6 वर्षों तक 15 हजार रुपए में की नौकरी, अब चार साल में बन गया 50 करोड़ का मालिक

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा : 6 वर्षों तक 15 हजार रुपए में की नौकरी, अब चार साल में बन गया 50 करोड़ का मालिक

6 वर्षों तक 15 हजार रुपए में की नौकरी, अब चार साल में बन गया 50 करोड़ का मालिक

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा

Geater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित महागुन मायवुड सोसाइटी में कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ। इस गैंग के सरगना अंकुर गुप्ता ने 6 सालों तक 15 हजार रुपए प्रति माह की नौकरी की, लेकिन कॉल सेंटर खोलने के बाद 4 सालों में 50 करोड़ रुपए का मालिक बन गया। अंकुर गुप्ता ने ठगी के पैसों से कई लग्जरी गाड़ियां खरीदी। पुलिस ने अंकुर गुप्ता और उसके साथियों के कब्जे से 8 लग्जरी गाड़ियां बरामद की है।

अब तक 100 करोड़ रुपए की ठगी हुई
बिसरख पुलिस और यूपी एसटीएफ ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में चल रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस गैंग के 24 लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें इस कॉल सेंटर गैंग का सरगना भी शामिल है। यह गैंग ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बैठकर अमेरिका में रहने वाले लोगों से ठगी करता था। जांच में पता चला है कि इन लोगों ने अमेरिकी नागरिकों को मोबाइल बैंकिंग और बंद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को चालू करवाने के नाम पर 100 करोड़ रुपए की ठगी की है। 

2004 से 2011 तक कई कॉल सेंटरों में काम किया
इस गैंग का सरगना 39 वर्षीय अंकुर गुप्ता है। अंकुर गुप्ता ने एमबीए करने के बाद वर्ष 2004 से 2011 तक कई कॉल सेंटर में काम किया। उसके बाद वर्ष 2011 में आईफोन को इंपोर्ट करने का धंधा शुरू किया। इसी दौरान अंकुर गुप्ता की मुलाकात अमेरिकी नागरिक नितिन सिंह से हुई। नितिन सिंह की मदद से पहले अंकुर गुप्ता ने आईफोन की तस्करी शुरू की और फिर उसके बाद विदेशियों को ठगने के लिए कॉल सेंटर शुरू किया।

वर्ष 2019 में शुरू किया कॉल सेंटर
नोएडा एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि नितिन सिंह की मदद से अंकुर गुप्ता ने अमेरिका से आईफोन की तस्करी शुरू की थी। अमेरिका से आईफोन हांगकांग के रास्ते भारत लाए जाते थे और फिर एनसीआर समेत काफी इलाकों में सप्लाई की जाती थी। इसी बीच अंकुर गुप्ता की मुलाकात गुजरात के रहने वाले मुकेश शाह से हुई। मुकेश शाह ने वर्ष 2019 में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु से करवाई थी। उस समय हिमांशु कॉल सेंटर चलाकर विदेशी लोगों से धोखाधड़ी करता था। हिमांशु से ही अंकुर गुप्ता ने अमेरिकी नागरिकों को ठगने का रास्ता सीखा। इसी बीच अंकुर गुप्ता ने अपनी पूरी टीम बना ली और फर्जी कॉल सेंटर शुरू कर दिया।

अंकुर गुप्ता ने कई बैंक अकाउंट किराए पर लिए
अंकुर गुप्ता इंटरनेशनल कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को 25-30 हजार रुपए प्रति माह देता था। इसके अलावा अमेरिकी नागरिकों को ठगने के बदले बोनस भी मिलता है। कुछ आरोपियों को प्रतिशत के हिसाब से भी पैसे मिलते थे। अंकुर गुप्ता ने कुछ बैंक अकाउंट किराए पर लिए है। अमेरिकी नागरिकों से उनके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। इसके एवज में बैंक अकाउंट के मालिक को कमीशन मिलता था।

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