एयरपोर्ट जाने के लिए निकला युवक 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा, फ्लाइट छुटी

Greater Noida West : एयरपोर्ट जाने के लिए निकला युवक 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा, फ्लाइट छुटी

एयरपोर्ट जाने के लिए निकला युवक 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा, फ्लाइट छुटी

Tricity Today | एयरपोर्ट जाने के लिए निकला युवक 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा

Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित पंचशील हाइनिश हाउसिंग सोसाइटी में एक युवक करीब 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। युवक एयरपोर्ट जा रहा था। उसकी फ्लाइट थी, लेकिन लिफ्ट में फंसे होने की वजह से युवक की फ्लाइट मिस हो गई। इस मामले में मेंटेनेंस डिपार्टमेंट पर पीड़ित परिवार ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि घटना के बाद कुछ लोगों ने सोसाइटी में हंगामा करने का भी प्रयास किया।

गुरुवार दोपहर की घटना
यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित पंचशील हाइनिश हाउसिंग सोसायटी का है। सोसाइटी के निवासी केपी सिसोदिया ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि अखिलेश चौधरी सोसाइटी के T2 टावर में फ्लैट नंबर-1101 में अपने परिवार के साथ रहते है। गुरुवार की दोपहर करीब 2:00 अखिलेश चौधरी दिल्ली से हैदराबाद जाने के लिए सोसाइटी से निकले थे। अखिलेश लिफ्ट के माध्यम से अपने फ्लैट से नीचे जा रहे थे, लेकिन बीच में ही लिफ्ट अटक गई।अखिलेश चौधरी से जब हम ने संपर्क किया, तब वो हजरत निजामउद्दीन रेलवे स्टेशन पर थे  और हैदराबाद जाने के लिए बंगलौर राजधानी एक्सप्रेस पकड़ने वाले थे।
 
करीब 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे अखिलेश 
हादसे के बारे में अखिलेश ने बताया कि वो करीब 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे, काफी प्रयास करने के बावजूद भी जब लिफ्ट नहीं खुली तो उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। उनकी आवाज को सुनकर पूरा परिवार परेशान हो गया। उनके परिवार ने लिफ्ट खोलने की कोशिश की। वहां से गुजर रहे प्लम्बर ने लिफ्ट का गेट खोला और इन्हे बाहर निकाला। करीब 45 मिनट बाद लिफ्ट का गेट खुला। अखिलेश  चौधरी की पत्नी का कहना है कि अगर थोड़ी भी और देरी हो जाती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। यह पूरा मामला सोसायटी के टावर नंबर-2 का है।

लिफ्ट अटकने का कोई पहला मामला नहीं
आपको बता दें कि लिफ्ट अटकने का ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे काफी हादसे हो चुके हैं। काफी बार तो छोटे-छोटे बच्चे भी लिफ्ट में फंस जाते हैं। निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने सोसाइटी तो बना दी, लेकिन मेंटेनेंस करना ठीक से नहीं आता है। जिसकी वजह से ऐसे हादसे होते रहते हैं। निवासियों का कहना है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो जाएगा और उसका जिम्मेदार केवल और केवल बिल्डर होगा। जब इस बारे में हम ने सोसाइटी के निवासिओं से बात की, तो एओए के मेंबर भास्कर कानूनगो ने बताया कि अभी एओए का पंजीकरण जनवरी 31, 2023 को हुआ है। अभी एओए का पंजीकरण जनवरी 31, 2023 को ही हुआ है। अभी बिल्डर के साथ मीटिंग होनी बाकी है। अभी समस्या ये है की सोसायटी में कोई भी रखरखाव का कार्य सुचारू ढंग से नही चल रहा है। स्थिति दिन ब दिन खराब दिशा की और जा रहा है। इस पर अभी बिल्डर के साथ मीटिंग जल्द से जल्द करने की कोशिश में है।

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