भगवती प्रॉडक्ट्स और चीनी दिग्गज हुआकिन ग्रेटर नोएडा में बनाएंगे वीवो के स्मार्टफोन, सरकार से मिली मंजूरी

कारोबार जगत से बड़ी खबर : भगवती प्रॉडक्ट्स और चीनी दिग्गज हुआकिन ग्रेटर नोएडा में बनाएंगे वीवो के स्मार्टफोन, सरकार से मिली मंजूरी

भगवती प्रॉडक्ट्स और चीनी दिग्गज हुआकिन ग्रेटर नोएडा में बनाएंगे वीवो के स्मार्टफोन, सरकार से मिली मंजूरी

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  • - मोबाइल, टैबलेट और लैपटॉप को डिजाइन करने और बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है हुआकिन 
  • - कई साल से भारत में कदम रखने की कोशिश कर थी शंघाई की हुआकिन
Greater Noida Corporate News : वीवो, ओप्पो, वन प्लस और शाओमी के बाद चीन की एक और बड़ी कंपनी भारत के बाजार में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है। इसकी शुरुआत वह भारतीय कंपनी भगवती प्रॉडक्ट्स के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा में वीवो के फोन और गैजेट्स बनाने के साथ करेगी। भगवती प्रॉडक्ट्स वही कंपनी है, जिसके माइक्रोमैक्स मोबाइल की भारतीय बाजार में धाक थी। इस साझेदारी के बाद अब वीवो के स्मार्टफोन मेक इन इंडिया के तहत भारतीय बाजार में नंबर वन पर अपनी स्थिति और मजबूत करेंगे।

एक माह के भीतर सब फाइनल
एक अंतर-मंत्रालय पैनल ने भारत की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर, भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Bhagwati Products Limited) और हुआकिन के संयुक्त उद्यम को मंजूरी दे दी। इसमें भारतीय कंपनी की हिस्सेदारी का प्रतिशत ज्यादा होगा। भगवती प्रोडक्ट्स के निदेशक राजेश अग्रवाल ने समझौते की पुष्टि करते हुए कहा कि एक माह के भीतर अनुबंध की कागजी कार्रवाई को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

हर घर में थे माइक्रामैक्स के फोन 
भगवती प्रोडक्ट्स वही कंपनी है जो माइक्रोमैक्स के मोबाइल फोन, टेबलेट और एलसीडी टीवी बनाती थी। एक समय यह कंपनी सैमसंग के बाद मोबाइल बाजार में दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखती थी। कम कीमत में अच्छे मोबाइल की पहचान के साथ घर-घर तक इस कंपनी की पहुंच हो चुकी थी, लेकिन पहले शाओमी और उसके बाद लगातार चीनी कंपनियों के आने से माइक्रोमैक्स की हिस्सेदारी कम होती चली गई और यह दो फीसदी से भी कम हो गई। 

इसलिए थामा भारतीय कंपनी का हाथ 
वीवो मोबाइल फोन बनाने में फिलहाल भारत की नंबर एक कंपनी है। चीन से कनेक्शन की वजह से वीवो भारत में अपने कारोबार का नुकसान नहीं चाहती। पिछले कुछ साल में चीन की कंपनियों पर अलग कारणों से निशाना साधा गया था। टैक्स चोरी को लेकर ईडी की जांच का सामना करना पड़ा। वीवो को तो आईपीएल से अपनी टाइटल स्पांसरशिप तक वापस लेनी पड़ी थी। यह उसके लिए बड़ा सबक था। इसी वजह से वीवो अपनी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट को माइक्रोमैक्स को बेचने का फैसला किया। 

मेक इन इंडिया का फायदा मिलेगा
पहले वीवो के स्मार्टफोन चीन से ही बनकर आते थे। भारत के विशाल बाजार को देखते हुए वीवो ने भारतीय कंपनी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया था। हुआकिन के साथ जाइंट वेंचर भगवती को भारत के दूसरे सबसे बड़े ब्रांड, वीवो के व्यापार को सुरक्षित करने और बढ़ाने में मदद करेगा। वीवो उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अपने कुछ विनिर्माण को भारत में स्थानांतरित करना चाहता था। अब मेक इन इंडिया मुहिम का भी फायदा इन्हें मिलेगा।

इस साल नंबर एक बनी वीवो 
पिछले साल यानी 2023 में वीवो ने करीब 30 हजार करोड़ रुपये की कमाई की। इसी साल सैमंसंग को पीछे छोड़ वीवो भारत की नंबर-एक स्मार्टफोन कंपनी भी बन चुकी है।

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