प्रधानमंत्री कार्यालय ने रिजेक्ट की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, लाखों लोगों को अब और करना होगा इंतजार

ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो : प्रधानमंत्री कार्यालय ने रिजेक्ट की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, लाखों लोगों को अब और करना होगा इंतजार

प्रधानमंत्री कार्यालय ने रिजेक्ट की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, लाखों लोगों को अब और करना होगा इंतजार

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो

Greater Noida West : सालों से मेट्रो का इंतजार कर रहे ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) के लाखों लोगों को बड़ा झटका मिला है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के कार्यालय ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट को ब्लू लाइन नोएडा मेट्रो से जोड़ने वाले प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया है। अब इस प्रोजेक्ट पर नए सिरे से काम शुरू किया जाएगा। नए रूट के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) ने शासन से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही नए रूट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा। पुराने रूट को केंद्र सरकार खारिज कर चुकी है।

चार साल पहले मिली केबिनेट से मंजूरी फिर भी टकटकी में लोग 
सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो चलाई जानी है। पहले चरण में एक्वा लाइन के सेक्टर-51 से ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर-2 तक तक मेट्रो चलनी है। इसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रूट को करीब चार साल पहले यूपी केबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार को अनुमति के लिए भेजा गया था। केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाले पीआईबी ने भी इस रूट के बजट व उपयोगिता को अनुमति दे दी थी। अब इस महीने केंद्र सरकार इस रूट पर असहमति जताते हुए खारिज कर चुकी है। केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली से नोएडा आने वाली ब्लू लाइन और एक्वा लाइन के एक्सटेंशन रूट को जोड़ने के लिए कॉमन प्लेटफार्म बनाया जाना जरूरी है। जबकि अभी तक तैयार किए गए रूट पर दो स्टेशनों का कॉमन प्लेटफार्म नहीं बन रहा था। 

नए रुट तलाशने के दिए निर्देश 
एनएमआरसी ने केंद्र सरकार को तर्क दिया कि ब्लू लाइन के सेक्टर- 52 और एक्वा लाइन के सेक्टर-51 स्टेशन को जोड़ने के लिए स्काईवॉक बनाया जा रहा है। इसमें एयरपोर्ट की तर्ज पर ट्रेवलेटर की सुविधा होगी। इससे लोगों को चलना नहीं पड़ेगा। इस तर्क को भी केंद्र सरकार ने मानने से इंकार कर दिया और नए रूट को तलाशने के निर्देश दिए।

नए रूट पर भी कई दिक्ततें 
अधिकारियों की मानें तो इस नए रूट पर कई तरह की दिक्कतें हैं। अभी तक सामने आई कठिनाइयों में मुख्य रूप से सेक्टर-61 के पास दूसरा स्टेशन बनाने के लिए काफी कम जगह है। यहां पर दो पेट्रोल पंप एक साथ बने हुए हैं। इसके बाद सेक्टर-61 और ऊपर से ब्लू लाइन मेट्रो के जाने के बाद दूसरी लाइन की मेट्रो को घुमाने के लिए भी जगह की दिक्कत होगी। आगे चलकर कैलाश अस्पताल के सामने से बिजली की हाइटेंशन लाइन जा रही है। अभी सेक्टर-51 स्टेशन के आगे एक्वा लाइन का मेट्रो वायाडक्ट स्ट्रक्चर करीब 400 मीटर हिस्से में बना हुआ है। अगर रूट बदलने पर मुहर लगी तो इसको तोड़ा जाएगा। अभी यहां पर मेट्रो आकर खड़ी होती है। इसको तोड़ने से नोएडा से ग्रेनो की मेट्रो रूट की सिग्नलिंग प्रणाली भी डगमगा जाएगी। ऐसी स्थिति में मेट्रो को सेक्टर-51 के बजाए सिर्फ सेक्टर-50 स्टेशन तक ही चलाया जाएगा।

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