गुर्जरी शब्द के विरोध में उतरे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, बोले- चंद लोग समाज का उपहास

ग्रेटर नोएडा में गुर्जरी कार्निवाल : गुर्जरी शब्द के विरोध में उतरे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, बोले- चंद लोग समाज का उपहास

गुर्जरी शब्द के विरोध में उतरे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, बोले- चंद लोग समाज का उपहास

Tricity Today | गुर्जरी शब्द के विरोध में उतरे भाजपा नेता

Greater Noida News : गुर्जरी कार्निवाल के विरोध में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रकम सिंह भाटी उतरे है। रकम सिंह भाटी के साथ कई और भाजपा नेता भी गुर्जरी कार्निवाल का विरोध कर रहे है। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा के क्यामपुर गांव में पंचायत का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता बलवीर प्रधान और संचालन अमित पहलवान ने किया। 

गुर्जरी कार्निवाल महोत्सव क्या अर्थ है?
पंचायत में रकम सिंह भाटी ने कहा, "चंद लोगों ने गुर्जर समाज का उपहास उड़ाने का काम किया है। गुर्जरी कार्निवाल महोत्सव क्या अर्थ है, यह संस्था के आयोजकों को बताना चाहिए। गुर्जरी कार्निवाल में यह स्त्री लिंग का प्रयोग किया गया है। जबकि इसका नाम गुर्जर कार्निवाल होना चाहिए था। वह समाज के सभी लोग हिस्सा लेते, अगर गुर्जर कार्निवाल में अन्य समाज के लोगों को बुलाना था तो इसका होली उत्सव कार्यक्रम का नाम रख सकते थे।" रकम सिंह भाटी ने आगे कहा, "समाज के नाम पर भद्दा मजाक बनाना स्त्री वाचक शब्द का प्रयोग करना गुर्जर समाज का पुरजोर विरोध करता है। संस्थान गुर्जर समाज के स्वर्गीय बाबू हुकम सिंह इस संस्था के संस्थापक थे।"

आयोजकों पर लगाए यह आरोप
उन्होंने कार्यक्रम पर आरोप लगाए हुए कहा, "आज भतीजे को भी निमंत्रण देना उचित नहीं समझा। बाबूजी का सपना था कि समाज सामाजिक राजनीतिक आर्थिक शैक्षिक दृष्टि से शोध हो विचार मंथन हो। जिससे समाज आगे बढ़ सके, लेकिन आयोजकों ने इस संस्था को निजी संस्था बना लिया है। उसका जीता जागता उदाहरण है। क्षेत्र के सभी प्रमुख लोगों को इससे दूर रखा गया है। किसी को भी संस्था की मेंबरशिप से वंचित रखा गया है और अपने हित साधने के लिए अपने रिश्तेदार ऑफ शुभचिंतकों को संस्था दी गई। जिससे वह मनमानी कर सके। यह बाबू हुकम सिंह के सपनों को अधूरा छोड़ने का कुपित प्रयास है, जिसका गुर्जर समाज विरोध करता है।"

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