रूपेश वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर बार एसोसिएशन लामबंद, वकीलों ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन

ग्रेटर नोएडा : रूपेश वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर बार एसोसिएशन लामबंद, वकीलों ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन

रूपेश वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर बार एसोसिएशन लामबंद, वकीलों ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन

Tricity Today | जिला बार एसोसिएशन

Greater Noida : जिला बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह (Laxmi Singh IPS) ने नाम एक ज्ञापन डीसीपी सेंट्रल को सौंपा है। डॉक्टर रूपेश वर्मा एडवोकेट के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। वकीलों ने कहा कि डॉ.रुपेश वर्मा के विरुद्ध प्राधिकरण द्वारा दर्ज कराई गई फर्जी एफआईआर से सदस्यों में भारी रोष है। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) ने रूपेश वर्मा और 25-30 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। जिसमें इन लोगों पर जबरन प्राधिकरण में प्रवेश करने, सरकारी काम कार्य में बाधा उत्पन्न करने, सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाने और गाली-गलौज करने जैसे गम्भीर आरोप हैं।

बार अध्यक्ष के नेतृत्व में कमिश्नर ऑफिस पहुंचे वकील
शुक्रवार की सुबह बड़ी संख्या में वकील जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कालूराम चौधरी और सचिव नीरज तंवर के नेतृत्व में सूरजपुर स्थित पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे। वकीलों ने डॉ.रुपेश वर्मा के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को रद्द कराने की मांग की। वहां पर मौजूद डीसीपी सेंट्रल राम बदन सिंह को ज्ञापन सौंपकर विस्तार से उन्हें घटना के बारे में अवगत कराया। कालूराम चौधरी ने कहा कि अफसर एसोसिएशन के अध्यक्ष को इत्तला किए बिना किसी भी मामले में फर्जी एफआईआर दर्ज करवा देते हैं। इससे वकीलों में रोष है। प्राधिकरण के स्तर पर जन समस्याओं को लेकर बात रखना भी प्राधिकरण की नजर में अपराध की श्रेणी में आ गया है। पुलिस आंख बंद करके प्राधिकरण के कहने पर कार्रवाई करती है।

रूपेश वर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग
बार के सचिव नीरज तंवर ने पुलिस कमिश्नर को डॉ.रूपेश वर्मा के विरुद्ध एफआईआर को रद्द करने की मांग की। बार के पूर्व अध्यक्ष परमेंद्र भाटी ने कहा कि प्राधिकरण अपने भ्रष्टाचार के मकसद से पुलिस का इस्तेमाल करता है। जो सामाजिक कार्यकर्ता या वकील प्राधिकरण के भ्रष्टाचार और किसानों पर हो गए अन्याय का विरोध करता है, उसकी आवाज को दबाने के मकसद से एफआईआर दर्ज करवाई जाती है।

यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है : बार
बार के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने रोष जताते हुए कहा कि संविधान प्रदत्त मूल अधिकार 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' को दबाने का प्रयास प्राधिकरण और पुलिस की तरफ से किया गया है। उपस्थित अधिवक्ताओं में प्रमुख रूप से रेशराम चौधरी, उदयवीर भाटी, अजय चौधरी, अजीत भाटी, जगतपाल भाटी, मांगेराम भाटी, अनिल भाटी, कॉमरेड मुफ्ती हैदर, विनोद भाटी, नीरज भाटी, गजेंद्र खारी, महेश गुप्ता, उमेश भाटी, देवपाल अवाना, रिंकू भाटी, अजीत नागर जुनेदपुर, पवन भाटी, रजनीश यादव, कुलदीप भाटी, दिनेश नागर, जयदीप अंबावता, उधम सिंह, उमेश भाटी मुख्य रूप से शामिल थे।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.