Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के समाजसेवी और एक्टिव सिटीजन टीम (Active Citizen Team) के संस्थापक सदस्य आलोक सिंह ने गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से बड़ी मांग की है। आलोक सिंह ने जिलाधिकारी और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण से कहा है कि कोरोनावायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर हटाकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों में बनाने चाहिए। आलोक सिंह का तर्क है कि अस्पतालों में कोरोनावायरस के संक्रमण का भय है, जिसकी वजह से लोग वैक्सीनेशन करवाने नहीं जा रहे हैं। इस वक्त स्कूल खाली पड़े हुए हैं, लिहाजा इनका वैक्सीनेशन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
आलोक सिंह ने कहा कि कोविड-19 से पार पाने के लिए सरकार वैक्सीनेशन करवाने पर जोर दे रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो 18 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीनेशन करने का ऐलान किया है। अभी तक अस्पतालों को वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है। ऐसे में लोग अस्पतालों का रुख करते हुए डर रहे हैं। आलोक सिंह ने कहा, "मेरी शहर में तमाम लोगों से बात हुई है। सबका कहना है कि वैक्सीनेशन करवाने के लिए अस्पतालों में जाना खतरे से खाली नहीं है। अधिकांश लोग भय महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि वैक्सीनेशन करवाने वालों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में जिला प्रशासन को अस्पतालों से वैक्सीनेशन सेंटर हटाकर स्कूलों में बना देने चाहिए।"
आलोक सिंह का कहना है कि फिलहाल जिले के सभी स्कूल बंद पड़े हैं। वहां कोरोनावायरस का खतरा भी नहीं है। लोग स्कूलों में जाकर वैक्सीन लगवाने में सहूलियत महसूस करेंगे। आपको बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 75 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 44 वैक्सीनेशन सेंटर नोएडा शहर में हैं और 33 वैक्सीनेशन सेंटर ग्रेटर नोएडा में बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर रोजाना 100-100 लोगों को कोरोनावायरस की वैक्सीन लगाने की अनुमति है। फिलहाल वैक्सीनेशन अभियान प्रभावित है, क्योंकि जिले को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसके अलावा कोवैक्सीन लगाने की अनुमति जिले में चुनिंदा अस्पतालों को ही दी गई है। लोग विदेशी वैक्सीन कोविशील्ड के मुकाबले भारतीय कोवैक्सीन लगवाना चाहते हैं।