Greater Noida|Agra News : दुनिया के तमाम युवा और छात्र-छात्राएं भारत में पढ़ने के लिए आते हैं। भारत आकर पढ़ाई करने वाले सभी विदेशी छात्रों को भारत सरकार की सभी गाइडलाइंस का अनुपालन करना पड़ता है। तभी उन्हें अपनी शिक्षा के लिए भारत सरकार वीजा उपलब्ध कराती है। लेकिन उसके बावजूद विदेश के युवा देश में आकर भारत वासियों के साथ ठगी रहे हैं। ऐसे ही एक मामला ग्रेटर नोएडा का है। जहां आगरा पुलिस ने ई-कॉमर्स साइट पर प्रोडक्ट बेचने के बहाने व्यापारी से ठगी करने वाले दो विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी तीन साल से स्टडी वीजा पर रह रहे थे और ग्रेटर नोएडा से नेटवर्क चलाते थे।
क्या है पूरा मामला
भारत में कैमरून मूल के छात्र पढ़ने के लिए आए थे। लेकिन, यहां पर आकर लोगों से ठगी करने का धंधा करने लगे। पढ़ाई के लिए वीजा लेकर आए कैमरून के दो युवकों ने ऐसा गिरोह बना डाला, जिसके खुलासे के बाद पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस ने बताया कि जनवरी महीने में हरीपर्वत थाना क्षेत्र के आलू व्यापारी राजीव पालीवाल आठ लाख रुपये की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। दिसंबर में उन्होंने आलू की बोरी खरीदने के लिए ऑनलाइन 3.50 लाख का ऑर्डर दिया था। मगर ठगों ने नई-नई स्कीम बात कर करीब आठ लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने अकुम्बे बोमा और माइकल बूनेवा को गिरफ्तार किया है।
ऐसे की व्यापारी के साथ ठगी
आगरा क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर रीता यादव ने ने बताया कि आगरा के बलोखरा फतेहाबाद के रहने वाले व्यापारी राजीव पालीवाल को जूट की बोरियों की आवश्यकता थी। इन्होंने ऑनलाइन सर्च किया तो इन्हें भीमराज इंडस्ट्रीज के नाम से एक फर्म दिखाई दी। इस फर्म का GST और अन्य सभी सरकारी दास्तावेज उपलब्ध थे। इन्होंने कंपनी से संपर्क किया और इन लोगों से बातचीत की। इन लोगों ने पीड़ित को बताया कि कम मूल्य पर इन्हें अच्छी गुणवत्ता के जूट के बोरे उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
करीब 14 से 15 करोड़ रुपये की ठगी
इंस्पेक्टर ने बताया कि आगरा के व्यापारी ने इन ठगों को 8 से 9 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन, जब पीड़ित को लंबे समय तक माल की डिलीवरी नहीं हुई तो इन्होंने इंक्वारी की। तब पता चला कि इनके साथ बड़ी ठगी हुई है। पीड़ित ने आगरा के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। जांच में पुलिस ने पता लगाया कि ई कॉमर्स साइट को कौन ऑपरेट कर रहा है और कहां से संचालित की जा रही है। जानकारी मिली कि गौतमबुद्ध नगर में ये लोग अपने नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं। पकड़े गए आरोपी अलग-अलग साइट पर विभिन्न प्रोडक्ट्स को लेकर लोगों को भ्रमित कर ठगने का काम करते हैं। ये लोग अब तक 100 से 150 लोगों से करीब 14 से 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। यह एक बड़ा खुलासा है, जिसकी जानकारी भारत सरकार से भी साझा की जा रही है।