आज फिर फूटा होम बायर्स का गुस्सा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में संडे का मतलब प्रोटेस्ट का दिन : आज फिर फूटा होम बायर्स का गुस्सा

आज फिर फूटा होम बायर्स का गुस्सा

Tricity Today | हड़ताल कर रहे खरीदारी

Greater Noida West : 'कब होगी रेजिस्ट्री', 'कब मिलेगा अपना घर', कुछ इस तरह के नारों के साथ घर खरीदारों का लगातार आठवें  हफ्ते वीकेंड मूवमेंट जारी रहा। खरीदार फ़रवरी में कार बाइक रैली करेंगे। नेफोवा के नेतृत्व में रजिस्ट्री की मांग का प्रदर्शन लगातार आठवें  हफ्ते भी जारी रहा। ऐसे कई बायर्स हैं, जिन्हें आज तक घर ही नहीं मिला। दो महीने से बायर्स बार-बार अपना घर लेने के मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिन्हें घर मिल गया है, वह बरसों से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं।

और बढ़ता गया कारवां 
इस आंदोलन में लगातार घर खरीदारों की संख्या बढ़ रही है। कई सोसायटी के रेसिडेंट्स अपना दर्द लेकर पहुंच रहे हैं। कई ऐसे घर खरीदार विरोध प्रदर्शन में आ रहे हैं, जिन्हें 13 साल बाद भी घर नहीं मिला है। सिर्फ नेताओं से आश्वासन मिला है। इन लोगों का कहना है, "सरकारें तीन बदल गईं लेकिन इनके हालात नहीं बदले हैं।" वहीं वो लोग भी परेशान हैं, जिन्हें किसी तरह घर तो मिल गया लेकिन सात साल बाद भी रजिस्ट्री नहीं हुई है।

क्या कहते हैं नेफोवा के अध्यक्ष
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है, "उन लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, जो ईमानदार हैं और उनकी फरियाद कोई सुनने को तैयार नहीं है। हमारा प्रदर्शन उग्र रूप लेगा अगर सरकार नहीं सुनेगी। हम पीछे नहीं हटेंगे। हमारा पेशेंस जवाब दे गया है। सरकार आगे आये और हमारी मांग पूरी करे।"

ये बन गई है कॉमन प्रॉब्लम 
शांतिपूर्वक प्रदर्शन में सभी  का एक ही दुःख दिखा, घर मिला तो रजिस्ट्री नहीं हुई, कई आज तक अपने घर के पजेशन के इंतजार में हैं। घर मिला शिफ्ट हुए तो उसकी हालत खस्ता है। कभी भी हादसा हो सकता है। स्ट्रक्चरल ऑडिट होने की बात दूर मेन्टेन्स वाले ही उठकर देखने नहीं जाते कि क्या हालत है?                                   

 फरवरी  के पहले हफ़्ते में बायर्स निकालेंगे बाइक रैली  
 आंदोलन में शामिल अनुपमा, अमित दयाल, स्निग्ध सिंह, अमित वर्मा, नीरज श्रीवास्तव, अनुराग खरे, महेश यादव, चंदन सिन्हा, महेश विष्ट, आशीष का कहना है कि हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार रजिस्ट्री शुरू नहीं कर देती है। जिन्हें आज तक घर नहीं मिला उन्हें घर नहीं दे देती है। घर खरीदार  योगेश, संतोष, निधि सक्सेना, अशोक श्रीवास्तव, हिमांशु सक्सेना, अभिषेक जैन, एसपी गुप्ता, वीके बत्रा का कहना है, "उनकी मांगों को जिस तरह नजरअंदाज किया जा रहा है उसे देखकर हम हैरान हैं।" बड़ी संख्या में मौजूद घर खरीदारों  ने मीटिंग की और सबने इस पर सहमति जताई कि आंदोलन को लगातार जमीन  पर और सोशल मीडिया पर जारी रखना है। 

आंदोलन से और जुड़ेंगे खरीददार
आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे मिहिर गौतम ने सभी घर खरीदारों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा  लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जोड़ें और इसे लगातार जारी रखें। कासा ग्रीन्स के रेजिडेंट करुणाकर बिस्वाल कहते हैं, "हमारी शिकायतों का जवाब न आरटीआई देती है और न ही सरकार। बिल्डर तो गूंगा हो ही रखा है। एग्रीमेंट पर रह रहे हैं, रजिस्ट्री हो नहीं रही है। हमने सोचा था कि हम सेवानिवृत होकर यहां आराम से रहेंगे, लेकिन देख लीजिये कितने आराम हैं। कभी सड़क पर प्रदर्शन तो कभी सोसाइटी में बिल्डर से गुहार लगाते हैं।" सुपरटेक ईको विलेज-3 के रेसिडेंट्स बताते है, "हम कोशिश करते हैं कि भूल जाएं कि जो चुनाव के पहले नेताजी ने वादे किये थे। आपका ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट और फायर सेफ्टी सब आएगा। उसके बाद रजिस्ट्री होगी। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, लेकिन हमारे पास आये दिन लोग आते हैं। जो बताते हैं कि आपके फ्लैट पर लोन चल रहा है। कहां जाएं हम? पहले ही लाइफटाइम का सारा पैसा हम इन फ्लैट में लगा चुके हैं।  

बैंक और बिल्डरों के बीच फंसे खरीददार
अजनारा होम्स के रेजिडेंट चन्दन सिन्हा का कहना है कि बिल्डर से जब भी कुछ कहो, बस आश्वासन मिला है। रजिस्ट्री की बात तो किसी ने सुनी ही नहीं। काम क्या होगा? तीन साल से सिर्फ इंट्रेस्ट दे रहे हैं और जितना हम दे चुके हैं, वो कभी डिडक्ट होता दिखा ही नहीं। बैंक कहता है कि आपकी रजिस्ट्री हुई नहीं है। बैंक से हमें एनओसी नहीं मिल नहीं रही है और न बिल्डर एनओसी दे रहा है। हर महीने कहता है कि 15 दिन में दे दूंगा। इस बात को ही साल पर साल होते जा रहे हैं। हम त्रस्त हैं।

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