एक कवि मशहूर इंडिया एक्सपोमार्ट के बाहर खड़ा होकर सिखाता है 'ट्रैफिक रूल्स'

ग्रेटर नोएडा : एक कवि मशहूर इंडिया एक्सपोमार्ट के बाहर खड़ा होकर सिखाता है 'ट्रैफिक रूल्स'

एक कवि मशहूर इंडिया एक्सपोमार्ट के बाहर खड़ा होकर सिखाता है 'ट्रैफिक रूल्स'

Tricity Today | ओम रायजादा इंडिया एक्सपोमार्ट के बाहर खड़े होकर 'ट्रैफिक रूल्स' सिखाते हुए

Greater Noida : एक कवि शहर के मशहूर इंडिया एक्सपोमार्ट के सामने रोजाना हाथ में यह तख्ती लेकर खड़ा होता है। नाम है ओम रायजादा। ओम रायजादा ग्रेटर नोएडा में लंबे अरसे से रह रहे हैं। वह शहर के शुरुआती निवासियों में शुमार हैं। लिहाजा, शहर की खूबसूरती से बड़ा प्रेम है। जब उन्हें शहर में कोई गड़बड़ी नजर आती है तो सोशल मीडिया के जरिए टिप्पणियां करते हैं। सुझाव देते हैं। आजकल ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को चेता रहे हैं।

"शहर में रोंग साइड चलने वालों की भरमार"
ओम रायजादा अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, "हमारे शहर में ट्रैफिक रूल तोड़ने की बहुत बुरी आदत है। लोग ट्रैफिक पुलिस के सामने ही उलटी दिशा में दौड़ने लगते हैं। मैं पिछले 8 दिनों से नॉलेज पार्क में इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर के सामने गोल चक्कर पर खड़ा होता हूं। सुबह 10:00 बजे वहां पहुंच जाता हूं और शाम 5:00 बजे तक खड़ा रहता हूं। इस दौरान देखता हूं कि बड़ी-बड़ी कारों में सवार लोग शॉर्टकट मारने के चक्कर में गलत दिशा चुनते हैं। जिससे कई बार हादसे होते-होते बचते हैं। कई लोग तो इतने ज्यादा ढीठ हैं कि मेरे हाथ में तख्ती देखने के बावजूद गलत दिशा में चलने से नहीं चूकते हैं।"
"सोचा कुछ लोगों को भी समझा सका तो बड़ी बात"
ओम रायजादा सेवानिवृत्त हैं और उनका भरा-पूरा परिवार है। बेटे के साथ रहते हैं। नवंबर में सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है। इस दौरान उन्होंने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। ओम रायजादा अच्छे कवि हैं। उनकी तमाम रचनाएं करके पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। वह कहते हैं, "मैं जब शहर की सड़कों से गुजरता हूं तो लोगों को बेतरतीब चलते हुए देखना बुरा लगता है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए देखता हूं। लोग बिना वजह जान हथेली पर रखकर चल रहे हैं। मैंने सोचा सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान अगर कुछ लोगों को भी ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरूक कर पाया तो बड़ी बात होगी। शायद लोग मेरी उम्र का लिहाज करके कुछ सीख लें।" 

रायजादा आगे कहते हैं, "सुबह से शाम तक ट्रैफिक के बीच खड़ा होना आसान नहीं है। मैं अब यह अनुभव हासिल कर रहा हूं तो मुझे यातायात पुलिस के कर्मियों की परेशानी समझ आई है। लोगों को भी यह बात समझनी चाहिए। अगर हम लोग नियमों का पालन करें तो कम पुलिस वालों को ही जहरीले धुंए के बीच खड़ा होना पड़ेगा।"

"पापा ने हमें बहुत जागरूक किया है, अब भी हिदायतें देते हैं"
ओम रायजादा के बेटे आदित्य रायजादा कामकाजी हैं। वह कहते हैं, "मुझे पापा के सामाजिक कार्यों पर बड़ा फक्र महसूस होता है। वह छोटी-छोटी बातों का बड़ा ख्याल रखते हैं। उनका कहना है कि बड़े काम की शुरुआत छोटी ही होती है। वह पेड़-पौधे लगाने के शौकीन हैं। फूल-पत्ते और पौधों को नुकसान पहुंचाने वालों से सख्त नफरत करते हैं। यातायात के नियमों का पालन करने के लिए हम लोगों को अक्सर हिदायत देते रहते हैं। वे कहते हैं कि घर से समय से पहले निकालिए। सड़क पर जाकर जल्दबाजी करना ठीक नहीं है। जो लोग घर से देरी से निकलते हैं, वही सड़क पर जल्दबाजी करते हैं।" आदित्य आगे कहते हैं, "पापा को ग्रेटर नोएडा शहर से बहुत लगाव है। शहर की खूबसूरती पर उन्हें बड़ा नाज है। इसलिए शहर को किसी भी तरह से बदरंग या नुकसान पहुंचाने वालों को है पसंद नहीं करते हैं।"

ओम रायजादा आजकल ग्रेटर नोएडा शहर के लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। लोग उनके बारे में ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिख रहे हैं। रायजादा के फोटो शेयर किए जा रहे हैं। लोग एक दूसरे से यातायात नियमों का पालन करने की अपील भी कर रहे हैं।

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