जनता तो झक मारकर आएगी, बस भाजपा का टिकट चाहिए, होर्डिंग और रैलिंग पर लटकर आकाओं को रिझाने की होड़

भाजपा की जन विश्वास यात्रा : जनता तो झक मारकर आएगी, बस भाजपा का टिकट चाहिए, होर्डिंग और रैलिंग पर लटकर आकाओं को रिझाने की होड़

जनता तो झक मारकर आएगी, बस भाजपा का टिकट चाहिए, होर्डिंग और रैलिंग पर लटकर आकाओं को रिझाने की होड़

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में भाजपा की जन विश्वास यात्रा

Greater Noida : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) आने वाला है। देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए ताकत झोंक दी है। पूरे राज्य में 'जन विश्वास यात्रा' (Jan Vishwas Yatra) चल रही है। रविवार को यह यात्रा नोएडा और ग्रेटर नोएडा पहुंची। हालात देखकर साफ लगता है, यह 'जन विश्वास यात्रा' कम और 'नेता विश्वास यात्रा' ज्यादा है। दरअसल, मौजूदा विधायकों के होते हुए भाजपा का हर छोटा-बड़ा नेता केवल टिकट मांगने की होड़ में जुट गया है।

जनता और जमीन से गायब हैं सारे नेता
टिकट मांगने की होड़ में लगे सारे नेता जनता और जमीन पर काम करने की बजाय होर्डिंग पर लटककर पार्टी के बड़े नेताओं को रिझाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। ग्रेटर नोएडा शहर और खासकर दादरी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे होर्डिंग सबसे ज्यादा लटकाए गए हैं। इसी सीट पर तमाम नेता टिकट मांगने की लाइन में हैं। जिन नेताओं के सबसे ज्यादा होर्डिंग खंभों और रैलिंग पर लटके हैं, उनमें भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सतेंद्र अवाना सबसे आगे हैं। सतेंद्र अवाना को लगता है कि दादरी सीट से उनका टिकट पक्का है। दादरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा में सम्राट मिहिरभोज से जुड़े विवाद में सतेंद्र सबसे आगे थे। नागर और भाटी गुर्जरों के बीच प्रतिस्पर्धा में वह खुद को पार्टी के लिए बीच का रास्ता मानकर चल रहे हैं।
कुलेसरा गांव के पवन त्यागी यकायक दादरी से टिकट की दावेदारी करने वालों में बहुत तेजी से दौड़ रहे हैं। गाहे-बगाहे दावा करते हैं कि बाकी सब पीछे छूट जाएंगे, टिकट उनके नाम का ही छपेगा। यह बात अलग है कि उनकी हिस्ट्रीशीट गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने खोल रखी है। गौतमबुद्ध नगर भाजपा के जिलाध्यक्ष विजय भाटी के दुलारे पवन त्यागी का तर्क जायज है कि अब भाजपा में उनसे बड़े-बड़े हिस्ट्रीशीटर हैं। महज दो दिन पहले पार्टी में किसी तरह शामिल होने वाली बेवन नागर भी दादरी से टिकट की लालसा पालने वालों में हैं। उन्होंने भी अपने होर्डिंग से शहर को पाटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। वैसे भी वह दादरी से टिकट मांगने वाली इकलौती महिला दावेदार हैं।

ब्लॉक प्रमुख बने तो विधायक क्यों नहीं?
दादरी विधानसभा सीट से जुड़ी एक और गजब कहानी आपको बताते हैं। इस सीट के दायरे में दो क्षेत्र पंचायत दादरी और बिसरख हैं। दादरी से बिजेंद्र भाटी और बिसरख से ओमपाल नागर की पत्नी गीता ब्लॉक प्रमुख हैं। बिजेंद्र भाटी और ओमपाल नागर, दोनों दादरी सीट से टिकट लेने के लिए बेकरार हैं। खास बात यह है कि इससे पहले दोनों का ही भाजपा से कोई रिश्ता-नाता नहीं था। ब्लाक प्रमुख बनने के लिए दोनों भाजपा में शामिल हुए। अब मास्टर तेजपाल नागर का टिकट कटवाकर चुनाव लड़ने का खम ठोक रहे हैं। दोनों ने भरपूर संख्या में होर्डिंग लटकाए हैं। 'जन विश्वास यात्रा' के बहाने नेताओं का विश्वास खुद में जमाने की पुरजोर कोशिश की है।

मंडल अध्यक्ष तक चुनाव लड़ने को आतुर
भाजपा से जुड़ी कई अच्छी रवायत हैं। चाय बेचने वाला यहां प्रधानमंत्री बन गया है। लिहाजा, मंडल अध्यक्ष तो बड़ी चीज हैं। पार्टी के कई मोर्चों के प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारी टिकट मांग रहे हैं। मंडल अध्यक्ष भी दौड़ में शरीक हैं। ऐसे कई लोगों ने अपने होर्डिंग जहां जगह मिली, वहां लटकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आश्चर्य यह है कि गौतमबुद्ध नगर में सांगठनिक रूप से सबसे बड़े पद पर ठाकुर हरीश सिंह और उसके बाद तेजा गुर्जर बैठे हैं और ये दोंनो ही चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मांग रहे हैं।

भाजपा का टिकट चाहिए, जनता तो झक मारकर आएगी
जन विश्वास यात्रा तो गुजरकर अगले जिले में पहुंच गई, लेकिन पूरे शहर की रंगत बिगड़ गई। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हर चौराहे और सड़क पर किसी ना किसी नेता ने अपने होर्डिंग लटका रखे हैं। यह न केवल शहर की बर्बादी है, बल्कि पैसे की भी बर्बादी है। पूरे जिले में करीब 100 नेताओं ने अपने होर्डिंग लगवाए हैं। बताया जा रहा है कि इस तामझाम पर इन नेताओं ने कई करोड़ रुपए खर्च कर डाले। सवाल यह उठता है, इतना मोटा पैसा खर्च करके केवल टिकट की कतार में खड़े होने वाले यह नेता जनता का विश्वास जीत पाएंगे? अब करोड़ों रुपये के इन होर्डिंगों को हटाने के लिए विकास प्राधिकरणों को लाखों रुपये खर्च करने होंगे। इन नेताओं का मनना है, "जनता तो झक मारकर आएगी, बस भाजपा का टिकट चाहिए।" फिर भला जनता के बीच जाकर काम करने का क्या फायदा?

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