Greater Noida West : एक बार फिर आपके पसंदीदा न्यूज़पोर्टल "ट्राईसिटी टुडे" की खबर का असर देखने को मिला है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित बिसरख गांव में खसरा संख्या 773 पर अवैध कॉलोनी काटी जा रही थी। इसकी वीडियो के साथ ट्राईसिटी टुडे ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। अब इस मामले में एक्शन हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने 9 लोगों के खिलाफ बिसरख कोतवाली में शिकायत दी है।
इन लोगों के खिलाफ थाने पहुंचा मामला
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक गौरव बघेल ने बताया कि उनको एक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से मिला। जिसमें दिख रहा था कि कुछ लोग ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने देवेंद्र, कुलदीप, आदेश, भारत, गिरीश चंद्र और अभिषेक समेत 9 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
अवैध रूप से बना रहे फ्लैट और विला
गौरव बघेल की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर यह लोग अवैध रूप से विला, कॉलोनी और फ्लैट बनाकर लोगों को बेच रहे हैं। यह लोग उत्तराखंड और ग्रेटर नोएडा के रहने वाले हैं। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी।
वीडियो में क्या है?
दरअसल, यह पूरा मामला बिसरख गांव में खसरा नंबर-773 का है। यह जमीन वैसे तो प्राधिकरण की है, लेकिन कुछ माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में एक पेड़ के नीचे बैठकर खसरा नम्बर-773 के जमीन पर लोगों के बीच तकरार हो रही है। यह वीडियो करीब 29 सेकेंड का है। इसका वीडियो काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इस वीडियो में काफी लोग दिखाई दे रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का भू-माफियाओं पर शिकंजा
आपको बता दे कि ग्रेटर नोएडा में काफी तेजी के साथ अवैध अतिक्रमण हो रहा है। काफी लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनी और विला बना दिए हैं। जिनको तोड़ने का काम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी का कहना है कि जहां पर भी अवैध अतिक्रमण की शिकायत मिलती है, वहां पर पहले जांच की जाती है और उसके बाद एक्शन लिया जाता है। अभी तक एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की जमीन को अथॉरिटी ने वापस ले लिया है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। एक तरफ जहां तेजी के साथ अवैध अतिक्रमण को रोकने का काम किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ माफियाओं के भी हौसले लगातार बुलंद है। यह ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लिए एक चुनौती है।