ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार की बेटी ने किया कमाल, स्टार्टअप से खड़ी की 27 करोड़ की कंपनी

ऑस्ट्रेलिया में छा गई अंशिका सिंह : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार की बेटी ने किया कमाल, स्टार्टअप से खड़ी की 27 करोड़ की कंपनी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी संतोष कुमार की बेटी ने किया कमाल, स्टार्टअप से खड़ी की 27 करोड़ की कंपनी

Tricity Today | अंशिका सिंह

  • - हजारों पेज के डॉक्यूमेंट्स का सारांश इस ऐप से तत्काल प्राप्त कर सकते हैं
  • - बेस्ट स्टार्टअप में से एक चुने जाने पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने किया पुरस्कृत
Greater Noida News : कहते हैं कि मन में अगर चाह हो तो सफलता खुद-बखुद कदम चूमती है। नोएडा के सेक्टर-14ए की रहने वाली बेटी अंशिका सिंह ने इस कथन को साकार कर दिखाया है। वर्ष 2022 में एक अनूठा ऐप बनाकर जिस स्टार्टअप के रूप में इस ऐप को शुरू किया। दो साल से भी कम समय में उस कंपनी की वैल्यू 27 करोड़ रुपये हो चुकी है। इस स्टार्टअप के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अंशिका को सम्मानित भी किया।

ओएसडी संतोष कुमार की बड़ी बेटी
दरअसल, अंशिका सिंह कोई और नहीं बल्कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ओएसडी संतोष कुमार की बड़ी बेटी हैं। अंशिका का परिवार मूल रूप से हाथरस से है। अंशिका ने 12वीं तक की पढ़ाई डीपीएस नोएडा से पूरी करने के बाद 2017 में रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी से स्कॉलरशिप के साथ स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद 2022 में खुद के दम पर आउट-रीड (out-read.com ) ऐप के नाम से स्टार्टअप कंपनी की नींव रखी। इस ऐप से किसी भी बड़े दास्तावेज का सारांश (समेरी) चंद पलों में प्राप्त कर सकते हैं। आपको हजारों पन्ने का डॉक्यूमेंट पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि सभी जरूरी बातें चंद लाइनों में सिमटकर आ जाएगी। किसी भी रिसर्च डॉक्यूमेंट का सारांश इस ऐप की मदद से प्राप्त किया जा सकता है। इससे समय की भी बचत होगी। इसका इस्तेमाल शिक्षण संस्थानों, रिसर्च सेंटरों, छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने समेत तमाम जगहों पर किया जा सकता है। 

ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप में चुना
ऐप शुरू होने से अब तक बड़ी तादात में संस्थनों और व्यक्तिगत रूप से भी लोगों ने इसे सब्सक्राइब किया है। इसे ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप में से एक चुना गया, जिसके लिए साउथ ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने अंशिका को पुरस्कृत भी किया। वे अभी मेलबर्न में रह रही हैं। अंशिका ने छोटी सी पूंजी से इस कंपनी की शुरुआत की और अब इस कंपनी की मार्केट वैल्यू दो साल से भी कम समय में 27 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। गूगल के मुख्य वैज्ञानिक जेफ डीन, यूएस कंपनी टेक स्टार ने शुरुआती निवेश के लिए सहयोग किया है। 

गाजियाबाद की जान्ह्वी चौधरी के साथ किया मुकाम हासिल
अंशिका कहती हैं कि पढ़ाई के दौरान ही उनके दिमाग में यह आइडिया आया। अंशिका को खुद के पैरों पर जल्द खड़े होने की चाह थी। उन्होंने इस पर काम शुरू किया और दो साल की कड़ी मेहनत के बाद अपनी सहपाठी गाजियाबाद की जान्ह्वी चौधरी के साथ मिलकर इस ऐप को तैयार किया।  उनका लक्ष्य अगले पांच साल में इस कंपनी की मार्केट वैल्यू लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। उनकी कोशिश है कि इस ऐप को पॉपुलर बनाने की है, ताकि शिक्षण संस्थान, कंपनियां, रिसर्च सेंटर आदि जगहों पर इसका इस्तेमाल हो, लोगों को इसका लाभ मिल सके।

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