Tricity Today | मेफेयर प्रेसीडेंसी के निवासियों का प्रदर्शन लगातार 10वें हफ्ते जारी रहा
Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन-4 में स्थित मेफेयर प्रेसीडेंसी के निवासियों का प्रदर्शन लगातार 10वें हफ्ते जारी रहा। मूलभूत सुविधाओं की मांग, रजिस्ट्री करवाने, मेंटेनेंस और दूसरे शुल्क हटाने की मांग को लेकर निवासी गेट के सामने बिल्डर और सुपरसिटी डेवलपर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही लोगों ने 17 अगस्त को बिसरख पुलिस को दी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। एक बार फिर बिल्डर का कोई प्रतिनिधि सोसाइटी नहीं पहुंचा। पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हुई बिल्डर, निवासियों और अफसरों के बीच की बैठक भी बेनतीजा निकली थी। लंबे वक्त से बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे सोसाइटी के कुछ निवासी अब यहां दूसरे सेक्टर-सोसाइटी का रुख करने लगे हैं।
16 फोरम में दर्ज करा चुके शिकायत
निवासी प्रीत ने बताया कि सोसाइटी के निवासियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी रेरा समेत 16 अलग-अलग फोरम में बिल्डर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में हुई बैठक में सुपरसिटी डेवलपर के सीईओ केशव गुलाटी ने कहा कि जब तक निवासी अपनी शिकायतें वापस नहीं ले लेते, तब तक कोई समाधान नहीं निकलेगा। जबकि निवासियों की मांग है कि बिल्डर मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर निवासियों का शोषण बंद करे। बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने के बावजूद मेंटेनेंस शुल्क वसूला जा रहा है। बिल्डर इसे तुरंत वसूलना बंद करे। निवासियों ने यूपी रेरा में 40 शिकायतें दी हैं। 24 सितंबर और नवंबर के महीने में इसकी सुनवाई है।
बिल्डर की मनमानी जारी है
फ्लैट बॉयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय को अपनी समस्याओं के बारे में एक चिट्ठी लिखी थी। उस पर एक्शन लेते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बिल्डर, बॉयर और अथॉरिटी की मीटिंग हुई थी। लेकिन इसमें कोई सहमति नहीं बन सकी। प्रीत ने कहा कि बिल्डर की मनमानी लगातार जारी है। लेकिन जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जातीं, हमारा अभियान जारी रहेगा। हम प्रदर्शन कर विरोध जताते रहेंगे। इसी मामले में मेफेयर रेसीडेंसी की निवासी रेनू बैजल के एक ईमेल के जवाब में डीसीपी सेंट्रल नोएडा अंकुर अग्रवाल के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। इसमें बिल्डर की मनमानी और निवासियों को हो रही मुश्किलों से अवगत कराया।
नहीं हो रही सुनवाई
बताते चलें कि मेफेयर रेसीडेंसी के निवासी लगातार 10 हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर बिल्डर के खिलाफ रोष जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिल्डर और सरकार ने अपने-अपने हिस्से के पैसे ले लिए। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कोई सुनवाई नहीं कर रहा। मेफेयर रेसीडेंसी के निवासी प्रीत ने बताया कि यहां बिजली, पानी और सुरक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों का अभाव है। बिल्डर सुविधाएं देने के बजाय जबरन नए-नए शुल्क थोप रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पास किए गए कानून ‘एग्रीमेंट टू सबलीज’ के जाल में मेफेयर के निवासी बुरी तरह फंस गए हैं। बिल्डर ने घर देने के नाम पर पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई लूटी ली। लोगों ने अपना सबकुछ सरकार के राजस्व में दे दिया। लेकिन अब बिल्डर और शासन-प्रशासन के सताए हैं।
दूसरे सेक्टर-सोसाइटी का रुख करने लगे
सोसायटी के निवासी प्रीत ने बताया, लंबे वक्त से हम लोग बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। मगर अब दूसरी सोसायटी-सेक्टर में ठिकाना बसाने के लिए मजबूर हैं। दरअसल बिजली की कटौती की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वर्क फ्रॉम होम करने वाले लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। क्योंकि पावर कट की समस्या होने से घर से काम करना मुश्किल होता है। इस वजह से अब लोग दूसरे सेक्टर और सोसायटी का रुख करने लगे हैं। निवासी लंबे वक्त से ग्रिड लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब तक बिल्डर ने कोई एक्शन नहीं लिया है। बिल्डर पर एनपीसीएल का 4 लाख से ज्यादा का बकाया है। एनपीसीएल ने तुरंत बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन अस्थायी तौर पर काटने की चेतावनी दी है।