Greater Noida News : आईटीबीपी ग्रेटर नोएडा के रेफरल अस्पताल में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की एसआई परीक्षा पास करके मेडिकल कराने वाले से रिश्वत मांगने के आरोपी कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल समेत तीन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एंटी करप्शन ब्यूरो गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित ने ईमेल के जरिये आईटीबीपी के उच्च अधिकारियों को ई-मेल के जरिये शिकायत की थी।
राजस्थान के अलवर के राम सिंह मीणा ने एसएससी के जरिये सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा 2018 में पास की थी। इसके बाद उन्हें ग्रेटर नोएडा के आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में 16 मार्च 2020 को डिटेल मेडिकल एग्जामिनेशन (डीएमई) के लिए भेजा गया। शिकायत में बताया कि डीएमई पास कराने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर उसे डीएमई में फेल कर दिया। इसके बाद राम सिंह मीणा ने इसकी शिकायत ईमेल के जरिये 18 मार्च 2020 को आईटीबीपी के उच्च अधिकारियों से की। इसके बाद इस मामले की शिकायत सीबीआई से की गई। सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की। शिकायतकर्ता ने अधिकारियों को वे मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए, जिनके जरिये उससे घूस के लिए बात की गई।
सीबीआई के एंटी करप्शन ब्यूरो गाजियाबाद ने मामले की जांच शुरू की। जांच पाया कि हरवीर सिंह कांस्टेबल (चालक), 6 बटालियन आईटीबीपी जलालपुर छपरा बिहार व रामकुमार वर्मा हेड कांस्टेबल 39वीं बटालियन आईटीबीपी सूरजपुर ने शिकायतकर्ता से डीएमई पास कराने के लिए 1.50 लाख रुपये की घूस मांगी गई। जांच में पाया गया कि इसके लिए आरोपियों ने कई बार फोन किया। जांच में यह भी बात सामने आई कि ये लोग कई और उम्मीदवारों से संपर्क में थे। ये उम्मीदवार भी यहां पर डीएमई के लिए आए थे। जांच के उपरांत एंटी करप्शन ब्यूरो गाजियाबाद में इसी 4 मार्च को आरोपी हरवीर सिंह, रामकुमार वर्मा और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।