एक इमारत तोड़ रहा एक मजदूर, लगेगा दस साल का वक्त

शाहबेरी में ध्वस्तीकरण : एक इमारत तोड़ रहा एक मजदूर, लगेगा दस साल का वक्त

एक इमारत तोड़ रहा एक मजदूर, लगेगा दस साल का वक्त

Tricity Today | इसी इमारत तोड़ रहा एक मजदूर

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के शाहबेरी और चक शाहबेरी में अवैध टावरों का जाल फैलता जा रहा है। ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी (Greater Noida Authority) की ओर से अवैध टावरों को तोड़ने के लिए एक टावर पर एक मजदूर लगाया हुआ है। इस तरह एक मजदूर एक पांच मंजिले टावर को तोड़ने में करीब दस साल लगा देगा। यह हाल ग्रेटर नोएडा के डिविजन एक के मैनेजर प्रभात शंकर की ओर से की जा रही कार्रवाई का है।

प्रभात शंकर की ओर से बताया गया है कि शाहबेरी में अवैध टॉवरों को गिराया जा रहा है, लेकिन मौके पर देख कर पता चला कि जिस अवैध टावर को गिराया जा रहा है, उस टावर को गिराने के लिए मात्र एक मजदूर लगा हुआ है। यह मजदूर सबसे ऊपर की पांचवीं मंजिल पर चढ़ कर दीवार हथौड़े से गिरा रहा है। राजेंद्र सिंह का कहना है कि इस तरह यह एकमात्र अवैध टावरों को गिराने का ढोंग है। प्रभात शंकर ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी की सीईओ की कार्रवाई से बचने के लिए इस फार्मुले को अपना रहे हैं। जिससे लगे कि अवैध टावर को गिराने के लिए प्राॅजेक्ट विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है। 

राजेंद्र सिंह का कहना है कि हकीकत कुछ ओर ही है। आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी के पास 6 जेसीबी मशीन हैं। जिनमें से चार जेसीबी मशीन अभी खरीदी गई हैं, लेकिन पांच मंजिला टावर को जेसीबी से नहीं गिराकर मात्र एक मजदूर हथौड़ा लेकर गिराने में लगाया गया है। यह शाहबेरी की हकीकत है। कुल मिलाकर एक मजदूर इस विशाल इमारत को 10 वर्षों में तो गिरा ही देगा। सीईओ को दौरा करके हकीकत जान लेनी चाहिए। यही हाल रहा तो शाहबेरी की अरबों रुपये की जमीन अथाॅरिटी के हाथों से निकल जाएगी। प्राॅजेक्ट विभाग के अधिकारी अपनी तिजोरी भरकर अपने अलीशान घर में मौज मार रहे हैं।

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