Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर है। गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने ओमेक्स समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक समेत 6 निदेशकों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इन पर दुकाने बेचने के नाम पर धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और जालसाजी करने के आरोप हैं। अदालत ने तीन अलग-अलग मामलों में सुनवाई करने के बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करके जांच करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट मांगी है।
क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा के बिरौंडी चक्रसेनपुर गांव में रहने वाले सुंदर पुत्र रुमाल सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में याचिका दायर की। सुंदर ने बताया कि ओमेक्स लिमिटेड ने शहर के सेक्टर ओमेगा दो में एक कमर्शियल प्रोजेक्ट ओमेक्स एनआरआई सिटी सेंटर के नाम से लांच किया था। सुंदर ने 22 मई 2015 को अपनी पत्नी सुमन के नाम से दुकान नंबर-16 बुक की। जिसका क्षेत्रफल 306.53 वर्ग फुट था। यह दुकान कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के अपर ग्राउंड फ्लोर पर थी। बुकिंग की एवज में 12,72,609 रुपये का चेक ओमेक्स एनआरआई सिटी सेंटर के कार्यालय में जमा किया था। उस वक्त कंपनी के बोर्ड चेयरमैन रोहतास गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित गोयल, डायरेक्टर जतिन गोयल, विनीत गोयल, गुरुनाम सिंह और निशांत जैन मौजूद थे। उन्हें यह चेक सौंपा था।
दो साल में बनाकर नहीं दी दुकान
वकील हृदेश रावल और आलोक शर्मा ने बताया कि इन सारे लोगों ने 2 वर्ष के अंदर दुकान बनाकर तैयार करने और कब्जा देने का वादा किया था। निर्धारित वक्त में इन लोगों ने प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं किया और दुकान बनाकर नहीं दी। सुंदर का आरोप है कि उन्होंने बोर्ड डायरेक्टर और ओमेक्स के बिजनेस हेड मनीष गर्ग व संजय से कई बार मुलाकात की। यह सारे लोग उन्हें झूठे वादे करते रहे। इस बीच उन्हें अन्य लोगों से जानकारी मिली कि कंपनी ने कॉम्प्लेक्स का नक्शा बदल दिया है। जिसे ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से मंजूरी नहीं मिली है। सैकड़ों लोगों को फर्जीवाड़ा करके दुकान बेच दी गई हैं। यह जानकारी मिलने पर सुंदर की ओर से थाना सेक्टर बीटा-2 में शिकायत दी गई।
कोर्ट ने एफआईआर का आदेश दिया
सुंदर का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की। मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। सुंदर ने कंपनी की ओर से जारी किया गया अलॉटमेंट लेटर, बैंक स्टेटमेंट, भुगतान की रसीद और कई दूसरे दस्तावेज अदालत के सामने पेश किए। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार कुशवाहा ने थाना सेक्टर बीटा-2 पुलिस को आदेश दिया है कि सुंदर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाए। प्रकरण की विवेचना करके अदालत में रिपोर्ट पेश करें।
दूसरे मामले में 18,10,113 रुपये की धोखाधड़ी
इसी तरह की दूसरी शिकायत घोड़ी बछेड़ा गांव के निवासी मांगेराम पुत्र रघुवीर सिंह की ओर से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में की गई। रघुवीर सिंह ने बताया कि उनसे सेक्टर बीटा-2 में बने गए ओमेक्स कनॉट प्लेस में दुकान बुकिंग के नाम पर 16,80,312 रुपए इन सारे आरोपियों ने लिए हैं। दो साल में दुकान पर कब्जा देने का वादा किया था। बुकिंग के एक साल बाद बिजली के उपकरण, लीज रेंट, पावर बैकअप, मेंटेनेंस और बिजली मीटर लगाने के नाम पर 1,32,801 रुपये लिए गए। इस तरह मांगेराम ने कंपनी को 18,10,113 रुपये दिए हैं। अब मांगेराम को पता चला है कि उनकी दुकान का नक्शा प्राधिकरण से पास नहीं है। उनके साथ कंपनी निदेशकों ने धोखाधड़ी की है। इस मामले में भी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रोहतास गोयल, मोहित गोयल, जतिन गोयल, विनीत गोयल, गुरनाम सिंह और निशांत जैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश थाना सेक्टर बीटा-2 को दिया है।
तीसरे मामले में 22,34,646 रुपए का विवाद
तीसरा मुकदमा बिरौंडी चक्रसेनपुर गांव के रहने वाले विजेंद्र सिंह पुत्र रुमाल सिंह ने अदालत में दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि ओमेक्स कनॉट प्लेस में दुकान की बुकिंग के नाम पर उनसे और पत्नी शशि से 20,90,521 रुपये की धोखाधड़ी की गई है। फिर 2,39,686 लिए गए। पावर बैकअप, मेंटेनेंस चार्ज और बिजली का मीटर देने के नाम पर 1,44,125 अतिरिक्त वसूली की गई है। इस तरह कंपनी ने उन्हें 22,34,646 रुपए का चूना लगाया है। इन लोगों के वकीलों हृदेश रावल और आलोक शर्मा ने बताया कि अदालत ने रोहतास गोयल समेत निदेशक मंडल के छह लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने यह तीनों आदेश शुक्रवार को दिए हैं।