Tricity Today | सोमवार को सपा नेता चमन भाटी हत्याकांड में सजा सुनने के बाद पुलिस सुरक्षा के बीच जेल वापस जाता हुआ माफ़िया गैंगस्टर रणदीप भाटी।
Greater Noida News : समाजवादी पार्टी के नेता चमन भाटी की हत्या करने के लिए जिन चार कुख्यातों को सोमवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने सजा सुनाई है, वह आतंक का पर्याय हैं। अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि रणदीप भाटी रिठौरी, कुलवीर, योगेश डाबरा और उमेश पंडित के ख़िलाफ़ इस 69 मुक़दमे चल रहे हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह सारे लोग क़रीब 20 वर्षों से जरायम की दुनिया में सक्रिय हैं, लेकिन आज तक कभी सज़ा नहीं हो पायी। पहली बार रणदीप भाटी और उसके गैंगस्टर साथियों को सजा सुनाई गई है।
1. रणदीप भाटी रिठौरी
रणदीप भाटी को उत्तर प्रदेश सरकार ने माफ़िया गैंगस्टर घोषित कर रखा है। उसके ख़िलाफ़ फ़िलहाल 30 मुकदमें चल रहे हैं। यह मुक़दमे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इनमें आठ मामले हत्याओं से जुड़े हैं। रणदीप भाटी गौतमबुद्ध नगर के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हिस्ट्रीशीटर नरेश भाटी का छोटा भाई है। नरेश भाटी रिठौड़ी गैंग का मास्टर माइंड था। जब उसकी हत्या हो गई तो रिठौड़ी गैंग की कमान उसके छोटे भाई रणपाल भाटी के हाथों में चली गई थी। लेकिन वह भी बुलन्दशहर में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। उसके बाद गैंग की कमान सबसे छोटे भाई रणदीप भाटी ने संभाली। रणदीप भाटी जल्द ही वेस्ट यूपी में आतंक का दूसरा नाम बन गया। रणदीप भाटी दिल्ली की मंडौली जेल में बंद है लेकिन वह वहीं से अपना गिरोह संचालित कर रहा है। हाल ही में उसने डबल मर्डर में एक गवाह को धमकी दिलवाई थी। गवाह पर पिछले कुछ महीनों में कई बार जानलेवा हमला भी हो चुका है। अब सोमवार को रणदीप भाटी पहली बार सजायाफ्ता हुआ है। उसे सपा नेता चमन भाटी हत्याकांड के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रणदीप भाटी रिठौरी (File Photo)
उमेश पंडित
रणदीप भाटी गैंग में दूसरा सबसे बड़ा कुख्यात उमेश पंडित है। उमेश शर्मा उर्फ उमेश पंडित मूल रूप से ग़ाज़ियाबाद ज़िले में लोनी क़स्बे के पास राम पार्क एक्सटेंशन का रहने वाला है। उसके ख़िलाफ़ फ़िलहाल 18 मुक़दमे दर्ज हैं। इनमें से एक मुक़दमा ग़ाज़ियाबाद में सुंदर भाटी गैंग पर एके 47 से हमला करने का भी शामिल है। जिसमें चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। चमन भाटी हत्याकांड के बाद उमेश पंडित को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ़्तार किया था। वह तभी से जेल में बंद है। उमेश बैनामा लेखक अशोक रावत हत्याकांड में भी शामिल था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उमेश को गिरफ्तार किया था। इसके पास से पिस्टल बरामद हुई थी। उमेश का नाम डाबरा गांव वासी सपा नेता चमन भाटी की हत्यारों में भी शामिल था। इस हत्याकांड में उमेश के खिलाफ नामजद एफआईआर करवाई गई थी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी योगेश को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उमेश की गिरफ्तारी से जिले की पुलिस का सिरदर्द बन गए अशोक रावत हत्याकांड का खुलासा हुआ था। बैनामा लेखक अशोक रावत की 11 मई 2011 की रात कासना कोतवाली क्षेत्र स्थित रायन गोलचक्कर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पंडित (FilePhoto)
योगेश डाबरा
योगेश डाबरा रणदीप भाटी गैंग का शार्प शूटर है। योगेश डाबरा पर आधे दर्जन से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, फिरौती, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और आर्म्स एक्ट के मुक़दमे शामिल हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कुछ महीने पहले योगेश डाबरा की डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। यह कार्यवाही गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई थी। योगेश पर दो दर्जन से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी वसूलने और कारोबारियों को धमकियां देने जैसे मामले दर्ज हैं। आपको बता दें कि रणदीप भाटी इंटरस्टेट गैंग आईएस 298 का सरगना है। इस गैंग के सदस्य नई दिल्ली, एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में मौजूद हैं। फिलहाल योगेश डाबरा जेल में बंद है। इससे पहले योगेश के खिलाफ 25 अगस्त 2021 को पुलिस के कार्रवाई की थी। कुख्यात रणदीप भाटी गैंग के सक्रिय सदस्य योगेश डाबरा के भाई और साले के 16 वाहन पुलिस ने जब्त किए थे। कोतवाली जारचा पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की। पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर यह सारे वाहन अवैध धन अर्जित करके खरीदे थे। तब कोतवाली जारचा पुलिस ने विशेष न्यायालय पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत वाहन कुर्क किए थे। पुलिस टीम ने कुख्यात रणदीप पार्टी गैंग के सक्रिय सदस्य योगेश डाबरा के भाई सुंदर के पांच वाहन और उसके साले हरेंद्र के 11 वाहन कुर्क किए थे। योगेश डाबरा (File Photo)
एडीसीपी ने बताया था कि कुर्क किए गए उन 16 वाहनों की अनुमानित कीमत करीब 2 करोड़ 26 लाख 90 हजार रुपये थी। कुछ महीने पहले जानकारी मिली थी कि योगेश डाबरा ने कुख्यात अनिल दुजाना से हाथ मिला लिया है। बाद में अनिल दुजाना मेरठ में यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। योगेश डाबरा ने जेल में रहते हुए कई बार अनिल दुजाना से लंबी बात की। दोनों एक साथ दिल्ली की मंडोली जेल नंबर 11 में बंद रहे थे। अनिल बाहर आ गया था। योगेश जेल में ही था। कुछ दिन बाद अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में मारा गया। चमन भाटी की हत्या करने वाला योगेश डाबरा पुलिस टीम पर भी गोली चलाने से परहेज नहीं करता है। जून 2019 में बागपत जिले के गांव घिटौरा में शरण लिए हुए योगेश को दो कांस्टेबल ने दबोच लिया था, लेकिन कुछ लोगों ने दोनों कांस्टेबल की पकड़ से बदमाश को छुड़ा लिया था। इस दौरान बदमाश की दो पिस्टल गिर गई। वहीं कांस्टेबल के मोबाइल टूट गए। योगेश पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करते हुए फरार हो गया था। बाद में उसके मददगार पकड़े गए थे।
कुलवीर
अनिल दुजाना और रणदीप भाटी की गिरफ्तारी के बाद रिठौरी गैंग के संचालन की जिम्मेदारी कुलवीर भाटी संभाली थी। इसमें उसका सहयोग कुख्यात अपराधी अमित कसाना और योगेश भाटी कर रहे थे। उसने अवैध खनन, रंगदारी वसूलने, बड़े ठेकेदारों और पेरीफेरल रोड के निर्माण में लगे ठेकेदारों को डरा-धमकाकर धन उगाही की। साल 2012 में चमन भाटी की हत्या में वह वांछित चल रहा था। एसटीएफ ने थाना दादरी क्षेत्र के ग्राम रिठौरी में घेराबंदी कर कुलवीर को गिरफ्तार किया था। कुलवीर भाटी पर करीब एक दर्जन से अधिक लूट, हत्या, डकैती और रंगदारी के अभियोग दर्ज हैं। कुछ महीने पहले गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर डेट ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के तहत कुलवीर भाटी की अचल संपत्ति जो ग्राम रिठौरी स्थित 250 वर्ग गज में दो मंजिला मकान कीमत करीब 1 करोड 52 लाख 50 हजार रुपए थी। उसको कुर्क कर लिया है। जब अधिकारियों का कहना था कि पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर के आदेश पर अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अपराधियों के विरुद्ध आगे भी इसी प्रकार की कड़ी कार्यवाही निरंतर स्तर पर जारी रहेगी।