लोगों में सांसद-विधायक के प्रति रोष, बोले- हमें 10 सालों में दिए केवल झूठे आश्वासन

कहानी Greater Noida West की : लोगों में सांसद-विधायक के प्रति रोष, बोले- हमें 10 सालों में दिए केवल झूठे आश्वासन

लोगों में सांसद-विधायक के प्रति रोष, बोले- हमें 10 सालों में दिए केवल झूठे आश्वासन

Tricity Today | Greater Noida West

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जन सुविधाओं का अभाव है, ऐसी शिकायतें यहां के निवासी लगातार विकास प्राधिकरण से करते रहते हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक भी पार्क मौजूद नहीं है। जिसके चलते यहां के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्कों के अलावा बन्द पड़ीं स्ट्रीट लाइट, ठप सीवर लाइन चॉक नाले यहां की बड़ी समस्याएं हैं।  स्थानीय निवासी अपनी समस्याओं को लेकर मुखर हैं। जिला प्रशासन, पुलिस, विकास प्राधिकरण, सांसद और विधायक को लगातार जानकारी देते रहते हैं। लोगों का कहना है कि हर चुनाव से पहले सांसद और विधायक बड़े-बड़े वायदे करके जाते हैं। उसके बाद वापस नहीं लौटते हैं। चुनाव एक तरह से सोसाइटी टूरिज्म हो गया है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव आने वाला है तो एक बार फिर झूठे वादों की झड़ी लगा दी जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान पार्क, स्कूल, अस्पताल, रामलीला मैदान, खेल का मैदान और डिग्री कॉलेज जैसी मूलभूत जरूरतों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने एक कदम भी नहीं उठाया है।

नेफोवा के सदस्य विकास कटियार ने बताया कि आज ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोई भी पार्क मौजूद नहीं है। जहां पर बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम, ग्रीनरी और फूल हो। हम सभी को अपने बच्चो को यहां से 25-30 KM दूर ग्रेटर नोएडा मिहिर भोज पार्क जाना पड़ता है। काफी लंबे समय से अथॉरिटी से ग्रेटर नोएडा सेक्टर वेस्ट टेकज़ोन-4 के इकलौते पार्क की बदहाली पर शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगता है प्राधिकरण ने सिर्फ शराबियों के लिए ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक पार्क बनाया है। जो रेयान इंटरनेशनल स्कूल के सामने स्थित है। इसके जीर्णोद्धार की अपील की जा रही है। उसके बावजूद आज भी यह पार्क अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस पार्क में अभी तक बच्चों के खलेने के लिए झूले नहीं लगे हैं। लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है। डस्टबिन तक प्राधिकरण ने नहीं लगाई हैं। पार्क में शौचालय नहीं हैं। खुले हुए मेनहॉल हैं, जिनमें बच्चे गिर सकते हैं। टूटी हुई बाउंड्री वॉल हैं। पार्क में बने हुए हट भी क्षतिग्रस्त हैं, इनकी मरम्मत करने की जरूरत है। बैठने के लिए सीटों का अभाव हैं। पार्क के सामने से खुले हुए नाले बह रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि आसपास काम कर रहे हैं बिल्डरों ने इस पार्क को मलबा डालने की जगह बना कर रख दिया है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का कहना है कि लोगों के पास सामुदायिक रूप से कोई स्थान नहीं है, जहां सुबह या शाम के वक्त जाकर व्यायाम किया जा सके। लोग घूम फिर सकें, बच्चे जाकर खेल सकें, यह पार्क सभी के लिए बेहद उपयोगी है। लेकिन विकास प्राधिकरण की उपेक्षा के चलते इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उल्टे यह पार्क यहां की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। आपराधिक तत्व शराबी और नशा करने वाले इस पार्क में पड़े रहते हैं। रात को पार्क में गाड़ियां लगाकर लोग शराब पीते हैं। जिससे यहां रहने वाले उस और जाने से भी डरते हैं। इन लोगों ने विकास प्राधिकरण से अपील की है कि इस पार्क का तत्काल जीर्णोद्धार किया जाए। जिससे यहां रहने वाले इसका लाभ उठा सकें।

प्राधिकरण ने एक साल पहले किया था ओपन जिम खोलने का वादा
विकास कटियार ने कहा, "मैं आपका ध्यान एक बहुत प्रमुख समस्या की ओर केंद्रित करना चाहूंगा। यहां पर रात के समय पार्क में उचित प्रकाश की व्यवस्था ना होने के कारण शरारती तत्व मदिरा सेवन करते हैं। जिसके कारण आसपास की सोसाइटी में रह रहे परिवार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं। आज मेरे साथ सागर गुप्ता, सुहैल अकबर आदि ने पार्क का सर्वे किया। पिछले वर्ष ऑथोरिटी ने इस पार्क में ओपन जिम लगाने का वादा किया था। ओपन जिम तो यहां बहुत बड़ी बात है, खुले हुए नाले और गटर अभी भी खुले पड़े हैं। जिससे दुर्घटना होने की संभावना है। वहीं, पार्क में बिल्डर का मलबा पड़ा हुआ है और पार्क में गंदगी भरी पड़ी है। 

गौड सिटी की निवासी अनिता प्रजापति ने कहा कि बिल्डर अपने फ्लैट बेचकर पूरी तरह से पल्ला झाड़ चुका है। प्राधिकरण से काम करवाने के लिये कई चक्कर लगाने पडते है। मूलभूत सुविधाओं शहर में उपलब्ध नहीं है। गौड सिटी-1 के आस-पास कोई फायर स्टेशन और गोलचक्कर पर ट्रैफिक लाईट भी नहीं है। स्थानीय प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव मे ही आते है। लेकिन इस बार इनको जवाब देना होगा।

सुमिल जलोटा का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसाइटी के आलावा कुछ नहीं है। शहर में ग्रीन बेल्ट नहीं है। प्राधिकरण और नेता शहर में पेड़ लगाने आते है और फोटो खिचवाते है। उसके बाद सभी गायब हो जाते है। 

अमित शर्मा का कहना है कि हमारे सांसद और विधायक दोनों को ही इसमें आगे बढ़कर काम करना चाहिए। लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। अब निवासियों को 2022 में इसका जवाब देना चाहिए। सांसद और विधायक सब शहर की सोसाइटी में खुद जनसंवाद करने आएंगे। वहीं उनसे FOB और अन्य बड़ी समस्याओं के समाधान का आश्वाशन मिल जाएंगे। लेकिन चुनाव के बाद कुछ याद नहीं रहेगा।

इको विलेज-1 के निवासी मनीष का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता की याद केवल चुनावी समय मे आती है। अब अगला चुनाव 2022 मे है। सभी पक्ष और विपक्ष वाले आपके गलियों में नज़र आएंगे। फिर से आश्वाशन मिलेगा, हम ये करा देंगे, हम वो करा देंगे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधियों  ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ पांव करके भी नहीं सोयेंगे। 

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल, केंद्रीय विद्यालय, सीजीएचएस मेडिकल फैसिलिटी, रामलीला मैदान, पार्क, सीसीटीवी कैमरे, ओवर ब्रिज फुटओवर ब्रिज जैसी मूलभूत सुविधाएं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में उपलब्ध नहीं है। उनका कहना है कि शहर में लोग अपने खून पसीने की कमाई से अपने सपनों का घर तो खरीदा लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे है। एक बड़ी रकम के रूप में हमने टैक्स, रजिस्ट्री के चार्जेस तो दिए लेकिन उसके बदले मूलभूत सुविधाओं का अभाव अभी भी है।

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