सस्पेंड के 4 दिन बाद बिसरख थाना प्रभारी बहाल, डीसीपी सुनीति समेत इन पुलिस वालों के खिलाफ कमिश्नर ने लिया था एक्शन

BIG BREAKING : सस्पेंड के 4 दिन बाद बिसरख थाना प्रभारी बहाल, डीसीपी सुनीति समेत इन पुलिस वालों के खिलाफ कमिश्नर ने लिया था एक्शन

सस्पेंड के 4 दिन बाद बिसरख थाना प्रभारी बहाल, डीसीपी सुनीति समेत इन पुलिस वालों के खिलाफ कमिश्नर ने लिया था एक्शन

Tricity Today | बिसरख थाना प्रभारी अरविंद कुमार

Greater Noida West : इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र में एक कैब चालक के साथ दरोगा ने लूटपाट की थी। इस मामले में काफी पुलिस वालों पर गाज गिरी थी। डीसीपी सेंट्रल नोएडा को तत्काल प्रभाव से पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने पद से हटा दिया था। इसके अलावा बिसरख थाना प्रभारी अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया था। अब सूचना चल रही है कि सस्पेंड के 4 दिन बाद ही अरविंद कुमार बहाल हो गए हैं। हालांकि, जिले के जिम्मेदार पुलिस अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

क्या था मामला, इन लोगों पर गिरी थी गाज
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के थाना बिसरख क्षेत्र में एक कैब चालक से 7 हजार रुपए लूटने के मामले में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एक्शन लिया था। बीते 7 अगस्त की रात को पुलिस कमिश्नर ने एसीपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर थाना बिसरख प्रभारी (एसएचओ) अरविंद सिंह, चौकी इंचार्ज गौर सिटी-1 सब इंस्पेक्टर रमेश चन्द्र और सब इंस्पेक्टर मोहित को निलम्बित कर दिया था। कैब चालक से पैसे लूटने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अमित मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा घटना का संज्ञान होने के बावजूद 2 दिन तक कार्रवाई न करने और घटना को छुपाने पर डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा सुनीति को पद से हटा दिया था। उसके स्थान पर आईपीएस अफसर शक्ति मोहन अवस्थी को डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा के पद पर नियुक्त किया गया है।

गौर सिटी चौकी इंचार्ज ने समझौते का बनाया दबाव 
मौके पर पहुंची ने पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी थी। पता चला कि वर्दी पहने पुलिसकर्मी गौर सिटी एक पर तैनात दारोगा था और अन्य अज्ञात व्यक्ति था। पीड़ित ने पुलिस चौकी पहुंचकर लिखित शिकायत दी थी। उनका आरोप है कि चौकी प्रभारी ने उस सब इंस्पेक्टर को बुलाकर पहचान करवाई, लेकिन उसका नाम नहीं बताया था। सात हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने को कहा, लेकिन वह ऐसा करने को तैयार नहीं हुए थे। उसके बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी।

दारोगा को बचाता रहा चौकी प्रभारी 
राकेश तोमर का आरोप था कि चौकी प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर को बचाते हुए उसके साथ शामिल अन्य चारों अज्ञात व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए सब इंस्पेक्टर का नाम शिकायत से वापस लेने को कहा था। वह नहीं तैयार हुए तो तीन दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की थी।

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