एसीईओ अमनदीप डुली ने एके जोहरी को बनाया बलि का बकरा, खुद को बचाने के लिए बरती चालाकी

ग्रेटर नोएडा फर्जी नियुक्ति घोटाला : एसीईओ अमनदीप डुली ने एके जोहरी को बनाया बलि का बकरा, खुद को बचाने के लिए बरती चालाकी

एसीईओ अमनदीप डुली ने एके जोहरी को बनाया बलि का बकरा, खुद को बचाने के लिए बरती चालाकी

Tricity Today | एसीईओ अमनदीप डुली

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुए फर्जी नियुक्ति घोटाले में एसीईओ अमनदीप डुली ने खुद को बचाने के लिए नया तरीका खोज निकाला है। बली का बकरा अपने से कई पद जूनियर एके जोहरी को बनाया जा रहा है। मानव संसाधन विभाग के इंचार्ज अमनदीप डुली खुद है। 70 लोगों की भर्ती मानव संसाधन विभाग की ओर से की गई है, लेकिन अपना ठीकरा सर्तकता अधिकारी वरिष्ठ प्रबंधक तकनिकी प्रभारी एके जोहरी के सिर को फोड़ दिया गया है।

एसीईओ अमनदीप डुली ने एके जोहरी को फर्जी नियुक्ति घोटाले की जांच सौंपी है, लेकिन मजेदार बात यह है कि एके जौहरी अपने से कई गुना बड़े आईएएस अधिकारी की जांच कैसे कर सकते हैं। अमनदीप डुली अथॉरिटी में एसीईओ के पद पर तैनात है। वह मानव संसाधन विभाग के प्रमुख है। उन्होंने ही भर्ती की है। अब सवाल उठता है कि एके जोहरी एसीईओ की जांच कैसे कर सकते हैं।

एके जोहरी एसीईओ से काफी जूनियर है। अमनदीप डुली की ओर से फर्जी नियुक्ति मामले में राजेंद्र सिंह की ओर आईजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसीईओ ने एके जोहरी को भेजे गए पत्र में कहा है कि समाचार एजेंसियों के माध्यम से पता चल रहा है कि जैम पोर्टल के माध्यम से को कर्मचारी रखे गए है। उन सभीकर्मचारियों का रिश्ता अथॉरिटी में नियमित और प्लेसमेंट के पुराने कर्मचारियों से हो सकता है। क्या शासन की ओर से निर्धारित चयन प्रक्रिया अपनायी गई है। अगर नहीं तो उनका विवरण दें। यदि भर्ती प्रक्रिया में कोई कमी पाई जाती है तो संदिग्ध कर्मचारी और अधिकारी का विवारण जांच करके दें। 

मानव संसाधन विभाग के जानकारों का कहना है कि जब उस विभाग को इंचार्ज सिनियर अधिकारी है तो उसकी जांच उससे कई गुना जूनियर अधिकारी नहीं कर सकता, वह भी नियुक्ति से मामले से संबंधित हो। ऐसी स्थिती में आईएएस के समकक्ष अधिकारी ही जांच कर सकता है। आईएएस अधिकारी ही उस विभाग का सर्वेसवा है। इस तरह से जूनियर को दी गई जांच सवालों के घेरे में आ गई है। कई सवाल खड़े करती है। यह उन लोगों को बचाने और अपने खिलाफ लगे आरोपों को दबाने का कार्य किया गया है। सिनियर की जांच जूनियर कैसे कर सकता है। यह जांच सवालों के घेरे में आ गई है। फर्जी तरीकेे से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारी मजे में मलाईदार विभागों में नौकरी कर रहे है। अकेले गजेंद्र चौधरी समेत 10 लोगों ने फर्जी तरीके से नियुक्ति पाई है।

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