हजारों निवासियों के लिए मसीहा हैं ‘कोविड हेल्पिंग हैंड’ ग्रुप के सदस्य, पूरी रात जागकर ऑक्सीजन का करते हैं इंतजाम, पढ़ें कैसे शुरू किया था अभियान

ग्रेटर नोएडा वेस्ट : हजारों निवासियों के लिए मसीहा हैं ‘कोविड हेल्पिंग हैंड’ ग्रुप के सदस्य, पूरी रात जागकर ऑक्सीजन का करते हैं इंतजाम, पढ़ें कैसे शुरू किया था अभियान

हजारों निवासियों के लिए मसीहा हैं ‘कोविड हेल्पिंग हैंड’ ग्रुप के सदस्य, पूरी रात जागकर ऑक्सीजन का करते हैं इंतजाम, पढ़ें कैसे शुरू किया था अभियान

Tricity Today | हजारों निवासियों के लिए मसीहा हैं ‘कोविड हेल्पिंग हैंड’ ग्रुप के सदस्य

कोरोना वायरस की इस जानलेवा महामारी के काल में अपने पराए हो गए हैं। करीबी दूरियां बनाने लगे हैं। ऐसे में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई सोसाइटीज में मददगार लोगों का एक समूह दिन-रात जरूरतमंद परिवारों की मदद में जुटा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के साथ ही इस टीम ने सेवा का जज्बा दिखाना शुरू किया। अब तक अथक-अनवरत उनके मदद की यात्रा जारी है। ऑक्सीजन सिलेंडर कलेक्ट कराने से लेकर दवाइयां और पीपीई किट पहुंचाने तक का सारा जिम्मा इस टीम के सदस्यों ने उठाया है। न सिर्फ ग्रेटर नोएडा, बल्कि जरूरत के वक्त गाजियाबाद, दिल्ली, गुड़गांव और यूपी वेस्ट के अलीगढ़ तक भी इस टीम के सदस्य पहुंचे हैं और इन्होंने जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा की है।

करीबी दोस्तों ने बनाई योजना
इस ग्रुप के बारे में जानकारी देते हुए नॉर्थ एवेन्यू गैलेक्सी-2 के डी ब्लॉक में रहने वाले मंजुल यादव बताते हैं कि बीते मार्च में उन्होंने इसकी शुरुआत की। मंजुल यादव बताते हैं कि उनके दोस्तों का ‘बडीज’ नाम से एक निजी ग्रूप है। जिसमें उनके करीबी 14 मित्र जुड़े हैं। मार्च में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले ग्रूप के धीरज शर्मा ने कंट्रीब्यूशन का सुझाव दिया। ताकि पहले से पैसे जमा कर रखे जा सकें और इमरजेंसी के वक्त उनका इस्तेमाल किया जा सके। उसके बाद मंजुल ने जरूरतमंदों की मदद करने की योजना बनाई। एकाउंटेंट की जिम्मेदारी पुराने साथी सुब्रत को सौंपी गई। इसके बाद ग्रुप के अन्य साथियों ने अपना योगदान देना शुरू किया। मंजुल यादव मूल रूप से यूपी के एटा जिले के रहने वाले हैं।

सोसाइटी के निवासी जुड़ने लगे
धीरे-धीरे इसका पता सोसाइटी के दूसरे टॉवर के निवासियों को हुई। पहले इस ग्रुप के लोग इसे आगे बढ़ाने से हिचक रहे थे। लेकिन सोसाइटी के निवासी सुधीर शर्मा ने इस पहल को पूरी सोसाइटी के लोगों के साथ साझा करने के लिए प्रेरित किया। टॉवर-बी में रहने वाले मनोज श्रीवास्तव ने मदद का प्रस्ताव दिया। फिर ग्रुप के सदस्यों ने ‘कोविड हेल्पिंग हैंड बडी’ नाम से एक नया ग्रुप बनाया। इसमें मदद के इच्छुक लोगों को जोड़ना शुरू किया। धीरे-धीरे जरूरतमंद और मददगार दोनों तरह के लोगों की संख्या बढ़ी। फिलहाल इस ग्रुप में नॉर्थ गैलेक्सी एवेन्यू-2 के टॉवर-डी के 30 सदस्य, टॉवर-बी के 10 और अन्य सदस्य दूसरे टॉवर तथा सोसाइटी के हैं। सब अपनी क्षमता अनुसार सहयोग दे रहे हैं। 

कई टीमें बनाई गईं, सक्रिय लोगों को हिस्सा बनाया
कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं और इन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई। कोविड़ के दूसरे स्ट्रेन में ऑक्सीजन की कमी से लोगों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था। कोविड हैंड बडी योगेश राणा, कपिल सिरोही, भास्कर मिश्र और पवन दास ने मंजुल के साथ मिलकर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली। पवन दास और भास्कर मिश्र ने मंजुल के साथ ऑक्सिफ़िल्टर फिट करने से लेकर घर तक ऑक्सीजन पहुंचाने का जिम्मा उठाया। गैलेक्सी नॉर्थ एवेन्यू-2 सोसायटी के वालंटियर के साथ मिलकर ऑक्सिफ़िल्टर, ऑक्सीमीटर, नेवुलिजद्र और पीपीई किट जैसे मेडिकल सामान खरीदने में योगदान दिया। धीरे-धीरे कोविड हेल्पिंग हैंड ग्रुप में गौर सिटी के और लोग भी जुड़ने लगे। काफिला बढ़ता गया। सोसाइटी के सक्रिय लोग विवेक रमन, अनीता प्रजापति और अमित शर्मा इसका हिस्सा बने। 

वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर ने दिया हौसला
वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर ने टीम को हौसला दिया। उन्होंने हर तरह की मदद करने का आश्वासन दिया। मंजुल बताते हैं कि जब भी जरूरत होती है, पंकज पाराशर पूरी तन्मयता और क्षमता से हमारी मदद के लिए तैयार रहते हैं। कोविड हेल्पिंग हैंड बडी ग्रुप में बेहतर तालमेल के लिए एक कोर टीम टीम V6 बनाई गई। इसमे मंजुल, सुब्रत, राजीव पाठक, सुलभ, शरद पांडे और कपिल विष्ट शामिल हैं। सभी काम सुचारू ढंग से हों, इसलिए आईटी की जिम्मेदारी कपिल बिष्ट, राजीव पाठक और प्रसून को दी गई। ऑक्सीजन सिलेंडर की बुकिंग और रिफिलिंग का जिम्मा मंजुल, सुब्रत, कपिल विष्ट, योगेश राना और कपिल सिरोही ने संभाली। शरद पांडे, प्रसून और पप्पू  ने ड्राइव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करना शुरू किया। ऑक्सीजन सिलेंडर की देखरेख और जरूरी सामान की सुरक्षा का जिम्मा टॉवर-डी के गार्ड मुकेशो को सौंपा गया। 

प्लाज्मा मैनेजमेंट के लिए बनाई टीम
अन्य आवश्यक मेडिकल समान जैसे मास्क, पीपीई कीट, सैनिटाइजेशन, ऑक्सीमीटर इकट्ठा करने की जिम्मेदारी मनोज श्रीवास्तव, प्रशांत गोयल, राजीव वर्मा, अवधेश और अंकित कुमार को दी गई। सुब्रत को लेखा प्रबंधन, भुगतान, भेल और दूसरी जरूरी जिम्मेदारियां सौंपी गई। कपिल बिष्ट और राजीव पाठक ने जरूरतमंदों का जानकारी एकत्र की। उसके मुताबिक कोरोना पीड़ितों तक मदद पहुंचाई गई। प्रशांत अग्रहरी, शेओ श्रीवास्तव, अंकिता, भास्कर, राजीव, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के फॉर्मासिस्ट और मेडिकल से लेकर मरीजों से समन्वय कर जीवन रक्षक कोविड दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। फिर उन्हें जरूरतमंद लोगो तक पहुंचाते हैं। माधव, प्रवीण, अंकित गर्ग, विकास नारंग और करण पाल यादव परिवहन और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। प्लाज्मा के लिए एक टीम विशेष रूप से काम कर रही है। इसमें मुख्य रूप से अंकिता, दीप्ति शुक्ल, शालिका, उपिका, सुमित्रा, शरद पांडेय, तन्मय श्रीवास्तव और पप्पू कुमार प्रसाद जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

हरिद्वार से बंद होने के बाद यहीं से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने लगे
मंजुल ने बताया कि हरिद्वार से ऑक्सीजन की रिफिलिंग बंद होने के बाद गुरुवार को हमने नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित प्लांट से 4 सिलेंडर भरवाए। आज 45 सिलेंडर रिफिल के लिए पहुंचे हैं। उन्हें नोएडा के सेक्टर-73 में रिफिल कराने के लिए भेजा जाएगा। हमारा ग्रुप हर संभावित सेंटर से ऑक्सीजन की रिफिलिंग के लिए प्रयासरत रहता है। अब हालात पहले से बेहतर हैं। मंजुल बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें बेहत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करवाने के फेर में वह तीन दिन तक घर नहीं आए। योगेश राना, कपिल विष्ट, कपिल सिरोही, पवन दास और वह लगातार ऑक्सीजन रिफिल प्लांट के चक्कर काटते रहते थे। मगर कभी थके नहीं। लाख बाधाओं के बावजूद सेवा के पथ पर आगे बढ़ते रहे। 

मसीहा बनकर पहुंचते हैं टीम के सदस्य
नॉर्थ गैलेक्सी एवेन्यू के ब्लॉक-डी में रहने वाले अभिषेक के भाई (5 एवेन्यू) की कोरोना से तबियत ज्यादा बिगड़ गई। अभिषेक ने सोसायटी के टेलीग्राम ग्रुप पर इसकी जानकारी दी। कोविड हेल्पिंग बडी ग्रुप के सदस्य तुरंत सक्रिय हो गए। कपिल और प्रसून ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रयास में जुट गए। मगर सोसायटी के सिलेंडर पहले से ही मरीजों को दिए जा चुके थे। फिर ऑक्सीजन मैन मंजुल को कॉल किया गया। कई रातों से बिना सोए जिम्मेदारी संभाल रहे मंजुल यादव ने दूसरी सोसाइटी के एक एक वॉलेंटियर को कॉल किया। 16 एवेन्यू के आशुतोष से उन्हें सिलेंडर का आश्वासन मिला। पवन दास ऑक्सीजन सिलेंडर 16 एवेन्यू से लेकर 5 एवेन्यू पहुंचे। इस पूरी प्रक्रिया में समय बचाने के लिए बडी ग्रुप ने ऑक्सीजन केन और अन्य जरूरी सामान भी अभिषेक को उपलब्ध करा दिया। ताकि सिलेंडर पहुंचने तक कोई देर न हो। ऑक्सीजन की कमी को दूर रखने के लिए टॉवर-ई के विजय रावत का सहयोग लिया गया। उनकी मदद से लोनी, गाजियाबाद में 50 लीटर ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम हुआ। भास्कर मिश्र ने बिना देर किए आधी रात में लोनी से सिलेंडर लेने निकल गए। करीब सुबह 3 बजे वो भरा हुआ सिलेंडर ले कर वापस आए।

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