सुपरटेक इकोविलेज के निवासियों को पुलिस ने भेजा नोटिस, जनता बोलीं- इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी

नोएडा में अपनी मांगों के लिए लड़ना अब पाप है : सुपरटेक इकोविलेज के निवासियों को पुलिस ने भेजा नोटिस, जनता बोलीं- इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी

सुपरटेक इकोविलेज के निवासियों को पुलिस ने भेजा नोटिस, जनता बोलीं- इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी

Tricity Today | सुपरटेक इकोविलेज-1 के निवासी प्रदर्शन पर बैठे

Greater Noida West News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित सुपरटेक इकोविलेज-1 के निवासी करीब 30 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सोसाइटी के गेट पर बैठे हुए हैं। निवासियों की काफी सारी मांगे है, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। अब पुलिस ने इन निवासियों के खिलाफ धारा-111 का नोटिस जारी किया है। जिसके बाद निवासियों में रोष व्याप्त हो गया है। 

इन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी
पुलिस ने सुमित गुप्ता, विजय चौहान, रंजना भारद्वाज, अभिषेक प्रताप सिंह, विवेक गुप्ता, विक्रम सिंह राणा और बीएस त्रिपाठी के खिलाफ नोटिस जारी किया है। इन सभी लोगों को धारा 111 सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी किया गया है।
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30 दिनों से अपनी मांगों को लेकर लड़ रहे
रंजना भारद्वाज का कहना है कि यह सरासर गलत है। निवासी अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले 30 दिनों से निवासी अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में बिल्डर के खिलाफ एक्शन लेने की बजाए उल्टा निवासियों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है।

"अपने हक और मांगों को लेकर लड़ना पाप है"
विवेक गुप्ता का कहना है कि क्या आप अपने हक के लिए लड़ना पाप हो गया है। उनका कहना है, "अब नोएडा शहर में अपने हक और मांगों को लेकर लड़ना पाप है। निवासी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, बिल्डर के द्वारा निवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। पार्किंग के नाम पर 7 लाख रुपए अतिरिक्त मांगे जा रहे हैं।"

"इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी?"
समीर भारद्वाज का कहना है, "जिले के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी। निवासी अपनी मांगों को लेकर लड़ रहे है। बिल्डर के द्वारा किसानों और ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है। बिल्डर के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय उल्टा निवासियों को परेशान किया जा रहा है। अब निवासियों को नोटिस भेजा गया है, जिले में इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी?"

इन मांगों को लेकर धरने पर बैठे निवासी
निवासियों की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। बिल्डर ने फ्लैट तो दे दिए हैं, लेकिन पार्किंग नहीं दी है। अब पार्किंग के लिए करीब 7 लाख रुपए मांग रहा है। इसके अलावा सोसाइटी के भीतर एसटीपी की समस्या है। गंदा पानी सीधे नाले में जाता है, जिसकी वजह से बीमारियां पैदा होती हैं। बेसमेंट और अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या है। सोसाइटी में लगातार आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पावर बैकअप के लिए बिल्डर 25,000 रुपए और जीएसटी मांग रहा है, जो सरासर गलत है। सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं है। काफी टावर अधूरे पड़े हैं और लिफ्ट खराब रहती हैं।

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