मैं गरीब दलित हूं, इस कारण मेरे बच्चों को नहीं दे रहे दाखिला

डीपीएस ग्रेटर नोएडा पर बड़ा आरोप : मैं गरीब दलित हूं, इस कारण मेरे बच्चों को नहीं दे रहे दाखिला

मैं गरीब दलित हूं, इस कारण मेरे बच्चों को नहीं दे रहे दाखिला

Tricity Today | डीपीएस ग्रेटर नोएडा

Greater Noida | ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS Greater Noida) पर एक दलित परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार के दो बच्चों को 'शिक्षा का अधिकार अधिनियम' के तहत दाखिला देने की सिफारिश गौतमबुद्ध नगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कर चुकी हैं। अभिभावक बार-बार स्कूल में आवेदन दे रहे हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन दोनों बच्चों का दाखिला नहीं कर रहा है। अभिभावकों का आरोप है, "हम लोग गरीब दलित हैं। इस कारण हमारे बच्चों को स्कूल मैनेजमेंट एडमिशन नहीं दे रहा है।" परिवार ने शनिवार को गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी को पत्र देकर मामले में दखल देने की मांग की है।

क्या है मामला
गौतमबुद्ध नगर सदर तहसील के गांव बिलासपुर में रहने वाले अनिल कुमार ने 'शिक्षा का अधिकार अधिनियम' के तहत अपने दो बच्चों को ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल में एडमिशन दिलाने की मांग की। इसके लिए अनिल ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र दिया। गौतमबुद्ध नगर की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी ने जांच-पड़ताल करने के बाद अनिल के दावे को सही पाया। उनके दो बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल और मैनेजमेंट को पत्र लिखा। यह पत्र 14 जुलाई 2022 को स्कूल भेजा गया था। बीएसए ने अनिल से स्कूल जाकर संपर्क करने के लिए कहा था।अनिल ने बताया, "मैं दोनों बच्चों को लेकर ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल पहुंचा। स्कूल के सुरक्षाकर्मियों ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया। मैंने उन्हें बताया कि मैं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का पत्र लेकर आया हूं। स्कूल प्रिंसिपल से मिलना चाहता हूं। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने प्रिंसिपल के कार्यालय से फोन पर बात की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने मुझे वापस जाने के लिए बोल दिया। मैं बच्चों को लेकर करीब एक घंटे तक स्कूल के बाहर बैठा रहा, लेकिन मुझे प्रवेश नहीं दिया गया। इसके बाद मैंने एक बार फिर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया। उनकी ओर से भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
अब शनिवार को अनिल ने गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नितिन मदान को एक शिकायती पत्र दिया है। जिसमें अनिल ने लिखा है, "मैं अनुसूचित जाति का व्यक्ति हूं, इसलिए दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या मेरे बच्चों को एडमिशन नहीं दे रही हैं। मैं 15 जुलाई से कई बार स्कूल जा चुका हूं। मुझे और मेरे बच्चों को स्कूल में घुसने नहीं दिया गया है।" अनिल कुमार ने एडीएम से मामले में जांच करने की मांग की है। दिल्ली पब्लिक स्कूल के मैनेजमेंट और प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की मांग भी की है।

दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण को लेकर स्कूल मैनेजमेंट को संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो पाई। इस बारे में अपर जिलाधिकारी नितिन मदान का कहना है, "मैं सोमवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल से बात करूंगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।"

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