Greater Noida West : मुंबई में काम की तलाश में पहुंचे छठी पास युवक राजू केवट ने अपनी आर्थिक तंगी के चलते अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। मामूली पढ़ाई के बावजूद उसने फर्जी कंपनियों का मालिक बनकर साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया। नोएडा पुलिस ने राजू को गिरफ्तार कर लिया है और उसके बैंक खातों में हुए करोड़ों के लेनदेन का पर्दाफाश किया है।
कैसे शुरू हुआ ठगी का खेल
मूल रूप से मुरैना (मध्य प्रदेश) निवासी राजू काम की तलाश में मुंबई पहुंचा था। यहां उसकी मुलाकात साइबर ठगों के एक गिरोह से हुई। जिन्होंने उसे बैंक खाते और फर्जी कंपनियां खोलने के काम में शामिल कर लिया। राजू ने मुंबई में फर्जी टेक्सटाइल कंपनी का रेजिस्ट्रेशन कराया और इसके नाम पर बैंक खाते खोलने शुरू कर दिए। इन खातों का इस्तेमाल देशभर में ठगी से जुटाए गए पैसों को ट्रांसफर करने में किया जाता था।
राजू के अकाउंट में आए 23 ठगी के पैसे
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि बिसरख थाना क्षेत्र में रहने वाले विश्वादीप सरकार ने नोएडा साइबर थाने में 1 करोड़ 39 लाख रुपये के फ्रॉड की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जांच में पता चला कि इस ठगी के पैसे में से मुंबई के एक अकाउंट में 25 लाख रुपये डाले गए थे। जांच के बाद नोएडा पुलिस टीम आरोपी राजू तक पहुंची। राजू का बैंक अकाउंट देशभर के 23 ठगी में इस्तेमाल हुआ।
हर ट्रांजैक्शन पर 10 प्रतिशत
राजू ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे हर ट्रांजैक्शन पर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। उसने अपने गांव और आसपास के कई लोगों को इस अपराध में शामिल किया। जिनके दस्तावेजों के जरिए और भी फर्जी अकाउंट खोले गए। यह भी बताया जा रहा है कि राजू के बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी दुबई तक पहुंचाई जा रही थी।