अथॉरिटी के इंजीनियर मोहित भाटी हत्याकांड के हत्यारे की जमानत याचिका खारिज, बीजेपी एमएलए का भांजा है आरोपी

ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर : अथॉरिटी के इंजीनियर मोहित भाटी हत्याकांड के हत्यारे की जमानत याचिका खारिज, बीजेपी एमएलए का भांजा है आरोपी

अथॉरिटी के इंजीनियर मोहित भाटी हत्याकांड के हत्यारे की जमानत याचिका खारिज, बीजेपी एमएलए का भांजा है आरोपी

Tricity Today | मृतक मोहित भाटी

Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर का चर्चित युवा इंजीनियर मोहित भाटी हत्याकांड में आरोपी की जमानत याचिका हाई कोर्ट में खारिज हो गई है। आरोपी को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने बीते 29 अगस्त 2022 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद अब आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की। अब हाईकोर्ट की बेंच ने भी मोहित भाटी की हत्या करने वाले आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा, "आरोपी पुनीत खतरनाक अपराधी है, इसको जेल से बाहर निकालना समाज के लिए खतरा हो सकता है।"

क्या है पूरा मामला
लुहारली गांव के रहने वाले युवक मोहित भाटी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में इंजीनियर थे। उनके पिता महेश भाटी समाजवादी पार्टी के बड़े नेता हैं। पीड़ित पक्ष के वकील चमन प्रकाश एडवोकेट ने बताया, "मोहित भाटी 27 नवंबर 2018 की शाम अपने कार्यालय से काम करने के बाद घर वापस लौट रहे थे। जब वह नया गांव और लुहारली गांव के बीच पहुंचे तो उन्हें गांव के ही रहने वाले पुनीत भाटी ने रोक लिया। पुनीत भाटी ने मोहित को 3 गोलियां मारी थीं। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस प्रकरण में परिजनों की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।" एडवोकेट चमन प्रकाश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू की। चार-पांच महीने बाद एक चश्मदीद गवाह सामने आया। इसके बाद इस पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ।

चश्मदीद गवाह ने बयां की पूरी वारदात
एडवोकेट चमन प्रकाश शर्मा ने बताया कि मोहित भाटी हत्याकांड में चश्मदीद गवाह चंद्रहास ने पुलिस और फिर अदालत में गवाही दी। गवाह ने बताया कि घटना के दिन वह सड़क से गुजर रहा था। एक कार खड़ी हुई थी। जिसमें ड्राइवर सीट पर पुनीत भाटी और उसके बराबर वाली सीट पर इंजीनियर मोहित भाटी बैठा हुआ था। वह कार से आगे कुछ दूरी पर निकला तो गोली चलने की आवाज आई। उसने पीछे मुड़कर देखा तो दो और गोलियां पुनीत भाटी ने मोहित भाटी के ऊपर चलाई थीं। इसके बाद पुनीत मौके से फरार हो गया था। इस पूरी वारदात को चंद्रहास में देखा था। चमन प्रकाश शर्मा एडवोकेट ने बताया कि चश्मदीद गवाह चंद्रहास की गवाही अदालत में सबसे महत्वपूर्ण साबित हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पुनीत को तीन गोलियां लगी हैं। अभियोजन की ओर से कुल 12 गवाह पेश। पुलिस ने चार्जशीट में कई त्रुटियां छोड़ दी। दरअसल, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक नेता के दबाव में यह जांच की थी। नेता और पुनीत भाटी घनिष्ठ रिश्तेदार हैं।

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