Greater Noida : आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे की मुहिम रंग लाई है। ट्राईसिटी टुडे ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हुए किसान आबादी भूखंड घोटाले का खुलासा किया था। पिछले करीब 3 महीनों से इस मुद्दे को लेकर हम लगातार समाचार प्रकाशित कर रहे हैं। अब इस मामले में प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने बड़ी कार्यवाही की है। इस साल आबादी भूखंडों का आवंटन करने के लिए दो लिस्ट जारी की गई हैं। सीईओ ने दोनों लिस्ट रद्द कर दी हैं। इसके अलावा घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और दलालों पर कार्रवाई करने के लिए 3 आईएएस अफसरों की समिति का गठन किया गया है। यह समिति अब तक किसानों को हुए आबादी भूखंड की गहराई से जांच करेगी।
क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा के किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले 4%, 6% और 10% आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस आवंटन प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं बरती गई हैं। प्राधिकरण में अफसरों और दलालों का एक गठजोड़ काम कर रहा है। यह लोग किसानों का हक छीनकर मालामाल हो गए हैं। किसानों को मिलने वाले प्लॉट उद्योगपतियों, कंपनियों, बिल्डरों, नेताओं के रिश्तेदारों, दूसरे राज्य में रहने वाले लोगों और कोऑपरेटिव सोसाइटीज को आवंटित किए गए हैं। हद तो यह हुई कि मुर्दों के नाम पर भूखण्डों का आवंटन कर दिया गया। दूसरी ओर प्राधिकरण को जमीन देने वाले किसान दशकों से धक्के खाते घूम रहे हैं। दलालों का गैंग किसानों से कौड़ियों के भाव में भूखंड खरीदकर प्राइम लोकेशन पर लगवाता है। इसके बाद मनमाने ढंग से इन भूखंडों के छोटे-छोटे टुकड़े करवाए जाते हैं। जिससे कौड़ियों के भाव में खरीदी गई जमीन करोड़ों रुपए की बन जाती है। यह लोग हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी होल्डर मेरिट बनाने से भी नहीं चूके। येन केन प्रकारेण किसानों का हक लूटने के लिए तमाम फर्जीवाड़े किए गए हैं।
9 सितंबर 2022 को ट्राईसिटी टुडे ने किया खुलासा
ट्राईसिटी टुडे ने पीड़ित किसानों की मदद लेकर इस पूरे घोटाले का खुलासा किया। 09 सितंबर 2022 से समाचारों की श्रृंखला प्रकाशित की। इसके बाद तत्कालीन सीईओ सुरेंद्र सिंह ने 15 सितंबर को एसीईओ अदिति सिंह को घोटाले में जांच का आदेश दिया। अदिति सिंह ने विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 5 अफसरों की जांच समिति का गठन किया। जांच समिति ने ट्राईसिटी टुडे की ओर से उठाए गए मुद्दों को सही पाया है। सौम्य श्रीवास्तव की समिति ने 5 दिसंबर को रिपोर्ट एसीईओ अदिति सिंह को सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने इस घोटाले में पहली कार्रवाई की है।
इस साल जारी हुई दोनों आवंटन सूची रद्द
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करने के लिए इस साल दो पात्रता सूची जारी की थीं। पहली पात्रता सूची 23 मार्च 2022 को जारी हुई। जिसके तहत 133 प्लॉट लगाए गए। इसके बाद दूसरी सूची 27 जुलाई 2022 को जारी हुई। जिसमें 26 भूखण्ड आवंटन किए गए थे। यह सूची विवादों में आई और तत्कालीन सीईओ सुरेंद्र सिंह ने 20 भूखण्डों को रद्द किया। बाकी 6 भूखण्ड सही बताए गए। जबकि उन 6 भूखण्डों के आवंटन में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ। जिसका ट्राईसिटी टुडे ने सबसे पहले खुलासा किया। अब दूसरी लिस्ट में बचे 6 भूखण्डों का आवंटन भी रद्द कर दिया गया है।
गहराई से जांच होगी, नपेंगे घोटाला करने वाले
सौम्य श्रीवास्तव कमेटी की जांच आने के बाद इस घोटाले को विकास प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया है। जांच कमेटी ने ट्राईसिटी टुडे की ओर से उठाए गए एक-एक बिंदु की गहराई से जांच की। सारे तथ्य सही पाए गए हैं। अब सीईओ ने विस्तृत जांच के लिए तीन आईएएस अधिकारियों की समिति का गठन किया है। जिसमें तीनों अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा, अदिति सिंह और आनन्द वर्धन शामिल हैं। इस पूरे घोटाले का खुलासा करने के लिए ट्राईसिटी टुडे और विकास प्राधिकरण की मदद करने वाले सैनी गांव के किसान मंगलवार को सीईओ से मिले। कर्नल विजेंद्र सिंह नागर, संजीव नागर, पूर्व प्रधान ब्रह्म सिंह नागर, डॉ.जगदीश नागर, पूर्व सैनिक राम सिंह नागर, रोहताश नागर, चंद्रपाल सिंह नागर और सरदार सिंह नागर ने रितु महेश्वरी से घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। रितु महेश्वरी ने कहा कि इस घोटाले में संलिप्त अफसरों, कर्मचारियों, दलालों और फर्जीवाड़ा करके लाभ हासिल करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन सारे लोगों की पहचान करने के लिए तीन एसीईओ की समिति बनाई गई है। सारे लोगों के नाम मांगे गए हैं। सबके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।