Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के तालाबों में अवैध कब्जे का खेल जारी है। पुराने तालाबों को नष्ट कर उन पर मकान बनाए गए हैं। इस मामले में अब बड़ी कार्रवाई की जा रही है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी (DM Noida) ने 2012 के एक मामले में अवैध कब्जों पर की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को पेश की है। यह रिपोर्ट अभीष्ट कुसुम गुप्ता बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य मामले में प्रस्तुत की गई है।
211 तालाब अतिक्रमण की चपेट में
रिपोर्ट के अनुसार, जिले के तीन प्रमुख क्षेत्रों -जिले की तीन तहसीलों - जेवर, सदर और दादरी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 1,018 तालाबों में से 211 तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। इन अतिक्रमणों के खिलाफ 804 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश में बेदखली के आदेश पारित हो चुके हैं। यहां 168 मामले दर्ज किए गए और लगभग 2.1863 हेक्टेयर भूमि से अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
जेवर, सदर और दादरी में इतने तालाबों पर बनी इमारतें
जेवर तहसील में 293 तालाबों में से 29 पर अतिक्रमण है। यहां 168 मामलों में बेदखली के आदेश दिए गए हैं, जिनमें 2.8163 हेक्टेयर भूमि शामिल है। सदर तहसील में 245 तालाबों में से 48 अतिक्रमित हैं, जहां 353 मामलों में 5.4139 हेक्टेयर भूमि की बेदखली के आदेश हुए हैं। दादरी में सबसे ज्यादा 480 तालाब हैं, जिनमें से 134 पर अतिक्रमण है। यहां 283 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 249 में 3.6956 हेक्टेयर भूमि की बेदखली के आदेश पारित हुए हैं।
अवैध कब्जे पर चलेगा बुलडोजर
प्रशासन ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व, पुलिस, प्राधिकरण और विकास विभाग की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। हालांकि, कई जगहों पर स्थायी निवासियों के मकान बने होने के कारण कार्रवाई में चुनौतियां आ रही हैं। सरकार के निर्देशानुसार, गरीब और निराश्रित लोगों के लिए वैकल्पिक आवास व्यवस्था के बाद ही उन्हें हटाया जाएगा। कुछ स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जेवर में तीन गांवों के कुछ हिस्सों से अतिक्रमण हटाया गया है। सदर तहसील में भी पांच गांवों में कार्रवाई हुई है। प्रशासन ने पूरी कार्रवाई के लिए आठ महीने का समय मांगा है।
स्थानीय नागरिकों की मांग
स्थानीय नागरिक कार्रवाई में साथ देने का फैसला भी किया है। लेकिन साथ ही मांग की है कि प्रशासन गरीब और बेघर लोगों के पुनर्वास की भी व्यवस्था करें। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामलों में उचित कार्रवाही की जाएगी। यह रिपोर्ट ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में चल रहे भूमि विवादों और अवैध कब्जों की समस्या को रेखांकित करती है।