Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों परिवारों के लिए खुशी की खबर है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट जाने वाले मेट्रो प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था। हालांकि, इस मेट्रो प्रोजेक्ट पर नए सिरे से काम करने को कहा गया है। इसी बीच अब बड़ी यह है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में न केवल मेट्रो दौड़ेगी, बल्कि रैपिड रेल भी आएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा होते हुए जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर एयरपोर्ट तक सुपर फास्ट कनेक्टिविटी का जरिया बन जाएगी।
72.2 किलोमीटर लंबा होगा रूट
आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाई जाएगी। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 16 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। खास बात यह है कि यह रैपिड रेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट से होकर परी चौक से होते हुए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंचेगी। इस रैपिड रेल का रूट 72.2 किलोमीटर लंबा होगा।
पूरे प्रोजेक्ट पर 16,189 करोड़ रुपए खर्च होंगे
सरकार ने गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक 72.2 किमी लंबे कॉरिडोर में रैपिड रेल चलाने की मंजूरी दे दी है। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। इस पर करीब 16,189 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी डीपीआर एनसीआरटीसी बनाएगा। एनसीआरटीसी ही दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल प्रोजेक्ट बना रहा है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट से आएगी रैपिड रेल
कनेक्टिवटी को लेकर सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्राधिकरणों के साथ ऑनलाइन बैठक की थी। इस बैठक में गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलाने की मंजूरी दे दी गई। एनसीआरटीसी की फिजबिलिटी रिपोर्ट को पास कर दिया गया है। गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और परी चौक से आगे नोएडा एयरपोर्ट तक रैपिड रेलमार्ग को मंजूरी दे दी गई है।
दो चरण में बनेगा पूरा प्रोजेक्ट
लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार इस 72.2 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे। इसका निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में गाजियाबाद और इकोटेक-6 (कासना) के बीच कॉरिडोर बनेगा। दूसरा चरण इकोटेक-6 से नोएडा एयरपोर्ट तक बनेगा। एनसीआरटीसी दो महीने में डीपीआर तैयार करेगा।
कौन से चरण में कितना खर्चा होगा और किसकी कितनी हिस्सेदारी
पहले चरण में 9,798 करोड़ और दूसरे चरण में 6,391 करोड़ खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए केंद्र सरकार 20 प्रतिशत पैसा देगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार 50 प्रतिशत पैसा देगी। बाकी का 30 फीसदी पैसा प्राधिकरण का होगा।