कमजोर बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनीं रश्मि, देखिए कैसे चमका रहीं हैं 'देश का भविष्य'

ए दिल तू जी जमाने के लिए : कमजोर बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनीं रश्मि, देखिए कैसे चमका रहीं हैं 'देश का भविष्य'

कमजोर बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनीं रश्मि, देखिए कैसे चमका रहीं हैं 'देश का भविष्य'

Tricity Today | 4 बच्चों का एडमिशन स्कूल में हुआ

Greater Noida West : "अपने लिए जिए तो क्या जिए, ए दिल तुझे जमाने के लिए", इस गीत पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाली सोशल वर्कर रश्मि पांडेय अक्षरसः अमल कर रही हैं। रश्मि और उनके साथियों ने मिलकर एक संस्था खड़ी की है, जो वंचित और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाले बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। रश्मि और उनके सहयोगी इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिल करवाया जा रहा है। रश्मि ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की लड़ाई बिल्डरों से लड़ी है। कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमितों को राहत पहुंचाने में बड़ी भागीदारी की थी।

सोमवार को 4 बच्चों का हुआ एडमिशन
सामाजिक संस्था एथोमार्ट चेरिटबल ट्रस्ट (EMCT) के प्रयासों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले 4 बच्चों का एडमिशन स्कूल में हुआ है। इनमें से एक बच्चे का एडमिशन माध्यमिक स्कूल और तीन बच्चों का एडमिशन प्राइमरी स्कूल में हुआ है। इएमसिटी संस्था काफी समय से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को पढ़ाई करवा रही हैं। 

रोजाना 3 घंटे पढ़ाया जाता है
संस्था की संस्थापक रश्मि पांडेय ने बताया कि उनकी टीम में 20 महिला काम कर रही है। जिसमें से अधिकतर हाउसवाइफ है। जैसे ही इन महिलाओं को समय मिलता है तो यह महिलाएं झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर बच्चों को शिक्षित करती हैं। उन्होंने झुग्गी-झोपड़ियों के पास एक क्लासरूम बना रखा है। जहां पर रोजाना शाम 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक मजदूरों के बच्चों को पढ़ाया जाता है।

65 गरीब बच्चे हो रहे शिक्षित
रश्मि पांडे ने बताया कि उनकी संस्था रोजाना 65 गरीब बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। सोमवार को उनकी संस्था की मेहनत रंग लाई और 4 बच्चों का एडमिशन स्कूलों में हुआ। जिसमें 13 साल की सुष्मिता का एडमिशन ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित एक माध्यमिक स्कूल और 3 बच्चों का एडमिशन प्राइमरी स्कूल में हुआ है। इसके अलावा मंगलवार को भी 5 बच्चों का एडमिशन स्कूल में किया जाएगा। जिससे यह बच्चे शिक्षित होकर आगे अपने परिवार का नाम रोशन कर सकें।

साल 2020 संस्था कर रही यह काम
टीम की एक सदस्य ने बताया, "इएमसिटी संस्था साल 2020 से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही है। इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी है, जिनकी शिक्षा लॉकडाउन के समय पर रूक गई थी और अब ऐसे बच्चों की दोबारा से क्लासेस शुरू हो गई है। हम यह कार्य आगे भी करते रहेंगे। हमारा मानना है कि इस इलाके में रहने वाला हर बच्चा स्कूल जाए।"

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