दसवें हफ्ते खरीदारों ने किया प्रदर्शन, यूपीएसआईडीए के सीईओ ने कहा- जल्दी एक्शन होगा

सुपरटेक की राह पर मिग्सन बिल्डर : दसवें हफ्ते खरीदारों ने किया प्रदर्शन, यूपीएसआईडीए के सीईओ ने कहा- जल्दी एक्शन होगा

दसवें हफ्ते खरीदारों ने किया प्रदर्शन, यूपीएसआईडीए के सीईओ ने कहा- जल्दी एक्शन होगा

Tricity Today | मयूर महेश्वरी और मिग्सन बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लोग

Greater Noida News : नोएडा के सेक्टर-93ए में अवैध रूप से निर्मित सुपरटेक एमॉरल्ड ट्विन टॉवर्स को गिराने की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसी बीच ग्रेटर नोएडा में एक अन्य बिल्डर के अवैध निर्माण से निवासी परेशान हैं। ग्रेटर नोएडा सूरजपुर की साइट-सी में स्थित मिग्सन ग्रीन मैन्शन (Migsun Green Mansion) में बिल्डर ने एफएआर से जुड़े नियमों की अनदेखी की है। मिग्सन बिल्डर ने अवैध कंस्ट्रक्शन किया है। जबकि पिछले 6 साल से यहां रह रहे लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। घरों की रजिस्ट्री अब तक नहीं हो पाई है। इससे नाराज निवासियों ने आज लगातार दसवें हफ्ते बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया है। रैली निकाली और अपना विरोध जताया। 

यूपीएसआईडीए ने बिल्डर को मनमानी से नहीं रोका
समाजवादी पार्टी ने भी निवासियों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पार्टी का कहना है कि लोगों के हक की लड़ाई में सपा उनके साथ खड़ी है। आज हुए प्रदर्शन में सुशील, शर्मा, नवीन राठौर, डॉ अंकुर अग्रवाल, बलजिंदर सिंह और बलवीर सिंह शामिल थे। प्रदर्शन में शामिल सुशील शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने बिल्डर को 2.75 एफएआर में निर्माण की मंजूरी दी थी। जबकि बिल्डर ने इसकी अनदेखी करते हुए 3.75 एफएआर में कंस्ट्रक्शन कराया है। टॉवर ए में अवैध निर्माण कराया गया है। बार-बार विरोध जताने के बावजूद डेवलपर अपनी मनमानी करता रहा। यूपीसीडा भी इस मामले में कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। बिल्डर और डेवलपर का कहना है कि उन्हें इस एफएआर की मंजूरी यूपीसीडा से मिली हुई है। एक अन्य निवासी नवीन राठौर ने बताया, बिल्डर ने बड़े-बड़े वादे किए थे। कहा था कि टावर-ए में 3 लिफ्ट लगेंगी। 6 साल बीत गए हैं। अब तक सिर्फ 2 लिफ्ट लग सकी हैं। जो लिफ्ट लगी हैं, उनकी भी हालत खस्ता है। उनका एएमसी (एनुअल मेंटिनेस कांट्रैक्ट) खत्म हो गया है। बिल्डर समय से कंपनी को भुगतान नहीं करता है। इसलिए एमएसी रिन्यू नहीं हो पा रहा है। आए दिन लिफ्ट रुकने की घटनाएं होती हैं।

टॉवर-सी के बिल्कुल करीब से गुजरा है रेल फ्रेट कॉरिडोर
नवीन राठौर ने आगे बताया, किसी भी खरीदार को वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर के बारे में बिल्डर और डेवलपर ने कुछ नहीं बताया। अब पूछने पर बिल्डर का कहना है कि पहले इस प्रोजेक्ट की कोई सूचना नहीं मिली थी। इसलिए उसे केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में जानकारी नहीं थी। जबकि टावर-सी के बिल्कुल करीब से होकर यह रेल कॉरिडोर गुजर रहा है। बिल्डर ने इसके लिए रेलवे से एनओसी भी नहीं ली है। निवासियों का कहना है कि मिग्सन ग्रीन मैन्सन दुनिया में ऐसी पहली हाईराइज सोसाइटी है, जिसके बिल्कुल करीब से एक डेडीकेटेड रेल कॉरिडोर गुजर रहा है, लेकिन बिल्डर को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। 

साफ-सफाई और सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
सुशील शर्मा ने बताया, पैसे बचाने के चक्कर में बिल्डर महीने के अंतराल पर सिक्योरिटी एजेंसी बदल देता है। इसलिए यहां सिक्योरिटी नाममात्र की रह गई है। बिना निवासियों को सूचना दिए बड़े बदलाव कर दिए जाते हैं। सफाई कर्मचारियों और सिक्योरिटी गार्ड को 3 महीने तक सैलरी नहीं मिलती है। ये कर्मचारी अपनी तनख्वाह के लिए खुद धरना-प्रदर्शन करते हैं। सोसाइटी के एक अन्य निवासी मनोज चमोली ने बताया, पूरी सोसाइटी में साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। बेसमेंट में हमेशा पानी भरा रहता है। समय से वेतन न मिलने से सफाई कर्मी भी मन से काम नहीं करते हैं। बार-बार एजेंसी बदलने और सैलरी नहीं देने से सुरक्षा से भी समझौता हो गया है। 

समाजवादी पार्टी ने निवासियों का दिया साथ
मिग्सन ग्रीन मैन्शन सोसाइटी के निवासियों के प्रदर्शन में आज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। उनके प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। इस मौके पर जिला अध्यक्ष इंदर प्रधान ने कहा कि बिल्डर की मनमानी के चलते सोसायटी के लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डर फ्लैट मालिकों को कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। इससे वह अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे है। उनकी जीवन भर की कमाई जाने का डर है। समाजवादी पार्टी बिल्डर के शोषण के खिलाफ इस लड़ाई में लोगों के साथ है। पार्टी उनके हक की आवाज को पूरे जोर से उठाएगी। इस मौके पर राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी, श्याम सिंह भाटी, सुनील भाटी, कपिल ननका, नवनीत शर्मा, कुलदीप भाटी, राहुल आर्यन, अब्दुल हमीद, विनय शर्मा, दक्ष चौधरी, वकील सिद्दीकी, अक्षय पंडित, विक्रान्त चौधरी, लियाकत अली, आदि मौजूद रहे।

सुपरटेक बिल्डर की तरह हो सकती है मिग्सन पर कार्रवाई
नोएडा में जिस तरह सुपरटेक बिल्डर ने अवैध रूप से फ्लैटों का निर्माण किया। ठीक ऐसी ही स्थिति ग्रेटर नोएडा में मिग्सन बिल्डर की है। मिग्सन बिल्डर को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण सूरजपुर साइट में रेजिडेंशियल प्लॉट आवंटित किया था। इस प्लॉट की टेंडर बिडिंग में 2.75 एफएआर दिया गया था। बिल्डर ने बिना इजाजत लिए 3.75 एफएआर का इस्तेमाल करके घर बनाए हैं। अब सोसायटी में रहने वाले लोग बिल्डर का विरोध कर रहे हैं। रविवार को 10वें सप्ताह लगातार फ्लैट खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर इस मामले को लेकर 'ट्राईसिटी टुडे' ने यूपीएसआईडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर महेश्वरी से बात की है। मयूर माहेश्वरी का कहना है, "बिल्डर के प्रोजेक्ट में कई तरह के इश्यू हैं। फ्लैट खरीदारों की ओर से मिली शिकायतों पर जांच की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग सकता है लेकिन कार्यवाही की जाएगी।" सीईओ ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नजरिए को ध्यान में रखकर हम मामले में आगे बढ़ रहे हैं।

नहीं चुका रहा यूपी सीडा का बकाया
फ्लैट बॉयर्स का कहना है कि बिल्डर जान-बूझकर 554 फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने दे रहा। क्योंकि यूपी सीडा की बकाया राशि 3.8 करोड रुपये बिल्डर के लिए बड़ी रकम नहीं है। वही आसानी से यूपी सीडा को इतने रकम की भुगतान कर इस प्रोजेक्ट के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल कर सकता है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान भी बिल्डर ने गौतमबुद्ध नगर और राजधानी लखनऊ में कई बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। अगर नए प्रोजेक्ट के लिए बजट है, तो बिल्डर को मिग्सन ग्रीन मैन्शन के बकाए की भरपाई करके हमारी रजिस्ट्री करवाने में क्या अड़चन आ रही है। निवासियों का यह भी कहना है कि बिल्डर आए दिन मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने की धमकी देता है। जबकि सोसाइटी में लिफ्ट खराब हैं। डीजे-ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं है। सीवर लाइन और पाइप लाइन का काम अब तक अधूरा है। टॉवर ए और बी को सॉफ्ट कवर किया जाना था। मगर अब तक ये काम नहीं हुए हैं।

जिम्मेदार अफसर मामले में चुप्पी साधकर बैठे हैं
इस पूरे मामले को लेकर ट्राईसिटी टुडे ने यूपीएसआईडीए के ग्रेटर नोएडा में रीजनल मैनेजर अनिल कुमार शर्मा से बात करने का प्रयास किया। कई बार कॉल करने के बावजूद उनका फोन नहीं उठा। इसके बाद यूपीएसआईडीए की महाप्रबंधक (नियोजन) निमिषा शर्मा से बात हुई। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर जांच चल रही है। आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-93ए में सुपरटेक बिल्डर ने एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में 2 अवैध टावरों का निर्माण कर दिया था। सुपरटेक ने भी अवैध रूप से एफएआर बढ़ाकर फ्लैटों का निर्माण किया। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया और दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया है। यही स्थिति ग्रेटर नोएडा में यूपीएसआईडीए के दायरे वाले मिग्सन ग्रीन मैन्शन प्रोजेक्ट की है।

बिल्डर मामले में बात करने को तैयार नहीं
दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर मिग्सन बिल्डर के मैनेजमेंट से बात करने की कोशिश की गई। कंपनी के एमडी सुनील मिगलानी से कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया है। सोसाइटी के निवासियों का भी यही कहना है। निवासी कहते हैं कि यहां होने वाली परेशानियों को लेकर तमाम बार बिल्डर से बात करने का प्रयास करते हैं लेकिन सुनील मिगलानी किसी से बात नहीं करते हैं। यही वजह है कि लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही हैं। उनका स्टाफ मनमानी करता है।

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