आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। अनिल शर्मा ने कोर्ट में अपना मेडिकल रिपोर्ट दिखाया था। जिसमें लिखा हुआ था कि अनिल शर्मा की तबीयत ठीक नहीं है। इसके बाद अनिल शर्मा को कोर्ट ने जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद अम्रपाली के खरीदारों में काफी रोष व्याप्त हो गया है।
आम्रपाली फ्लैट खरीदार अब चलाएंगे ट्वीटर अभियान
फ्लैट खरीदारों का कहना है कि हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा ने कोर्ट में अपना फर्जी मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर जमानत ले ली है। इसके बाद फ्लैट खरीदारों में काफी रोष व्याप्त हो गया है। आम्रपाली के खरीदार केके कौशल ने बताया कि, अब फ्लैट खरीदार अनिल शर्मा की बेल को निरस्त करने के लिए और भविष्य में उसे कभी भी बेल नहीं मिलने के लिए ट्वीटर पर #RejectBailOfAmrapali और #NoBailForAnilSharm हैशटेग अभियान चलाएंगे।
4 महीने पहले गिरफ्तार किया था
आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन अनिल शर्मा और निदेशक शिव प्रिया को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने करीब 4 महीने पहले गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने और धन का गबन करने के आरोप था। दोनों लोगों पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा अब तक करीब 38 मुकदमे दर्ज कर चुकी थी।
हजारों लोगों को दिया धोखा
आपको बता दें कि आम्रपाली समूह ने वर्ष 2007 से लेकर 2013 तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 22 आवासीय परियोजनाएं लांच की थीं। इन परियोजनाओं में करीब 45,000 फ्लैट खरीददार फंसे हुए हैं। फ्लैट खरीदारों ने वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अनिल शर्मा और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। अंततः इन लोगों की धोखाधड़ी, जालसाजी और तमाम दूसरे आपराधिक कृत्य खुलकर सामने आए। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों का फॉरेंसिक ऑडिट कराया। जिससे पता चला कि इन लोगों ने मिलकर हजारों करोड रुपए इधर से उधर किए हैं। यह पैसा फ्लैट खरीदारों से लिया गया था।
जांच में पता लगा कि फ्लैट खरीदारों के पैसे से दूसरी कंपनियां खड़ी की और संपत्तियां अर्जित की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी निदेशकों की संपत्तियां जब्त करके नीलाम करने का आदेश दिया। नीलामी प्रक्रिया चल रही थी। दूसरी ओर आम्रपाली समूह की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन को सौंप दिया गया था।