दागदार अफसरों की सूची सरकार को नहीं दे पाया प्रशासन, एक साल पहले मांगी थी रिपोर्ट

चिटहेरा भूमि घोटाला : दागदार अफसरों की सूची सरकार को नहीं दे पाया प्रशासन, एक साल पहले मांगी थी रिपोर्ट

दागदार अफसरों की सूची सरकार को नहीं दे पाया प्रशासन, एक साल पहले मांगी थी रिपोर्ट

Tricity Today | चिटहेरा भूमि घोटाला

Greater Noida : चिटहेरा भूमि घोटाले में योगी सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से सितंबर 2022 में उन अधिकारियों की सूची मांगी थी, जो इस घोटाले में शामिल थे। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगे हुए एक साल अधिक हो गया है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक घोटाले में शामिल दागदार अधिकारियों की सूची शासन को नहीं भेजी है। जिसके बाद अब इस घोटाले की शिकायत करने वाले लोग काफी मायूस है। लोगों को उम्मीद नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा। चिटहेरा भूमि घोटाले को आपका पसंदीदा न्यूज़ चैनल "ट्राईसिटी टुडे" ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। "ट्राईसिटी टुडे" ने इस घोटाले का खुलासा करते हुए 100 से भी अधिक खबरें प्रकाशित की है। 

अब तक 9 अधिकारियों के नाम सामने आए 
चिटहेरा भूमि घोटाले का मास्टरमाइंड यशपाल तोमर है। वैसे तो यशपाल उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का रहने वाला है, लेकिन उसने गौतमबुद्ध नगर के दादरी में चिटहेरा में आकर अरबों रुपए का घोटाला किया। इस घोटाले में यशपाल तोमर अकेला नहीं है। उसके साथ काफी अधिकारी शामिल हैं। जिसमें आईपीएस और आईएएस लेवल के अफसर भी शामिल हैं। इस घोटाले में अभी तक 9 अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। इनमें तत्कालीन एसडीएम, लेखपाल और तहसीलदार भी शामिल हैं। इनमें से कुछ अधिकारियों के ऊपर एक्शन हो चुका है। लेखपाल के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

सितंबर 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मांगी रही रिपोर्ट
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने सितंबर 2022 में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से पूरे घोटाले की रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें शासन की तरफ से कहा गया था कि उन अधिकारियों की रिपोर्ट पेश की जाए, जो इस घोटाले में दागदार है। आज शासन की इस आदेश को एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को नहीं सौंपी है।

यशपाल तोमर कौन है?
यशपाल तोमर मेरठ का कुख्यात गैंगस्टर है। यशपाल मूल रूप से बागपत के बरवाला गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ कुल 13 मामले दर्ज हैं। उत्तराखंड एसटीएफ ने उसे जनवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। तब से वह हरिद्वार जेल में है। कोर्ट के आदेश पर ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, मेरठ और बागपत में यशपाल व उनके रिश्तेदारों की कुल 153 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई हैं। इसमें यशपाल तोमर के 1.25 करोड़ रुपये के वाहन भी शामिल हैं। उसके पास बुलेट प्रूफ कारें बरामद की गई हैं। गौतमबुद्ध नगर के चिटहेरा गांव में यशपाल की 63 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। यह उनके ससुर ज्ञानचंद के नाम पर थी। ग्रेटर नोएडा में यशपाल ने चिटहेरा गांव के 12 किसानों को जेल भिजवा कर जबरन जमीनें हथियाई थीं। हरिद्वार में 2.455 हेक्टेयर भूमि को जब्त कर लिया गया था। इसकी कुल लागत करीब 72 करोड़ रुपए है। तोमर ने इसे अपने साले अरुण कुमार के नाम पर खरीदा था। पुलिस ने फॉर्च्यूनर कार, इनोवा और विंगर समेत 8 वाहन जब्त किए हैं। यशपाल को गौतमबुद्ध नगर, मेरठ और हरिद्वार में भूमाफिया घोषित किया गया है। मेरठ और हरिद्वार पुलिस ने उसे गैंगस्टर घोषित किया है।

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