ऐस एस्पायर में स्वास्थ्य विभाग ने डेरा डाला, लोगों को मिली राहत

ग्रेटर नोएडा वेस्ट : ऐस एस्पायर में स्वास्थ्य विभाग ने डेरा डाला, लोगों को मिली राहत

ऐस एस्पायर में स्वास्थ्य विभाग ने डेरा डाला, लोगों को मिली राहत

Tricity Today | ऐस एस्पायर में स्वास्थ्य विभाग ने डेरा डाला

- निवासियों की जांच के लिए कैंप लगाया गया
- 5-6 दिनों से लोगों की हालत ख़राब
- घरों में सप्लाई होने वाले पानी से आ रही बदबू 

Greater Noida West News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐस एस्पायर (Ace Aspire) सोसायटी में रविवार को स्वास्थ्य विभाग ने डेरा डाल दिया है। मेडिकल डिपार्टमेंट ने जांच शिविर लगाया है। पीड़ित लोगों की जांच की गई और उन्हें उपचार दिया गया है। सोसाइटी में पिछले 5-6 दिनों से गंदे पानी की आपूर्ति के कारण लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। बड़ी संख्या में निवासी संक्रमित हुए तो हड़कम्प मच गया। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हालात सम्भालने में जुटे हैं।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित ऐस एस्पायर (Ace Aspire Society) सोसाइटी में दूषित पानी पीने से बच्चों के बीमार होने की खबर ट्राइसिटी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। शनिवार को दूषित पानी पीने से बच्चों में बीमारी का मामला सामने आया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने सोसाइटी का दौरा। 

विभाग के अफसरों ने कहा है कि रविवार को निवासियों की जांच के लिए कैंप लगाया गया है। दरअसल इस सोसायटी में 25-30 परिवारों में बच्चों को पिछले 5-6 दिनों से उल्टी-दस्त और पेट में संक्रमण की शिकायत हो रही है। डॉक्टरों ने बच्चों के बीमार पड़ने की वजह दूषित पानी बताया था। इसके बाद निवासियों ने शनिवार को जनरल मैनेजर अभिषेक यादव का घेराव किया था। निवासियों का कहना है कि घरों में सप्लाई होने वाले पानी से बदबू आ रही है।

सोसाइटी के दौरे पर पहुंचे एसीएमओ सुनील दोहरे और एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर श्रुति राना ने पीड़ित निवासियों से बातचीत की थी। एसीएमओ सुनील दोहरे ने कहा कि पानी की क्वालिटी को लेकर प्राधिकरण को चिट्ठी लिखी जाएगी। श्रुति राणा ने कहा कि किसी भी पीड़ित में मलेरिया के लक्षण नहीं है। फिर भी एहतियात बरतते हुए मलेरिया से बचाव के लिए छिड़काव कराया जाएगा। इसके लिए आदेश जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के दौरे और कैंप से निवासियों ने राहत की सांस ली है। 

मार्च से नहीं जांच हुई
निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने मार्च से अब तक पानी के सैंपल की जांच ही नहीं कराई है। यह बात भी सामने आई है कि पिछले एक हफ्ते से मेंटनेंस की तरफ से अथॉरिटी के सप्लाई पानी को भी रोक दिया गया था। बोरवेल से आने वाले गंदे पानी की सप्लाई घरों में की जा रही थी। निवासियों ने बिल्डर पर ठीक तरह से पानी के ट्रीटमेंट नहीं करने का आरोप लगाया और हर महीने पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट सोसायटी निवासियों के साथ साझा करने की मांग की है। 

खरीद कर इस्तेमाल कर रहे पानी
प्रदीप गुप्ता का कहना है कि उनके घर में सभी लोगों को उल्टी, दस्त और पेट में संक्रमण की शिकायत है। दूषित पानी की बात सामने आने के बाद वह मार्केट से पानी खरीद कर पी रहे हैं। तूलिका करमकार ने बताया कि उनके 6 महीने के बच्चे को दस्त हो रहे हैं। 10 साल का बच्चा पिछले काफी दिनों से पेट में दर्द की शिकायत कर रहा है। वो पानी उबाल कर पी रहे हैं।

हालत में सुधार है
अरविंद कुमार का कहना है कि उनकी डेढ़ साल की बेटी और ग्यारह साल के बेटे को उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की शिकायत हो रही है। पिछले पांच-छह दिनों से दवाई चल रही है। पत्नी और मुझे भी पेट में संक्रमण हो रहा है जिसकी वजह से उबाल कर पानी पी रहे हैं। सुदीप साहु का कहना है कि उनकी बेटी रातभर उल्टी और दस्त से त्रस्त रही। डॉक्टर को दिखाने के बाद वह बाहर से पानी मंगाकर पी रहे हैं। पानी बदलने के बाद थोड़ा आराम है।

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