मेट्रो रूट खारिज, निवासियों का सरकार पर फूटा गुस्सा, चुनाव पर पड़ेगा असर

PMO ने तोड़ा ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों लोगों का सपना : मेट्रो रूट खारिज, निवासियों का सरकार पर फूटा गुस्सा, चुनाव पर पड़ेगा असर

मेट्रो रूट खारिज, निवासियों का सरकार पर फूटा गुस्सा, चुनाव पर पड़ेगा असर

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता काफी सालों से मेट्रो का इंतजार कर रही थी। जिले स्तर से पूरी रिपोर्ट फाइनल हो गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो को हरी झंडी दे दी थी। इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार रुपए देने के लिए तैयार थी, लेकिन केंद्र सरकार ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के सपने को मिट्टी में मिला दिया है। पिछले काफी समय से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो की रिपोर्ट केंद्र सरकार में पेंडिंग थी। पीएमओ की बैठक नहीं हो रही थी, जिसकी वजह से कोई अहम फैसला नहीं लिया गया। अब पिछले दिनों पीएमओ कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें इस बात का फैसला लिया गया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट बेकार है। इससे कोई फायदा नहीं होगा। जो मेट्रो सेक्टर-51 नोएडा से चलानी थी। वह सेक्टर-61 से चलनी चाहिए। इसके बाद निवासियों को गुस्सा फूटा है। 

चारों तरफ भाजपा की सरकार, उसके बाद भी खारिज : अभिषेक कुमार
सामाजिक संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने "ट्राईसिटी टुडे" टीम से बातचीत करते हुए कहा, "गौतमबुद्ध नगर के सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं। विधायक भी भारतीय जनता पार्टी के हैं। उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अब दुख की बात यह है कि उसके बावजूद भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो रूट खारिज हो गया है। जबकि नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। सुबह और शाम इसी रूट पर ही जाम लगा रहता है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता के लिए काफी दुख का विषय : रश्मि पांडेय
गौतमबुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष और समाजसेवी रश्मि पांडे ने कहा, "जिले की जनता काफी समय से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का इंतजार कर रही है। आज के समय में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 4 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। उसके बावजूद भी ट्रांसपोर्ट की सुविधा नाम मात्र को नहीं है। लोग अपनी प्राइवेट गाड़ियों से सफर करने को मजबूर है। पिछले काफी सालों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो चलने की जानकारी प्राप्त हो रही थी और लोग खुश भी थे। सभी ने सोचा था कि चुनाव के समय में कोई बड़ी घोषणा होगी और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो चलेगी, लेकिन जिले की जनता का सपना मिट्टी में मिल गया है। सरकार ने नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2 तक चलने वाली मेट्रो रूट को खारिज कर दिया है। यह जिले की जनता के लिए काफी दुख का विषय है।"

दोबारा रिपोर्ट बनने तक आबादी होगी 6-7 लाख : विवेक रमन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी विवेक रमन का कहना है, "ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आबादी इस समय करीब चार लाख है। यहां पर ट्रांसपोर्ट के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। करीब 3 सालों से मैं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की चर्चा सुन रहा था। लगातार अखबारों में खबर आ रही थी कि बहुत जल्द ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो चलने वाली है। काफी सालों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो की रिपोर्ट चलकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंची। उन्होंने मंजूरी दे दी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसको खारिज कर दिया है। अब केंद्र सरकार ने नया रूट बनाने के लिए बोला है। इसमें सालों का समय लग जाएगा। उसके बाद मंजूरी मिलने में और भी अधिक समय लगेगा। अभी जिले की जनसंख्या 4 लाख है। जब तक दोबारा से मेट्रो रूट पीएमओ दफ्तर तक पहुंचेगी, तब तक आबादी 6 लाख से ज्यादा हो जाएगी। इसका असर अब चुनाव में पड़ेगा।"

मेट्रो के नाम पर बेचीं गई प्रॉपर्टी : अनीता प्रजापति
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निवासी और समाजसेवी अनीता प्रजापति का कहना है, "जब मैंने प्रॉपर्टी खरीदी थी तो यहां पर मेट्रो की चर्चा काफी तेजी के साथ चल रही थी। बिल्डरों ने भी यही कहा था कि चंद सालों में यहां मेट्रो आ जाएगी। पिछले काफी समय से चर्चा थी कि कुछ सालों के भीतर मेट्रो चल जाएगी। हम सभी यह जानकर खुश थे कि योगी सरकार ने भी मेट्रो रूट को पास कर दिया है। अब केंद्र में जाने के बाद पीएमओ ने मेट्रो रूट को खारिज कर दिया है। यह काफी दुख का विषय है। नोएडा सेक्टर-51 और पृथला की तरफ से बड़ी संख्या में लोग ग्रेटर नोएडा वेस्ट आते-जाते हैं।"

मेरे जितने ना जाने कितने लोग होंगे परेशान : विजेता पांडे
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निवासी विजेता पांडे का कहना है, "मैं रोजाना ग्रेटर नोएडा वेस्ट से गुड़गांव के लिए सफर करती हूं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से किसी भी स्थान पर जाने के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है। इसलिए मैं प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल करती हूं। रोजाना काफी समय तक मुझे पृथला फ्लाईओवर के बाद चार मूर्ति गोल चक्कर पर जाम से जूझना पड़ता है। नोएडा से अपने घर पहुंचने के लिए मुझे कभी-कभी घंटे का समय भी लग जाता है, लेकिन पिछले काफी समय से मेट्रो आने की संभावनाएं लग रही थी। उसके बाद मैंने सोचा कि प्राइवेट वाहन छोड़कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करूंगी और न जाने मेरे जितने कितने लोग इसी बात को सोचते होंगे, लेकिन अब पीएमओ ने मेट्रो रूट को खारिज कर दिया है। यह काफी चिंता का विषय है। रोजाना लाखों की संख्या में लोग चार मूर्ति गोल चक्कर से होकर सेक्टर-52 की तरफ अपने प्राइवेट वाहन से जाते हैं। लोगों को आने-जाने में काफी समय लग जाता है। यहां पर मेट्रो की काफी ज्यादा आवश्यकता है, लेकिन शायद पीएमओ ने इसको ध्यान में नहीं रखा।"

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सभी निवासी गुस्से में
वहीं, दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के मीडिया कनेक्ट ग्रुप में भी लोग अपना आक्रोश व्याप्त कर रहे हैं। प्रदीप बंसल का कहना है, "अब मुश्किल है मेट्रो का आना। अगर आएगी तो करीब 4-5 साल लग जाएंगे। तब तक ट्रैफिक और भी ज्यादा बेकार हो जाएगा। अब भगवान ही जानता है कि क्या होगा।" ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले आलोक का कहना है, "आगामी 2024 चुनाव से पहले यह फैसला बिल्कुल गलत है।"

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