनिवार को एक दर्जन से ज्यादा अभिभावक स्कूल पहुंचे और बच्चों का रिजल्ट जारी करने की मांग की। लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने बकाए का हवाला देकर परिणाम जारी करने से मना कर दिया। इससे खफा अभिभावक आगामी दिनों में बड़े स्तर पर स्कूल में प्रदर्शन करेंगे।

निजी स्कूल कर रहे हैं मनमानी
बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर में निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक तंग हैं। नोएडा से जेवर तक के प्राइवेट स्कूल फीस के नाम पर पैरेंट्स से मोटी रकम वसूल रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद से ही अभिभावकों और स्कूल मैनेजमेंट के बीच खींचतान जारी है। दरअसल निजी विद्यालय रेगुलर फीस और शुल्क की मांग कर रहे हैं। जबकि अभिभावकों का कहना है कि पिछले पूरे साल कक्षाएं नहीं चली हैं। 

मुख्यमंत्री से भी फरियाद कर चुके हैं
बच्चों ने ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई की है। इसलिए ऑनलाइन क्लास के हिसाब से ही फीस की वसूली की जाए। इस संबंध में पैरेंट्स, अभिभावक संगठन और शहर की दूसरी स्वयंसेवी संस्थाएं गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और दूसरे अधिकारियों से फरियाद कर चुके हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस अहम मुद्दे से अवगत करा दिया गया है।लेकिन कहीं से कोई समाधान नहीं मिल रहा है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी है।

सर्वोत्तम स्कूल ने की ज्यादती
एक दिन पहले, शनिवार को सर्वोत्तम इंटरनेशनल स्कूल में अध्यनरत बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल मैनेजमेंट से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों के वार्षिक परिणाम घोषित करने की मांग की। लेकिन प्रबंधन ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। कहा गया कि इन सभी बच्चों की फीस बकाया है। दरअसल पूरा मामला एनुअल फीस को लेकर बिगड़ा है। स्कूल प्रबंधन सामान्य परिस्थितियों के हिसाब से वार्षिक शुल्क की डिमांड कर रहा है। 

वार्षिक शुल्क को लेकर है विवाद
जबकि अभिभावकों का कहना है कि पिछले साल से विद्यालय बंद हैं। बच्चे घर से ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं। ऐसी सूरत में वार्षिक शुल्क वसूलने का क्या औचित्य है। इस बारे में एक अभिभावक ने कहा कि हम वार्षिक शुल्क को छोड़कर बाकी सभी शुल्क देने के लिए तैयार हैं। लेकिन विद्यालय प्रबंधन अपनी जिद पर अड़ा है और मासूम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विद्यालय से शनिवार को निराश लौटे अभिभावक आगे की रणनीति बना रहे हैं। आगामी कुछ दिनों में भारी संख्या में पैरेंट्स स्कूल का घेराव करेंगे। उसमें बच्चों के रिजल्ट जारी करने की मांग उठाई जाएगी।

नए सत्र में दूसरे स्कूलों का रूख करेंगे
हालांकि 30-40 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल की पूरी फीस जमा कर दी है। विद्यालय प्रबंधंन ने उन बच्चों की वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। मगर ऐसे पैरेंट्स की संख्या कम है। ज्यादातर अभिभावक पूरी शुल्क जमा कर पाने में समर्थ नहीं हैं। अभिभावकों ने बताया कि अगर स्कूल प्रबंधन अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो हम आगामी सत्र में बच्चों का दाखिला किसी और विद्यालय में कराएंगे। पैरेंट्स ने स्थानीय प्रशासन से इस विषय पर मानवीय संवेदना रखते हुए बच्चों का रिजल्ट जारी करवाने की मांग की है। साथ ही अमानवीयता दिखाने वाले ऐसे स्कूलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

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