नियुक्ति घोटाले में मिली थीं नौकरियां, रंग लाई ट्राईसिटी टुडे की मुहिम

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 49 कर्मचारी बर्खास्त : नियुक्ति घोटाले में मिली थीं नौकरियां, रंग लाई ट्राईसिटी टुडे की मुहिम

नियुक्ति घोटाले में मिली थीं नौकरियां, रंग लाई ट्राईसिटी टुडे की मुहिम

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 49 कर्मचारी बर्खास्त

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में अपने रिश्तेदारों और फर्जीवाड़े के बूते नौकरियां हासिल करने वाले 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट आने के बाद इन सभी पर गाज गिरी है। इनमें प्राधिकरण में कार्यरत अफसरों के रिश्तेदार, नेताओं और प्राधिकरण के लिए काम करने वाली एजेंसियों के रिश्तेदार शामिल हैं। आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे ने इन फर्जी नियुक्तियों के खिलाफ मुहिम चलाई थी। जिस पर हम लगातार समाचार प्रकाशित करते रहे। यह मुहिम रंग लाई है। साथ ही इस मामले को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाने वाले शिकायतकर्ताओं को कामयाबी मिली है। शिकायत करने वालों को भी इन तमाम लोगों ने तरह-तरह से परेशान करने की कोशिश की हैं।

क्या है मामला
दरअसल, बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने करीब 4 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा था। मेरठ के रहने वाले नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवक आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। राजेंद्र सिंह ने बताया था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है।  इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है और 35 लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई है। राजेंद्र सिंह, नीलकमल और आकाश त्यागी की शिकायतों के आधार पर ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले में छानबीन की। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

जमकर हुआ भाई भतीजावाद
प्राधिकरण में तैनात अफसरों और कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से अपने बेटे, बेटियों, भतीजे, बहू, सालों और रिश्तेदारों को मनमाने ढंग से नौकरियां बांट दीं। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कई अफसरों के तो दो-दो बेटे और भतीजों को नौकरियां दी गई हैं। एक परिवार में 10 सदस्यों को प्राधिकरण में नौकरियां दे दी गईं। ट्राईसिटी टुडे में लगातार प्रकाशित हो रहे समाचारों पर शासन ने संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को जांच करके दो कार्य दिवस में रिपोर्ट मांगी थी। 

इन 49 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया
  1. कुलदीप सिंह
  2. आशुतोष सिंह रावत
  3. अजय नवानी
  4. अरविंद कुमार सिंह
  5. अमित भाटी
  6. सौरभ मिश्रा
  7. अंकित मौर्य
  8. लवांश भाटी
  9. निखिल बंसल 
  10. पंकज कुमार रंजन
  11. मुरसलीन खान
  12. रितिक
  13. अमित कुमार भाटी
  14. बददेला रोहित कुमार
  15. रिचा सिंह 
  16. दिव्यांग कपूर 
  17. पूनम 
  18. दर्शन सिंह 
  19. मनोज गौतम 
  20. सुमित 
  21. विशाल चौधरी 
  22. गौरव नाथ दुबे 
  23. गौरव कुमार 
  24. ओमवीर 
  25. मोहसिन खान 
  26. लविश शर्मा 
  27. ध्रुव शर्मा 
  28. वरुण शर्मा 
  29. रोहित सिंह 
  30. दुर्गेश कुमार मौर्य 
  31. शुभम मल 
  32. आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव
  33. विवेक सिंह 
  34. अभिजीत सिंह राठी 
  35. सोनू कुमार पाठक
  36. अमरजीत करण 
  37. धर्मेंद्र वर्मा
  38. नवीन कुमार 
  39. इंद्रदेव छोकर 
  40. मोहित चौधरी 
  41. पोरस राज 
  42. आदेश भाटी 
  43. विपिन कुमार 
  44. मोहित नागर 
  45. तरुण नागर 
  46. तरुण कुमार 
  47. विकास कुमार गिरी 
  48. विक्रांत सिरोही 
  49. विवेक कुमार
सीईओ ने समिति बनाई थी
इसके बाद सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया। इस समिति में तीन एसीईओ शामिल किए। जिसके बाद प्रेरणा शर्मा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दी। अब इस मामले में लम्बी लड़ाई के बाद 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

49 लोगों को नौकरियों से निकाला गया
यह फर्जीवाड़ा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लिए काम करने वाली दो मानव संसाधन एजेंसियों के जरिए किया गया था। एक एजेंसी नोएडा की राधा कृष्णा सर्विस प्रोवाइडर है। दूसरी का नाम माधव एसीसीएट्स है। यह कंपनी भी नोएडा में रजिस्टर्ड है। बड़ी बात यह है कि इन एजेंसियों को संचालित करने वालों के रिश्तेदार भी नौकरियां पा गए थे। राधा कृष्णा सर्विस प्रोवाइडर्स के 13 और माधव एसोसिएट्स के 36 मानव संसाधन को इस फर्जीवाड़े में शामिल पाया गया है। इस तरह इन दोनों एजेंसियों के जरिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में प्लेसमेंट हासिल करने वाले 49 लोगों की नौकरियां समाप्त कर दी गई हैं। सोमवार को अथॉरिटी के विशेष कार्याधिकारी (कार्मिक) रविंद्र सिंह यादव की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं।

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