- 50 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि न जमा करने पर की कार्रवाई
- प्राधिकरण जमीन अपने कब्जे में लेकर नए सिरे से करेगा आवंटन
Greater Noida : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने डिफॉलटर आवंटियों पर बड़ी कार्यवाही की है। बकाया धनराशि जमा नहीं करने पर दो शिक्षण संस्थानों के भूखंड आवंटन रद्द कर दिए हैं। दोनों भूखंडों पर प्रीमियम और लीजरेंट को मिलाकर करीब 50.64 करोड़ रुपये की धनराशि बकाया थी। इन दोनों भूखंडों पर अब तक किसी तरह का निर्माण भी नहीं किया गया है। जिसके चलते प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। प्राधिकरण इन दोनों भूखंडों को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा।
भूखंड आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अरसे से बकाया रकम का भुगतान नहीं करने और परियोजना को पूरा नहीं करने वाले आवंटियों के खिलाफ प्राधिकरण कार्रवाई कर रहा है। इस सिलसिले में अब अथॉरिटी ने भूखंड आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने विगत बुधवार को पार्श्वनाथ बिल्डर के दो भूखंडों के आवंटन निरस्त कर दिये थे। अब दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द किए गए हैं।
प्रियदर्शिनी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर साइंस का भूखंड रद्द
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह ने बताया कि प्रियदर्शिनी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर साइंस को 1999 में भूखंड संख्या-6ए सेक्टर नॉलेज पार्क वन में आवंटित किया गया था। इस भूखंड का क्षेत्रफल 28,750 वर्ग मीटर था। संस्था को इस भूखंड की एवज में बतौर प्रीमियम की धनराशि और लीज रेंट के रूप में करीब 25.73 करोड़ रुपये जमा करने थे। संस्था ने सभी मदों में मिलाकर अब तक करीब 2.25 करोड़ रुपये धनराशि जमा की है। आवंटी को 2013, 2014, 2015, 2017, 2018, 2019 और 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस जारी किए। आवंटी को कैंसिलेशन नोटिस जारी किए गए हैं।
ग्रेटर नोएडा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का आवंटन रद्द
इस प्रकरण में एसीईओ स्तर पर सुनवाई हुई और बकाया भुगतान के लिए अंतिम अवसर दिया गया, लेकिन संस्था ने प्रीमियम या फिर लीज रेंट के रूप में कोई भुगतान नहीं किया। जिसके चलते संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने के लिए सोहो फूड एंड वेबरेजेस (सोहो मास्कोट फाउंडेशन) को वर्ष 2014 में भूखंड संख्या-07 सेक्टर टेकजोन-7 में आवंटित किया था। इस 20 हजार वर्ग मीटर के भूखंड का भी आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इस संस्था पर करीब 20.08 करोड़ रुपये प्रीमियम और करीब 4.83 करोड़ रुपये लीज रेंट बकाया हो चुका था। नौ किस्तें बकाया हो चुकी थीं। इस दौरान संस्था को कई बार डिफॉल्टर नोटिस और फिर कैंसिलेशन नोटिस जारी किए गए। आवंटी ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके चलते संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।
बकाया भुगतान नहीं देने वाले बख्शे नहीं जाएंगे : सीईओ
प्राधिकरण ने कहा है कि अगर दोनों आवंटियों की प्राधिकरण पर कोई देयता बनती है तो उसे गणना करके वापस किया जाएगा। प्राधिकरण शीघ्र ही इन दोनों प्लॉटों को भी अपने कब्जे में लेगा। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान नहीं देने और परियोजना को पूरा नहीं करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा। उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे। उनसे प्राप्त भूखंडों को नई योजनाओं के जरिए आवंटित किया जाएगा ताकि निवेश आ सके। लोगों को रोजगार और अन्य सुविधाएं मिल सकें।