ऐस सिटी की एओए में घमासान, चल रहा इस्तीफों का दौर

Greater Noida West : ऐस सिटी की एओए में घमासान, चल रहा इस्तीफों का दौर

ऐस सिटी की एओए में घमासान, चल रहा इस्तीफों का दौर

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Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी ऐस सिटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) में घमासान युद्ध चल रहा है। जिससे निवासी बहुत परेशान हैं। रातोंरात बोर्ड मीटिंग बुलाई जाती हैं और हाथोंहाथ नए पदाधिकारी घोषित किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर ऐसा क्या हो गया, जो उपाध्यक्ष और सचिव को इस्तीफा देना पड़ गया? नए सचिव  की नियुक्ति हो गई? इस बारे में जब बात की गई तो एओए के मौजूदा पदाधिकारियों ने सबकुछ नकारते हुए पल्ला झाड़ लिया। दूसरी तरफ निवासियों का कहना है कि जब से यह एओए आई हैं तब से सुविधाओं का बुरा हाल हो गया है।

क्या है मामला 
सोसायटी के निवासियों से मिली जानकारी के मुताबिक एओए के चुनाव से यह कहानी शुरू हुई। चुनाव में ओमवीर चौधरी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे लेकिन क्षेत्रवाद की रजनीति करके उन्हें दरकिनार किया गया। उन्हें कोई पद नहीं दिया गया। लिहाजा, ओमवीर और उनके समर्थकों ने एओए के कामकाज से किनारा कर लिया। अब करीब डेढ़ साल बाद अचानक उपाध्यक्ष नीलू यादव ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की वहज कामकाज में पारदर्शिता नहीं होना बताया है। उनके इस्तीफे पर अध्यक्ष राजीव सिंह ने हामी नहीं भरी और कहा कि मुद्दे पर चर्चा कर ली जाएगी।

नीलू त्यागी ने एओए पर सवाल उठाए
नीलू त्यागी ने इस्तीफा देते हुए अपने मेल में लिखा है कि सोसाइटी में ट्रांसपेरेंसी नहीं है। उनका यह इस्तीफा सोसायटी के टेलीग्राम ग्रुप पर आ गया। एक निवासी ने ट्राईसिटी टुडे को भेजा है। जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ये बहुत गलत है, जब आप 50 चीजों पर काम करते हैं और आपको इन्वॉल्व ना किया जाता तो आप पूछोगे तो सही कि क्यों नहीं इन्वॉल्व किया गया। मैं कुछ चीजों से नाखुश थी और वो सही हो सकती थीं। अब राजीव जी ने कहा है कि सब सही हो जाएगा।"

बात बाहर आने पर जताई नाराजगी 
नीलू यादव का कहना है, "ये सब सोसाइटी के अंदर की नहीं बल्कि एओए  का आतंरिक मुद्दा है, कमाल है बाहर क्यों गया? मैं हैरान हूं क्यूंकि मैंने मेल सिर्फ एओए के मेंबर्स को डाला था। अब वो ही मुद्दों का हल ढूंढ़ने की बजाय मामला बढ़ाएंगे तो क्या कर सकते हैं?"

बाहर होने की वजह से हटे सचिव
पहले सचिव उदय शंकर थे। उनको रातोंरात हटाया जाता है और हरीश कुमार को नया सचिव बनाया जाता है। इस बारे में जब पूछा गया तो नवनियुक्त सचिव हरीश कुमार कहते हैं, "उदय शंकर एक महीने से बाहर थे, कई काम होते हैं। कई जगह हस्ताक्षर लेने होते हैं और इस पोस्ट पर जो होता है, उसे यहां होना जरुरी होता है। इसिलए अब उनकी जगह मैंने ले ली है।"

ऐसा कुछ भी नहीं है : अध्यक्ष
एओए के अध्यक्ष राजीव कुमार ने सब भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि सब राजी खुशी हुआ है। हमारे यहां सब ठीक है, कोई इस्तीफे नहीं हुए हैं। उदय शंकर पुराने सचिव जब आएंगे, उनको मेंबर के तौर पर ले लिया जाएगा। अभी वो बाहर गए हुए हैं। आते ही मेंबर बना देंगे और नीलू भी उपाध्यक्ष रहेंगी।"

निवासियों ने कहा- बहुत गड़बड़ी हैं
दूसरी तरफ ऐस सिटी के कुछ निवासियों का कहना है कि अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन में सब कुछ ठीक नहीं है। क्षेत्रवाद और गुटबंदी पूरी तरह हावी है। सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले एग्जीक्यूटिव मेंबर को कोई पद नहीं दिया गया। क्षेत्रवाद के नाम पर लामबंदी करके उन्हें दरकिनार किया गया है। इस एओए के कार्यकाल में सोसायटी के हालात सुधारने की बजाय बहुत ज्यादा बिगड़े हैं। लगातार गंदा पानी सोसाइटी में सप्लाई हो रहा है। सफाई का लेवल भी गिरा है। हैंडोवर के दौरान कई तरह की गड़बड़ी की गई हैं। जिन पर पर्दा डालने के लिए सब कुछ अंदर खाने चल रहा है। एओए का कार्यकाल पूरा होने वाला है। चुनाव को लेकर भी तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। कुछ लोगों को बताया गया है कि केवल 3 सदस्यों का चुनाव करवाया जाएगा। बाकी सदस्यों को रिपीट कर दिया जाएगा। जबकि अपार्टमेंट एक्ट के मुताबिक सभी 10 सदस्यों का नए सिरे से चुनाव करवाया जाना चाहिए। मौजूदा पदाधिकारी गड़बड़ियों को बाहर आने से रोक रहे हैं।

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