शहर की महिलाएं आज बिल्डर को देंगी चूड़ियां, कहा- कुछ काम नहीं करेगा तो यही होगा

समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : शहर की महिलाएं आज बिल्डर को देंगी चूड़ियां, कहा- कुछ काम नहीं करेगा तो यही होगा

शहर की महिलाएं आज बिल्डर को देंगी चूड़ियां, कहा- कुछ काम नहीं करेगा तो यही होगा

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट

Greater Noida West : हर रविवार की तरह इस बार भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में समस्याओं को लेकर निवासी सड़क पर आने वाले हैं। अबकी बार महिलाओं के हाथ में कमान है। महिलाओं ने आवाहन किया है कि वह चूड़ियां बिल्डरों को देगी क्योंकि उनके हाथ में वैसे भी कुछ नहीं है। हजारों लोगों से करोड़ों रुपए लूट लिए हैं, उसके बावजूद भी सोसाइटी में समस्याएं बनी हुई है। इसी वजह से लोगों में आक्रोश है। लोग अपनी समस्याओं को लेकर एक बार फिर रविवार को प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इसलिए निवासी प्रदर्शन करने को मजबूर
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित ला रेजिडेंशियल हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने एक दिवसीय आंदोलन का ऐलान किया है। सोसाइटी के निवासी सुमिल जलोटा ने बताया कि इस समय हाउसिंग सोसायटी का बुरा हाल हुआ पड़ा है। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर शून्य बटा सन्नाटा है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। कई-कई दिनों तक पानी की समस्या बनी रहती है। बिजली की समस्या गर्मी का मौसम आते ही शुरू हो जाती है। बिल्डर किसी भी समस्या पर ध्यान नहीं देता है। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट की टीम हमारी मांगों को किनारे कर देती है। लिफ्ट की समस्या काफी ज्यादा है, ऐसे में निवासी प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है।

कोई ध्यान देने वाला नहीं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सैकड़ों हाउसिंग सोसायटी हैं। वहां पर तमाम बिल्डर अपने प्रोजेक्ट बनाकर बैठ गए हैं। जिनमें लाखों लोग रहते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। काफी हाउसिंग सोसायटी ऐसी हैं, जहां पर लोग लाखों-करोड़ों रुपए देने के बावजूद भी अपने ही मकान में किराए की तरह रह रहे हैं। लोगों के घरों की रजिस्ट्री नहीं हुई है। 

आशियाना का सपना बना सजा
कुछ लोग ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपना आशियाना बसाने के लिए आए थे, लेकिन आशियाना बसाने का सपना एक सजा बनकर रह गया है। लोग लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सरकार ने भी अमिताभकांत समिति का गठन किया, लेकिन अभी तक उसके भी परिणाम नहीं आए। हालांकि, अमिताभकांत समिति के बाद लोगों की मदद की आस काफी ज्यादा बढ़ गई है।

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