सोसाइटी निवासियों का फरमान- हम कुंवारे लड़के और लड़कियों को नहीं देंगे किराए पर फ्लैट, जानिए पूरा मामला

ग्रेटर नोएडा वेस्ट का बड़ा मुद्दा : सोसाइटी निवासियों का फरमान- हम कुंवारे लड़के और लड़कियों को नहीं देंगे किराए पर फ्लैट, जानिए पूरा मामला

सोसाइटी निवासियों का फरमान- हम कुंवारे लड़के और लड़कियों को नहीं देंगे किराए पर फ्लैट, जानिए पूरा मामला

Tricity Today | Greater Noida West

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा की काफी हाउसिंग सोसायटी के निवासी कुंवारे लड़के-लड़कियों और निवासियों के बीच विवाद शुरू हो गया है। निवासियों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट हाउसिंग सोसाइटी में कुंवारे लड़के और लड़कियां नहीं रहेंगे। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की काफी हाउसिंग सोसायटी में बैचलर और पारिवारिक लोग आमने सामने आ गए हैं। परिवारों का कहना है कि बैचलर की वजह से उनको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बैचलर लोग सोसाइटी में अशांति का माहौल पैदा कहते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ बैचलर लोगों ने इस मामले को लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम को पत्र भेजा है।

"इको विलेज सोसाइटी में शराब पिलाकर मचाया था उत्पात"
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-वन हाउसिंग सोसाइटी के दुर्गेश सिंह का कहना है, "बीते 7 जुलाई को एक घटना हुई थी जिसमें बैचलर लोगों ने शराब के नशे में रात करीब 1:00 बजे हंगामा काटा था। इन्होंने सिक्योरिटी गार्ड और निवासियों के साथ मारपीट भी की थी। शराब के नशे में बैचलर लोगों ने सोसाइटी में खूब उत्पात मचाया था।" शहर में स्थित एक अन्य सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। कुछ लोगों का कहना है कि बैचलर लोग परिवारों के साथ गलत व्यवहार करते हैं। सोसाइटी के भीतर शराब पीकर हंगामा करते हैं। 

"छोटी-छोटी बातों पर विवाद करना"
निराला एस्पायर हाउसिंग सोसाइटी के निवासी सौरभ शर्मा का कहना है, "एक बार कुछ बैचलर दोस्त बच्चों के झूले पर बैठ गए थे और जब मना किया तो मारपीट पर उतर आए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।" सौरभ शर्मा का कहना है, "बैचलर लोग महिलाओं के साथ भी बदतमीजी करते है।"

बैचलर की वजह से एक व्यक्ति ने छोड़ी सोसाइटी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए निराला एस्पायर हाउसिंग सोसायटी के रहने वाले पंकज द्विवेदी ने बताया, "मुझे सोसाइटी में अपना घर छोड़ना पड़ा। मेरे फ्लैट के ऊपर कुछ बैचलर लोग रहते थे जो शराब पीकर हंगामा करते थे। बैचलर लड़कियों ने मेरी बालकनी में आपत्तिजनक समान फेंका था। अधिकतर ऐसा होता था और इसी की वजह से मैंने निराला एस्पायर हाउसिंग सोसाइटी से फ्लैट छोड़ दिया। अब मैं दूसरी हाउसिंग सोसाइटी में अपने परिवार के साथ रहते हैं।"

"सिक्योरिटी गार्ड और महिलाओं के साथ बदतमीजी करते हैं"
रंजना सूरी का कहना है, "कुंवारी लड़के और लड़कियां गाड़ियों के बोनट पर बैठकर शराब पीते हैं। काफी समय पहले सोसाइटी के भीतर बैचलर लोगों ने एक महिला के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी थी जिसकी वजह से मैं सोसाइटी में बैचलर लोगों के खिलाफ हूं"  इको विलेज हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले समीर भारद्वाज का कहना है, "अगर कोई व्यक्ति उनके व्यवहार की जिम्मेदारी लेगा तो मुझे बैचलर लोगों से कोई दिक्कत नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि बैचलर लोग शराब पीकर सोसाइटी में उत्पात मचाते हैं। सिक्योरिटी गार्ड और महिलाओं के साथ बदतमीजी करते हैं।"

"नियमों का पालन नहीं करते"
निराला ग्रीनशायर के निवासी कपिल खरे का कहना है, "सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह लोग नियमों का पालन नहीं करते है अगर बैचलर लड़के और लड़कियां नियमों का पालन करें तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। सोसाइटी में छोटे बच्चे और महिलाएं भी रहती हैं, उनका भी ध्यान नहीं रखा जाता है। नियमों की अवहेलना करते हैं और छोटी सी बात पर लड़ने के लिए आ जाते हैं।"

"सोसाइटी का माहौल खराब होता है"
राधा स्काई गार्डन हाउसिंग सोसाइटी के निवासी दिनेश राणा ने बताया, "मेरी सोसाइटी में नोटिस बोर्ड लगा दिया गया है। जिस पर साफ तौर पर लिखा है कि बैचलर लोगों को सोसाइटी में फ्लैट नहीं मिलेगा। जिसका मुख्य कारण यह है कि हम लड़ाई से बचना चाहते हैं। हम सोसाइटी में कोई भी विवाद नहीं देखना चाहते हैं। सोसाइटी परिवार होता है, जिसमें सैकड़ों लोग रहते हैं। अगर परिवार के बीच विवाद पैदा होता है तो सोसाइटी का माहौल खराब होता है।"

यह नियम बिल्कुल गलत
इस मामले में नफोवा के उपाध्यक्ष मनीष कुमार का कहना है, "मुझे बैचलर लोगों से कोई दिक्कत नहीं है। नियम सबके लिए बराबर होने चाहिए। सोसाइटी में बैचलर लोगों के लिए अलग नियम बनाए गए। यह उनके समझ से परे है। छोटी-छोटी बातों पर तो पति-पत्नी और घर में भी लड़ाई हो जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि उनको सोसाइटी में एंट्री ना मिले। यह नियम बिल्कुल गलत है।"

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