चिटहेरा भूमि घोटाले में आरोपियों को बड़ा झटका, नौकर मालू और लेखपाल शीतला प्रसाद की जमानत याचिका खारिज

BIG BREAKING : चिटहेरा भूमि घोटाले में आरोपियों को बड़ा झटका, नौकर मालू और लेखपाल शीतला प्रसाद की जमानत याचिका खारिज

चिटहेरा भूमि घोटाले में आरोपियों को बड़ा झटका, नौकर मालू और लेखपाल शीतला प्रसाद की जमानत याचिका खारिज

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Greater Noida : चिटहेरा भूमि घोटाले में इस समय की बड़ी खबर सामने आ रही है। मास्टरमाइंड यशपाल तोमर के साथ मिलकर अरबों रुपए का घोटाला करने वाले नौकर मालू और लेखपाल शीतला प्रसाद की जमानत याचिका खारिज हो गई है। मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में दोनों आरोपियों की जमानत को लेकर सुनवाई है। जिसमें विशेष न्यायधीश ने दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। 

(गैंगस्टर) शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को यह बताया 
गैंगस्टर विशेष न्यायाधीश के सामने शासकीय गैंगस्टर अधिवक्ता बबलू चंदेल ने कहा, "चिटहेरा भूमि घोटाले में मास्टरमाइंड यशपाल तोमर के साथ मिलकर नौकर मालू और लेखपाल शीतला प्रसाद ने सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। इन सभी आरोपियों ने मिलकर उत्तर प्रदेश सरकार को काफी क्षति पहुंचाई है। इसलिए अभी इन आरोपियों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए।" विशेष न्यायाधीश ने (गैंगस्टर) शासकीय अधिवक्ता की दलीलों को सुनते हुए दोनों आरोपियों को जमानत याचिका खारिज कर दिया है। यह यशपाल तोमर को एक बड़ा झटका है।

कौन है मालू
अंतरराज्यीय भूमाफिया यशपाल तोमर जेल में बंद है। उसने जिस नौकर के नाम करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी कर दी थी, अब वह उसे छोड़कर भाग गया है। बागपत जिले में पखरपुर गांव का रहने वाला मालू साल 2009 से यशपाल तोमर के लिए काम कर रहा था। मालू ने यशपाल के साथ बतौर ड्राइवर काम शुरू किया था और धीरे-धीरे वह उसका विश्वास पात्र बन गया। यही वजह रही कि यशपाल तोमर ने अपनी सारी बेनामी संपत्ति मालू के नाम करवा दी थी।

मालू ने बताया, "कैसे हड़पी चिटहेरा में जमीन" 
यह पट्टा आवंटन पत्रावली शुरू से बाधित रही है। यह सारे पट्टे कृषि के लिए 282 लोगों को ऊसर, ढाका और तालाब की भूमि में आवंटित किए गए। इन 282 लोगों में से 117 आवंटियों का क्षेत्रफल 5.317 हेक्टेयर था। जिसको गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने 18 नवंबर 2006 को पुनर्ग्रहण के आधार पर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दे दिया था। इससे साफ होता है कि इस वक्त तक यह जमीन ग्रामसभा के पास थी। इसके बाद 26 सितंबर 2015 को हापुड़ के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 111 आवंटियों को पात्र घोषित किया। इनके पट्टे बहाल किए। इनमें से 71 आवंटी ने जमीन विभिन्न लोगों को बेच दी। 40 आवंटी ने जमीन नहीं बेची हैं। कुल 52 लोगों का आवंटन हापुड़ के एडीएम ने खारिज कर दिया था। एडीएम का तर्क था कि इस जमीन पर आवंटियों का कब्जा नहीं है। 

19 जुलाई को गिरफ्तार हुआ लेखपाल शीतला प्रसाद
लेखपाल शीतला प्रसाद की गिरफ्तारी 19 जुलाई 2023 को हुई थी। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत शीतला प्रसाद को गिरफ्तार किया। लेखपाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इनाम घोषित होने के बाद से शीतला प्रसाद फरार चल रहा था। बताया जा रहा है कि शीतला प्रसाद इस घोटाले में काफी मुख्य हैं।

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