बेल पर आए आरोपियों ने बिल्डिंग में शुरू की गतिविधियां, प्राधिकरण राजनीतिक दबाव में दबा!

तुस्याना भूमि घोटाले से जुड़ा अवैध कॉम्प्लेक्स : बेल पर आए आरोपियों ने बिल्डिंग में शुरू की गतिविधियां, प्राधिकरण राजनीतिक दबाव में दबा!

बेल पर आए आरोपियों ने बिल्डिंग में शुरू की गतिविधियां, प्राधिकरण राजनीतिक दबाव में दबा!

Tricity Today | तुस्याना भूमि घोटाले से जुड़ा अवैध कॉम्प्लेक्स

Greater Noida News : तुस्याना भूमि घोटाले से जुड़े आरोपियों के विवादित कॉम्प्लेक्स में फिर से व्यावसायिक गतिविधियों का शुरू कर दी है। तुस्याना भूमि घोटाले से जुड़ी जमीन ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-1 में स्थित है। जहां पर एक विवादित कॉम्प्लेक्स बना हुआ है। इस विवादित कॉम्प्लेक्स की 130 मीटर जगह को जनवरी 2024 में एनजीटी के आदेश पर तोड़ा गया था। 

एनजीटी के आदेश किनारे
एनजीटी के आदेशों के बाद आरोपियों ने विवादित भूखंड के एक हिस्से को खुद ही ढहा दिया था। पिछले तीन महीने से इस क्षेत्र की मरम्मत और रिपेयरिंग चल रही थी। बावजूद इसके काम्प्लेक्स में अवैध कॉम्प्लेक्स गतिविधियां जारी हैं। 

पूरे तरीके से अवैध बिल्डिंग, फिर बनी धड़ल्ले से चल रही
यह भूखंड 5 प्रतिशत प्लॉट के सापेक्ष 50 प्रतिशत कमर्शियल गतिविधियों की अनुमति के साथ आवंटित किया गया था। हालांकि, आरोपियों ने पूरे भूखंड पर बिना अनुमति के व्यावसायिक दुकानों को किराए पर दे दिया। वर्तमान में यहां 20 से अधिक दुकानें, बेसमेंट में स्विग्गी का डिपो, होटल, क्लब और वार प्राधिकरण से बिना किसी परमिशन के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। 

बिल्डिंग को नहीं मिली कोई भी अनुमति
इस कॉम्प्लेक्स का न तो कमर्शियल गतिविधि के लिए वैध नक़्शा पास है और न ही प्राधिकरण से ऑक्यूपेंसी या कम्पलीशन प्रमाणपत्र जारी है। इसके अलावा आगज़नी से बचाव के लिए फायर एनओसी भी प्राप्त नहीं की गई है।

राजनीतिक दबाव में दब गया प्राधिकरण
बीते 31 जुलाई 2024 को प्राधिकरण ने इस विवादित भूखंड को सीलिंग करते हुए ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया कि इसमें चल रही व्यावसायिक गतिविधियां अवैध हैं और 80 मीटर सड़क पर व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस नोटिस के बाद एक दर्जन से अधिक दुकानदारों ने अपनी दुकानों को तुरंत खाली कर दिया, लेकिन प्राधिकरण ने आज तक अपने नोटिस पर अमल नहीं किया। इसको लेकर मुख्यमंत्री और पीएमओ तक प्राधिकरण की शिकायत करने की मांग की जा रही है। प्राधिकरण की कार्रवाई न होने के कारण विवादित कॉम्प्लेक्स के स्वामियों ने जो कि जेल से बेल पर हैं, दुकानदारों को अपनी गतिविधियां फिर से शुरू करने के निर्देश दे दिए है। इससे स्पष्ट है कि भूमाफियाओं के खिलाफ प्राधिकरण की कार्यवाही में राजनीतिक दबाव का प्रभाव देखा जा रहा है।

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