ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में दो साल से बंद पड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम, मजे ले रहे अफसर

जिम्मेदार कौन : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में दो साल से बंद पड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम, मजे ले रहे अफसर

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में दो साल से बंद पड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम, मजे ले रहे अफसर

Tricity Today | दो साल से बंद पड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी दफ्तर में लाखों रुपए की लागत से लगाया गया बायोमेट्रिक सिस्टम दो साल से बंद पड़ा है। बायोमेट्रिक सिस्टम के बंद होने का अथॉरिटी के अधिकारी और कर्मचारी खूब फायदा उठा रहा है। कई कर्मचारी तो ऐसे भी है, जो महीनों तक अथॉरिटी के दफ्तर में अपना मुंह तक नहीं दिखाते। जबकि एक दिन पहुंचकर सैलरी वाले रजिस्टर में हाजरी लगा देते हैं।

11:00 बजे तक कुल 10 प्रतिशत अफसर-कर्मचारी पहुंचे
वैसे तो प्राधिकरण में सुबह 10:00 बजे तक पहुंचना होता है, लेकिन काफी अधिकारी और कर्मचारियों 11:00 बजे से पहले दफ्तर नहीं जाते। गुरुवार को ट्राईसिटी टुडे की टीम में इस प्रकरण को लेकर जांच-पड़ताल की। इस जांच के दौरान 11:00 बजे तक विभागों में 10 प्रतिशत से भी कम अधिकारी और कर्मचारी नजर आए। इस दौरान प्राधिकरण में किसान, ग्रामीण और आवंटी पहले से बैठे हुए मिले।

30 मिनट का लंच और ढाई घंटे तक फरार
अथॉरिटी के पूर्व सीईओ नरेंद्र भूषण ने बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया था, लेकिन कोराना काल के समय यह सिस्टम बंद हो गया और अब तक बायोमेट्रिक सिस्टम बंद पडा हुआ है। अथॉरिटी के अधिकारी अपनी मर्जी से दफ्तर आते और जाते हैं। लंच करने के लिए भी अथॉरिटी के अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी घर पर जाते हैं। डेढ बजे से पहले लंच करने के लिए निकल गए और उसके बाद 4:00 बजे तक वापस आते है। जबकि लंच का समय 30 मिनट का होता है। इस दौरान आंवटी और किसान, अधिकारी और कर्मचारियों के आने का इंतजार करते रहते है।

योगी आदित्यनाथ के सामने पहुंचा मामला
किसान नेता सुनील फौजी ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर में दर्ज कराई है। इसके अलावा उन्होंने अथाॅरिटी सीइओ को भी पत्र भेजकर बायोमेट्रिक सिस्टम को लागू कराने की मांग की है। जिससे किसान और आवंटियों के काम समय पर हो सके, अधिकारी और कर्मचारी समय पर अथॉरिटी में उपस्थित हो सके।

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