गौतमबुद्ध नगर लुक्सर जिला जेल से अब तक कुल 352 बंदियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है। दरअसल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रदेश के सभी जिला जेलों में बंद 7 साल तक की सजा काट रहे कैदियों को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया था। लुक्सर जेल में बंद 7 साल से कम की सजा काट रहे कुल 443 कैदियों ने पेरोल के आवेदन पत्र दिया था। लेकिन इनमें से सिर्फ 352 बंदियों को ही पेरोल पर जमानत दी गई है।
60 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा हुए
गौतमबुद्ध नगर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास कुमार वर्मा ने इस बारे में जानकारी दी है। दरअसल प्रदेश की जेलों में भी कोरोना महामारी का कहर जारी है। कैदियों को आइसोलेशन में रखना भी बड़ी चुनौती है। इसीलिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि राज्य के कारागृहों में अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा काट रहे पात्र कैदियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। इससे कारावास में कोविड-19 फैलने का खतरा कम हो जाएगा।
443 कैदियों ने दिया था आवेदन
इसका पालन करते हुए गौतमबुद्ध नगर के लुक्सर जिला जेल से 443 कैदियों ने पेरोल के लिए आवेदन दिया था। गौतमबुद्ध नगर के अपर जिला जज पॉक्सो प्रथम निरंजन कुमार, अपर जिला जज द्वितीय राजीव कुमार, अपर जिला जज तृतीय मनोज कुमार, एसीजेएम प्रदीप कुमार कुशवाहा तथा सिविल जज अवधेश कुमार ने सभी आवेदनों की स्क्रूटनी की थी। इसके बाद उन्होंने 352 कैदियों को पेरोल पर रिहा किए जाने के पात्र पाया। अब तक इन सभी बंदियों को लुक्सर जिला जेल से 60 दिन के पेरोल पर रिहा कर दिया गया है।